अगर ट्रेन में मिले गंदा या बासी खाना? रेलवे से तुरंत ऐसे लें मुआवज़ा
ट्रेन में यात्रा करते समय यदि आपको खराब, अस्वास्थ्यकर या गंदा खाना परोसा जाता है, तो आप केवल शिकायत दर्ज ही नहीं कर सकते, बल्कि उचित मुआवज़ा भी पा सकते हैं. यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए रेलवे ने तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और नियम लागू किए हैं.

Indian Railway: भारतीय रेलवे देश के करोड़ों लोगों के लिए यात्रा का सबसे बड़ा और भरोसेमंद साधन है. लंबे सफर के दौरान यात्री ट्रेन में मिलने वाले खाने पर निर्भर रहते हैं. खासकर प्रीमियम ट्रेनों जैसे राजधानी, शताब्दी और दुरंतो में टिकट के साथ भोजन की सुविधा शामिल होती है. लेकिन कई बार यात्रियों को गंदा, ठंडा या खराब खाना परोसा जाता है, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है और यात्रा का अनुभव भी खराब होता है.
ट्रेन में खाना कौन उपलब्ध कराता है?
भारतीय रेलवे में खानपान की व्यवस्था मुख्यतः IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) द्वारा की जाती है. IRCTC ठेकेदारों के ज़रिए ट्रेनों में यात्रियों को खाना पहुंचाता है. लेकिन इसकी गुणवत्ता बनाए रखने की जिम्मेदारी भी IRCTC की ही होती है.
अगर खाना खराब, गंदा या अधपका हो तो क्या करें?
अगर ट्रेन में परोसा गया खाना:
- गंदा हो
- अधपका हो
- बदबूदार या बासी हो
- पैक्ड फूड की एक्सपायरी डेट निकल गई हो
- खाने से आपको फूड पॉइज़निंग या स्वास्थ्य समस्या हो जाए
तो यह स्पष्ट रूप से रेलवे की सेवा में कमी (Deficiency in Service) माना जाएगा.
क्या आप मुआवज़ा मांग सकते हैं?
हाँ। यदि आपको ट्रेन में खराब खाना दिया गया है, तो आप रेलवे से क्लेम (Claim) कर सकते हैं. इसके लिए कुछ विकल्प हैं:
1. IRCTC को शिकायत दर्ज करें:
- IRCTC की वेबसाइट (www.irctc.co.in) या 'फूड सेफ्टी' पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है.
- आप ट्रेन के टिकट पर लिखे हुए PNR नंबर और डिटेल्स के साथ शिकायत दर्ज करें.
- 139 पर कॉल या SMS करें
- 'Rail Madad' ऐप के ज़रिए शिकायत दर्ज करें
- Twitter पर @IRCTCofficial या @RailMinIndia को टैग करके शिकायत की जा सकती है
3. कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज करें:
यदि रेलवे से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो आप कंज्यूमर फोरम/कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं. इसके लिए आपको:
- टिकट की कॉपी
- खाने की फोटो या वीडियो सबूत
- मेडिकल रिपोर्ट (अगर फूड पॉइजनिंग हुई हो)
जैसे दस्तावेज़ पेश करने होंगे.
कितना मुआवज़ा मिल सकता है?
मुआवज़े की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि:
- नुकसान कितना हुआ है
- क्या स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा?
- आपने कितनी बार शिकायत की
- क्या सेवा में लापरवाही साफ दिख रही है
उदाहरण के तौर पर:
- खाने की राशि वापस की जा सकती है
- मानसिक और शारीरिक परेशानी के आधार पर ₹5,000 से ₹30,000 या उससे ज़्यादा मुआवज़ा मिल सकता है (कंज्यूमर कोर्ट के निर्णय पर निर्भर)
रेलवे के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है?
अगर किसी खाने की गुणवत्ता की शिकायतें बार-बार आती हैं, तो:
- ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जा सकता है
- लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है
- संबंधित कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है
- IRCTC हर महीने खानपान की गुणवत्ता की ऑडिट करता है और यात्रियों की प्रतिक्रिया को बहुत गंभीरता से लेता है.
- खाने की गुणवत्ता को लेकर यात्रियों के अधिकार
- स्वच्छ और सुरक्षित भोजन पाने का अधिकार
शिकायत दर्ज करने का अधिकार
सेवा में कमी होने पर मुआवज़ा पाने का अधिकार
जानकारी पाने का अधिकार (खाने की रेसिपी, सामग्री, पैकिंग डेट आदि)
ट्रेन में यात्रा करते समय यदि आपको खराब, अस्वास्थ्यकर या गंदा खाना परोसा जाता है, तो आप केवल शिकायत दर्ज ही नहीं कर सकते, बल्कि उचित मुआवज़ा भी पा सकते हैं. यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए रेलवे ने तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और नियम लागू किए हैं.