FASTag का नया नियम हुआ लागू, सरकार ने किए बड़े बदलाव
Fastag Rules: सरकार की और से जारी नए नियमों के तहत अगर गाडी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा।ऐसे पेमेंट एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट हो जाएंगे।

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Fastag Rules: फास्टैग का नया नियम सोमवार यानी 17 फरवरी से लागू हो गया है। इसके तहत कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगेगा।इसका मकसद फास्टैग मि दिक्कत के कारण टोल पर वाहनों की लंबी कतारों को कम करना होगा।सरकार की और से जारी नए नियमों के तहत अगर गाडी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा।ऐसे पेमेंट एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट हो जाएंगे।
पहले रिचार्ज करें फास्टैग
अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है , तो यूजर्स पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे। अब फास्टैग पहले रिचार्ज करना होगा।
फास्टैग वेलिडेशन में बदलाव
NPCI के 28 जनवरी के सर्कुलर के अनुसार , अब फास्टैग ट्रांजेक्शन को तय सीमा में पूरा करना अनिवार्य होगा ,
- टोल स्कैन से 60 मिनट पहले , अब फास्टैग को ब्लैकलिस्ट , हॉटलिस्ट या कम बैलेंस की स्थिति में एक घंटे से अधिक समय हो गया है।तो ट्रांसजेक्शन को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
- अगर ये दोनों शर्ते पूरी होती है, तो सिस्टम एरर कोड 176 के साथ ट्रांसजेक्शन को अस्वीकार कर देगा और यूजर को टोल शुल्क का दोगुना जुर्माना देना पड़ेगा।
फास्टैग यूजर पर असर
फास्टैग खाते को दो श्रेणियों में बात गया है। व्हाइटलिस्टेड और ब्लैकलिस्ट। फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने के मुख्य कारण है :
अपर्याप्त बैलेंस
पेंडिंग KYC वेरिफिकेशन
वाहन रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी
नए नियमों के तहत ,अगर आपका फास्टैग टोल बूथ पर पहुंचने से 60 मिनट पहले ब्लैकलिस्ट हो चुका है। तो आप अंतिम समय में रिचार्ज करके इससे बच नहीं सकते। हालांकि, अगर टोल स्कैन के 10 मिनट के भीतर रिचार्ज कर लिया जाता है, तो केवल सामान्य टोल शुल्क देना होगा और दोगुना जुर्माने से बचा जा सकता है।
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नए नियमों का ये है मकसद
यह बदलाव टोल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और टोल प्लाजा पर होने वाले विवादों को कम करेगा। एक क़ानूनी विशेषज्ञ ने कहा ,यह प्रणाली ट्रांसजेक्शन फ़ैल होने की घटनाओं को घटाएगी ,टोल अनुभव को बेहतर बनाएगी और यूजर्स को अपने अकाउंट मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करेगी।इसके अलावा , इस नए सिस्टम का मकसद टोल कनेक्शन को ज्यादा पारदर्शी और सुचारु बनाना है , ताकि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को रोका जा सके। जो यूजर्स इन बदलावों से अवगत नहीं है , उन्हें अतिरिक्त शुल्क भरना पड़ सकता है।