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अगर आपको भी करवाना है अपना चालान माफ़, तो तुरंत यहां जाकर करें ये काम

Traffic Challan: दिल्ली पुलिस ने पेंडिंग चलाना निपटाने के लिए स्पेशल इवनिंग कोर्ट्स लगाने का एलान किया है। ये अदालत 20 दिसंबर 2024 से दिल्ली की जिला अदालतों में लगवाई जायेगी।

18 Dec, 2024
( Updated: 18 Dec, 2024
10:31 AM )
अगर आपको भी करवाना है अपना चालान माफ़, तो तुरंत यहां जाकर करें ये काम
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Traffic Challan: भारत देश में हर चीजों के लिए कुछ न कुछ नियम बनाया गया है। वो चाहे अपराध को लेकर हो या फिर ट्रैफिक को लेकर , हर किसी ने लिए नियम, कानून बना हुआ है। बहुत से लोगो का किसी न किसी कारण तगड़ा चालान कटा ही होगा। लेकिन ज्यादा चालान की वजह से आप उसको जमा करने में असमर्थ है तो ये खबर आपके लिए है। क्या आप अपना ट्रैफिक चालान जीरो करवाना चाहते है ? दरअसल अगर आप अपना ट्रैफिक चालान जीरो करवाना चाहते हो तो आपके लिए है एकदम शानदार मौका। 

दिल्ली पुलिस ने पेंडिंग चलाना निपटाने के लिए स्पेशल इवनिंग कोर्ट्स लगाने का एलान किया है। ये अदालत 20  दिसंबर 2024 से दिल्ली की जिला अदालतों में लगवाई जायेगी। वही इसके साथ ही इसकी टाइमिंग शाम 5 बजे से 7 बजे तक होगी।  इस दौरान आप स्पेशल इवनिंग कोर्ट्स में अपने पेंडिंग ट्रैफिक चालान को जीरो करवा सकते है।  आइये जानते है इस खबर को विस्तार से .........

इसके लिए क्या है प्रक्रिया 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये स्पेशल इवनिंग कोर्ट्स द्वारका के अलावा कदक्कड़कडुमा कोर्ट , पटियाला हाउस कोर्ट ,रोहिणी कोर्ट , राउस एवेन्यू कोर्ट,साकेत कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में चलायी जायेगी।हालांकि इसके लिए पहलें आपको अप्पोइन्मटमेंट लेना होगा। अपॉइंटमेंट लेने के लिए सबसे पहलें इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करना होगा।  इसके बाद आपको गाडी का नंबर और कैप्चा भरना होगा।  फिर चालान और नोटिस प्रिंट करने के लिए सर्च बटन पर क्लिक करना होगा।इस पर क्लिक करने के बाद आपको 31 दिसंबर 2021 के लंबित वर्चुअल कोर्ट चालान और नोटिस प्राप्त होंगे। 

स्पेशल कोर्ट में माफ़ हो जायेगा चालान 

आपका चालान 1000 रूपये का है ,तो आप कोर्ट से माफ़ी मांग सकते है और नरम रुख अपनाने की अपील कर सकते है।  कोर्ट अपने विवेक से चालान 500 रूपये या 200 रूपये कर सकती है।  आपका चालान पूरा भी माफ़ किया जा सकता है।हालांकि ये पूरा जज पर निर्भर करता है।  इवनिंग कोर्ट नियमित कोर्ट की तरह काम करती है , जिसमे  महीने आधार न्यायिक मजिस्टेटे की ड्यूटी लगाई जाती है।    

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