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Instagram पर अश्लील वीडियो पोस्ट किया तो होगी जेल! जानिए क्या कहता है कानून

आजकल सोशल मीडिया ने हर किसी को एक मंच दिया है जहां वह अपनी बात कह सकता है, खुद को दिखा सकता है, लेकिन यह आज़ादी जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना जरूरी है.अश्लील या अभद्र कंटेंट सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं होता, बल्कि यह समाज के ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जरूरी है कि हम सभी डिजिटल दुनिया में संयम, समझदारी और मर्यादा बनाए रखें.

26 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
10:07 AM )
Instagram पर अश्लील वीडियो पोस्ट किया तो होगी जेल! जानिए क्या कहता है कानून
Image Credit: Pexels

Instagram: आज के दौर में इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों के लिए खुद को अभिव्यक्त करने का सबसे आसान जरिया बन चुके हैं. यहां हर दिन लाखों लोग अपनी तस्वीरें, वीडियो और रील्स के जरिए अपनी क्रिएटिविटी, सोच और जिंदगी को लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं. लेकिन इस आज़ादी और खुलापन कुछ लोगों को गलत दिशा में भी ले जा रहा है. सस्ती लोकप्रियता या वायरल होने की चाह में कई यूज़र ऐसे वीडियो और कंटेंट डाल रहे हैं, जो न सिर्फ अश्लील होते हैं, बल्कि समाज के लिए आपत्तिजनक भी माने जा सकते हैं.

अश्लीलता फैलाना सिर्फ नैतिक नहीं, बल्कि कानूनी अपराध भी है

सोशल मीडिया पर ऐसा व्यवहार करने वालों को लगता है कि वे बस मज़े या फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए कुछ कर रहे हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि भारत में इंटरनेट पर की गई हर गतिविधि कानून के दायरे में आती है. खासकर जब बात अश्लील या भड़काऊ कंटेंट की हो, तो कानून और भी सख्त हो जाता है. आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से अश्लील सामग्री प्रकाशित करता है, साझा करता है या प्रसारित करता है, तो उसे अपराध माना जाता है. पहली बार ऐसा करने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है. अगर वही व्यक्ति दोबारा यही हरकत करता है, तो सजा पांच साल तक बढ़ सकती है.

BNS की नई धाराएं भी ऐसे मामलों में हैं सख्त

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में भी इस तरह की गतिविधियों को लेकर कड़े प्रावधान रखे गए हैं. धारा 354 उन मामलों में लागू होती है जहां कोई व्यक्ति अश्लील सामग्री को किसी रूप में बेचता, प्रचारित करता या दूसरों को दिखाता है, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन. इसके तहत आरोपी को दो साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

वहीं धारा 356 उन मामलों में लगाई जाती है जहां कोई व्यक्ति सार्वजनिक या डिजिटल मंच पर ऐसा कोई काम करता है या सामग्री साझा करता है जिससे किसी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचती है या वह हरकत सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ होती है. चूंकि इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म अब सार्वजनिक मंच माने जाते हैं, इसलिए इन धाराओं का सीधा इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जा सकता है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भी है सख्त पॉलिसी

कानूनी कार्रवाई से पहले भी सोशल मीडिया कंपनियों की अपनी सख्त गाइडलाइंस होती हैं। इंस्टाग्राम और मेटा (जिसके अंतर्गत इंस्टाग्राम आता है) ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए लगातार मॉनिटरिंग करते हैं. अगर कोई यूज़र बार-बार उनकी पॉलिसी का उल्लंघन करता है, तो उसका अकाउंट डिलीट या बैन किया जा सकता है. कुछ मामलों में प्लेटफॉर्म पुलिस या जांच एजेंसियों को उस यूज़र की जानकारी भी सौंप देते हैं.

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि अगर कोई व्यक्ति अपना अकाउंट डिलीट कर देता है, तब भी यदि उस पर कोई आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट किया गया था, तो पुलिस उस पर कार्रवाई कर सकती है. यानी ऑनलाइन की गई हरकत से बचने का रास्ता नहीं है.

सोशल मीडिया की आज़ादी का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें

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आजकल सोशल मीडिया ने हर किसी को एक मंच दिया है जहां वह अपनी बात कह सकता है, खुद को दिखा सकता है, लेकिन यह आज़ादी जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना जरूरी है.अश्लील या अभद्र कंटेंट सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं होता, बल्कि यह समाज के ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जरूरी है कि हम सभी डिजिटल दुनिया में संयम, समझदारी और मर्यादा बनाए रखें. 

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