ITR Filing 2025: अब इनकम टैक्स रिटर्न भरना हुआ आसान, लेकिन डेडलाइन मिस की तो लगेगा ₹5,000 का जुर्माना!
ITR Filing 2025: अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो अब समय बहुत कम बचा है. इस साल जिन लोगों का अकाउंट ऑडिट के दायरे में नहीं आता, उनके लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है. अगर आप इस तारीख के बाद फाइल करते हैं तो आपको सिर्फ जुर्माना ही नहीं देना होगा.
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ITR Filing 2025: अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो अब समय बहुत कम बचा है. इस साल जिन लोगों का अकाउंट ऑडिट के दायरे में नहीं आता, उनके लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है. अगर आप इस तारीख के बाद फाइल करते हैं तो आपको सिर्फ जुर्माना ही नहीं देना होगा, बल्कि हर महीने आपकी देरी पर 1% एक्स्ट्रा ब्याज भी लगेगा. यानी आपकी जेब पर डबल मार पड़ सकती है.खासकर अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, और आपने तय तारीख तक ITR नहीं भरा, तो आपको सीधे 5,000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसलिए एक्सपर्ट्स का साफ सुझाव है कि आखिरी हफ्ते का इंतज़ार न करें और जितनी जल्दी हो सके, रिटर्न फाइल कर दें.
अब मोबाइल से ITR फाइल करना हुआ बेहद आसान
पहले ITR भरना एक झंझट भरा काम माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आयकर विभाग ने इसे बेहद आसान बना दिया है. अब आप अपने मोबाइल फोन से भी कुछ ही मिनटों में ITR फाइल कर सकते हैं. इसके लिए दो सरकारी ऐप्स उपलब्ध हैं –AIS for Taxpayer
Income Tax Department App ये ऐप्स Android और iOS दोनों पर उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि अब सैलरी पाने वाले, पेंशनर या छोटे टैक्सपेयर बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के खुद से रिटर्न फाइल कर सकते हैं. लॉगिन करने के लिए आपको बस अपना PAN नंबर, आधार, या यूज़र आईडी और पासवर्ड डालना होता है. सुरक्षा के लिए ऐप में आधार OTP और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं.
पहले से भरी हुई जानकारी और सही फॉर्म की पहचान
इन ऐप्स में आपको आपकी AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) पहले से मिल जाती है, जिसमें आपके बैंक, नियोक्ता और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों से मिली जानकारी पहले से अपडेट होती है.
इसके अलावा, ऐप आपकी इनकम सोर्स के हिसाब से सही ITR फॉर्म भी सजेस्ट करता है. आप ज़रूरत के अनुसार अपनी जानकारी एडिट या नया इनकम सोर्स ऐड भी कर सकते हैं जैसे कि FD का ब्याज या किराए से हुई कमाई. रिटर्न भरने के बाद आप इसे आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर से आसानी से e-verify कर सकते हैं. इसके बाद आपको तुरंत acknowledgement मिल जाता है, जो यह साबित करता है कि आपका ITR फाइल हो चुका है.
प्राइवेट प्लेटफॉर्म्स भी बना रहे हैं काम आसान
सरकारी ऐप्स के अलावा कुछ प्राइवेट टैक्स फाइलिंग प्लेटफॉर्म्स भी काफी मददगार साबित हो रहे हैं. ये प्लेटफॉर्म आयकर विभाग से मान्यता प्राप्त हैं और इनमें कई एक्स्ट्रा फीचर्स मिलते हैं:
ClearTax – आसान इंटरफेस, Form 16 अपलोड करने की सुविधा और पर्सनल टैक्स सलाह.
TaxBuddy – रियल टाइम एक्सपर्ट गाइडेंस और छूट/छूट की जानकारी.
MyITreturn – पर्सनल और बिज़नेस दोनों तरह के टैक्सपेयर के लिए सपोर्ट.
इन प्लेटफॉर्म्स पर आप गलती पकड़ने (error detection), deduction optimization (जैसे 80C, 80D) और टैक्स सेविंग टिप्स जैसी सुविधाओं का लाभ भी ले सकते हैं.
इन गलतियों से बचना जरूरी है
ITR फाइल करते समय लोग अक्सर कुछ कॉमन गलतियां कर बैठते हैं, जिससे रिफंड में देरी या फिर पेनाल्टी भी लग सकती है. आइए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना है:
गलत ITR फॉर्म चुनना – हर व्यक्ति की इनकम कैटेगरी के हिसाब से अलग फॉर्म होता है. गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है.
सभी इनकम सोर्स न जोड़ना – FD ब्याज, रेंटल इनकम या फ्रीलांस इनकम जैसी आमदनी को भूलना भारी पड़ सकता है.
Form 16 और Form 26AS का मिलान न करना – अगर ये दोनों मेल नहीं खाते तो आपकी फाइलिंग गलत मानी जा सकती है.
e-Verification न करना – जब तक आप ITR को verify नहीं करते, वह पूरी तरह से फाइल नहीं माना जाता.
गलती हो गई तो क्या करें?
अगर आपसे गलती हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 154 के तहत आप Rectification Request डाल सकते हैं. इसके जरिए आप:
- कैलकुलेशन की गलती सुधार सकते हैं
- TDS/Tax Credit के मिसमैच ठीक कर सकते हैं
- कोई जरूरी जानकारी जो छूट गई हो, उसे अपडेट कर सकते हैं
किन लोगों को रिटर्न फाइल करना जरूरी है?
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15 सितंबर की डेडलाइन उन सभी पर लागू होती है जिनका अकाउंट ऑडिट के दायरे में नहीं आता. इनमें ये लोग शामिल हैं:
- जिनकी सालाना इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ऊपर है (₹2.5 लाख या ₹3 लाख/₹5 लाख, उम्र के अनुसार)
- सैलरी, पेंशन, या प्रोफेशनल इनकम वाले लोग
- जिनका TDS या TCS ₹25,000 (सीनियर सिटीजन के लिए ₹50,000) से ज्यादा कटा है
- जिन्होंने ₹2 लाख या उससे ज्यादा विदेश यात्रा की है
- जिनका बिज़नेस या प्रोफेशनल इनकम ₹10 लाख से ज्यादा है
- जिनके पास फॉरेन एसेट्स हैं या जो उनके बेनिफिशियरी हैं
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