अब कन्फर्म टिकट करना हुआ और भी आसान, IRCTC की नई बोट तकनीक से चुटकियों में होगा बुक
आईआरसीटीसी के सीएमडी संजय जैन ने बताया कि इस नई सुविधा के लागू होने से बीते दिनों में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है. उदाहरण के तौर पर सिर्फ दो दिन पहले प्रति मिनट 31 हजार से ज्यादा टिकट बुक किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है.
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Indian Railway: भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकटिंग सेवा अब पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और आम यात्रियों के लिए सुविधाजनक हो गई है. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने तकनीक में बड़ा बदलाव करते हुए नई AI आधारित AMI बोट सर्विस को सिस्टम में शामिल किया है. इस बोट का मुख्य उद्देश्य है – आम यात्रियों को तेज़ी से टिकट बुक करने की सुविधा देना और साथ ही उन दलालों पर लगाम कसना, जो अब तक फर्जी तरीकों से तत्काल टिकट बुक कर लेते थे.
आईआरसीटीसी के सीएमडी संजय जैन ने बताया कि इस नई सुविधा के लागू होने से बीते दिनों में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है. उदाहरण के तौर पर सिर्फ दो दिन पहले प्रति मिनट 31 हजार से ज्यादा टिकट बुक किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है. यह तकनीक खासकर सामान्य यूजर्स को प्राथमिकता देती है ताकि उन्हें सर्वर डाउन या स्लो जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
AI आधारित AMI बोट क्या है और कैसे करती है काम?
AMI बोट दरअसल एक तरह की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक है, जो टिकट बुकिंग के दौरान उपयोगकर्ता के व्यवहार को पढ़ती है. यदि कोई सिस्टम टिकट बुक करते समय बहुत असामान्य गति से डिटेल फीड कर रहा है, जैसे कि पूरा फॉर्म 10 से 20 सेकेंड में भर जा रहा है, तो यह साफ संकेत होता है कि कोई ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर या बॉट का इस्तेमाल हो रहा है. जबकि एक आम व्यक्ति को यही प्रक्रिया मैन्युअली करने में कम से कम दो मिनट लगते हैं.
ऐसे में AMI बोट तुरंत पहचान लेती है कि यह सामान्य बुकिंग नहीं है, और ऐसे टिकट को प्रोसेस नहीं होने देती. इस तरह यह बोट टेक्नोलॉजी दलालों के साफ्टवेयर आधारित बुकिंग सिस्टम को ब्लॉक कर देती है. इससे आम यात्री को टिकट मिलने के चांस पहले से बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं.
दलालों की अब नहीं चलेगी चाल – फर्जी तरीके हुए फेल
अब तक कई दलाल या एजेंट्स स्पेशल सॉफ्टवेयर की मदद से जैसे ही तत्काल बुकिंग खुलती थी, पलक झपकते ही सारी डिटेल ऑटो फीड कर देते थे और आम यात्रियों को टिकट ही नहीं मिल पाता था. इससे यात्रियों में काफी नाराजगी थी और रेलवे की छवि पर भी असर पड़ रहा था.
लेकिन अब AMI बोट ऐसे "सुपरफास्ट" व्यवहार को बॉट पैटर्न मानकर ब्लॉक कर देती है. यह पूरी तरह से फेयर टिकट बुकिंग सिस्टम को प्रमोट करती है. अब जो टिकट मिलेगा, वह सही तरीके से मैन्युअल प्रक्रिया से बुकिंग करने वाले यात्री को ही मिलेगा.
क्या फर्क पड़ा इस नई व्यवस्था से?
1. अब IRCTC सर्वर स्लो नहीं होता, भारी ट्रैफिक के बावजूद बुकिंग तेज़ी से होती है.
2. आम यात्री अब तत्काल टिकट की दौड़ में पीछे नहीं छूटता.
3. प्रति मिनट टिकट बुकिंग का नया रिकॉर्ड – 31,000+ बुकिंग, आम लोगों के लिए बड़ी राहत.
4.दलालों की सॉफ्टवेयर आधारित बुकिंग पर सख्त रोक, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है.
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