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तेल-गैस महंगा तो बिजली भी महंगी! दिल्ली में नया फार्मूला लागू

कई बार गर्मियों में जब ज्यादा एसी या कूलर चलते हैं, तो बिल बढ़ जाता है. लेकिन सर्दियों या बारिश के मौसम में थोड़ा राहत मिलती है क्योंकि बिजली की खपत कम होती है.

01 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:11 AM )
तेल-गैस महंगा तो बिजली भी महंगी! दिल्ली में नया फार्मूला लागू
Source: Electricity Bill

दिल्ली में रहने वाले लोगों को बिजली के बिल को लेकर अक्सर शिकायत रहती है कि ये बहुत ज्यादा आता है. कई बार गर्मियों में जब ज्यादा एसी या कूलर चलते हैं, तो बिल बढ़ जाता है. लेकिन सर्दियों या बारिश के मौसम में थोड़ा राहत मिलती है क्योंकि बिजली की खपत कम होती है. अब ऐसा हो सकता है कि आपके घर में बिजली की खपत चाहे जैसी भी हो, बिल हर महीने बदलता रहे. यानी एक जैसे इस्तेमाल के बावजूद, हर महीने बिल अलग-अलग आएगा.

क्या बदलने वाला है बिजली के नियम में?

दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) एक नए नियम पर विचार कर रहा है. इसके तहत अब बिजली की कीमतें तेल, कोयला और गैस जैसी चीजों की कीमत के हिसाब से हर महीने बदलेंगी. इसका मतलब ये है कि अगर ईंधन की कीमतें बढ़ेंगी, तो बिजली बनाना महंगा होगा और इसका सीधा असर आपके बिजली बिल पर पड़ेगा. पहले ये बदलाव हर 3 महीने में होते थे और DERC की मंजूरी के बाद ही कंपनियां इसे लागू करती थीं. लेकिन अब अगर नया नियम लागू हो गया, तो बिजली कंपनियों को हर महीने बिल में बदलाव करने की छूट मिल जाएगी और उन्हें DERC से हर बार पूछने की जरूरत नहीं होगी.

क्या होता है FPPAS?

इस नए नियम के तहत एक शब्द बहुत बार आएगा FPPAS यानी फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज. आसान भाषा में कहें तो यह एक अतिरिक्त चार्ज है जो बिजली कंपनियां आपसे वसूलती हैं, जब ईंधन या बिजली खरीदने की लागत बढ़ जाती है. अभी यह चार्ज हर 3 महीने बाद आपके बिल में जोड़ा जाता है, लेकिन अब इसे हर महीने जोड़ने की तैयारी है. इससे कंपनियों को फायदा होगा, लेकिन उपभोक्ताओं यानी आम जनता को झटका लग सकता है क्योंकि अब हर महीने बिल में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा.

कंपनियों को फायदा, आम जनता को नुकसान?

बिजली कंपनियों का कहना है कि जब ईंधन महंगा हो जाता है, तो उन्हें नुकसान होता है क्योंकि उन्हें अपनी लागत निकलने में मुश्किल होती है. अगर उन्हें हर महीने यह चार्ज जोड़ने की अनुमति मिल जाएगी, तो उनका खर्च तुरंत वसूल हो जाएगा. लेकिन आम लोगों के लिए यह मुश्किल पैदा कर सकता है क्योंकि उन्हें हर महीने अपने खर्च और बजट को नए हिसाब से तय करना पड़ेगा. हालांकि DERC ने यह भी कहा है कि FPPAS की सीमा 10% तक ही होगी, ताकि कंपनियां ज्यादा पैसा ना वसूल पाएं.

जनता से मांगी गई राय

DERC ने साल 2017 के टैरिफ नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है और इस पर जनता से सुझाव मांगे हैं. अगर आप इस बदलाव से सहमत हैं या असहमत हैं, तो आप भी 24 सितंबर तक अपनी राय भेज सकते हैं. अभी तक यह नया नियम लागू नहीं हुआ है, लेकिन अगर इसे मंजूरी मिल गई तो अक्टूबर या उसके बाद से यह लागू हो सकता है. इसलिए, जागरूक रहना जरूरी है.

क्या करना चाहिए आपको?

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और बिजली बिल में होने वाले इन बदलावों से प्रभावित हो सकते हैं, तो आपको चाहिए कि:

अपने मासिक बजट की योजना बनाते समय बिजली बिल के बदलाव को ध्यान में रखें.

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DERC की वेबसाइट पर जाकर अपना फीडबैक जरूर दें. बिजली खपत को नियंत्रित रखने की कोशिश करें, ताकि ज्यादा बिल से बचा जा सके.

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