सावन में शिवभक्तों के लिए खुशखबरी, अब घर बैठे मिलेगा सोमनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर का पवित्र प्रसाद
सावन के इस पावन महीने में अगर आप भगवान शिव का आशीर्वाद अपने घर लाना चाहते हैं, तो यह सेवा आपके लिए सबसे बड़ा अवसर है. अब न तो दूरी आस्था में बाधा बनेगी और न ही समय की कमी. श्रद्धा अब सीधे आपके द्वार तक पहुंचेगी पवित्र प्रसाद के रूप में.
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Sawan 2025: सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. यह समय होता है जब आस्था अपनी चरम पर होती है और लाखों श्रद्धालु देश के प्रमुख शिव मंदिरों की यात्रा पर निकलते हैं. मंदिरों में लंबी कतारें, भीड़, गर्मी और यात्रा की कठिनाइयों के बावजूद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं होता. परंतु अब उन भक्तों के लिए एक बड़ी सौगात आई है, जो किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पाते. भारतीय डाक विभाग ने ऐसी सेवा शुरू की है जिससे श्रद्धालु अब देश के कोने-कोने से भगवान शिव के पवित्र मंदिरों श्री सोमनाथ और श्री काशी विश्वनाथ का प्रसाद सीधे अपने घर मंगवा सकते हैं.
घर बैठे मिलेगा श्री सोमनाथ मंदिर का प्रसाद
उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने जानकारी दी कि श्री सोमनाथ ट्रस्ट और भारतीय डाक विभाग के बीच एक विशेष समझौता हुआ है. इसके तहत कोई भी श्रद्धालु मात्र ₹270 का ई-मनीऑर्डर भेजकर भगवान सोमनाथ का प्रसाद मंगा सकता है. यह सेवा उन लोगों के लिए वरदान है जो यात्रा पर नहीं जा सकते पर अपनी श्रद्धा को जीवित रखना चाहते हैं.
प्रसाद पाने के लिए मनीऑर्डर भेजें इस पते पर:
"प्रसाद के लिए बुकिंग"
श्री सोमनाथ ट्रस्ट, प्रभास पाटन,
जिला – जूनागढ़, गुजरात – 362268
प्रसाद में शामिल होगा:
200 ग्राम बेसन के लड्डू
100 ग्राम तिल की चिक्की
100 ग्राम मावा की चिक्की
यह पवित्र प्रसाद 400 ग्राम के एक सुरक्षित डिब्बे में पैक करके स्पीड पोस्ट के जरिए श्रद्धालु के पते पर भेजा जाता है.
काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद भी अब आपके द्वार
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, जो कि वाराणसी में स्थित है और भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, उसका प्रसाद भी अब घर बैठे मंगवाया जा सकता है. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट और डाक विभाग की साझेदारी के तहत श्रद्धालु सिर्फ ₹251 का ई-मनीऑर्डर भेजकर यह सेवा ले सकते हैं.
मनीऑर्डर भेजने का पता:
प्रवर अधीक्षक डाकघर,
वाराणसी (पूर्वी मंडल) – 221001
काशी प्रसाद में मिलेगा:
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि
महामृत्युंजय यंत्र
शिव चालीसा
108 रुद्राक्ष की माला
बेलपत्र
भगवान शिव का प्रतीकात्मक सिक्का (अन्नपूर्णा माता से भिक्षाटन करते हुए)
भभूति, रक्षा सूत्र, रुद्राक्ष मनका
मिश्री और मेवा का पावन पैकेट
यह प्रसाद पूरी तरह सूखा और शुद्ध होता है, जिससे इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. साथ ही, श्रद्धालु अपने पूजा स्थल पर इसे पूरे सम्मान के साथ स्थापित कर सकते हैं.
प्रसाद की ट्रैकिंग अब मोबाइल पर
जब आप ई-मनीऑर्डर भेजते हैं, उस समय आपको अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होता है. इससे डाक विभाग द्वारा भेजे गए स्पीड पोस्ट की जानकारी SMS के माध्यम से मिलती रहती है. यह सुविधा न केवल पारदर्शिता बढ़ाती है, बल्कि श्रद्धालु को यह संतोष भी देती है कि प्रसाद सही ढंग से उनके पते तक पहुंच रहा है.
परंपरा और तकनीक का अद्भुत मेल
भारतीय डाक विभाग की यह पहल सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि श्रद्धा और सुविधा का एक सुंदर संगम है. अब श्रद्धालु बिना यात्रा किए, भीड़ और कठिनाइयों से गुजरे बिना, अपने घर पर ही भगवान शिव के चरणों में नतमस्तक हो सकते हैं. यह सेवा उन वृद्धों, बीमारों, या व्यस्त जीवन जी रहे लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो अपने मन की आस्था को जीवित रखना चाहते हैं.
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आज के युग में जब तकनीक ने जीवन को आसान बना दिया है, डाक विभाग की यह पहल दर्शाती है कि कैसे परंपरा और नवाचार साथ चल सकते हैं. सावन के इस पावन महीने में अगर आप भगवान शिव का आशीर्वाद अपने घर लाना चाहते हैं, तो यह सेवा आपके लिए सबसे बड़ा अवसर है. अब न तो दूरी आस्था में बाधा बनेगी और न ही समय की कमी. श्रद्धा अब सीधे आपके द्वार तक पहुंचेगी पवित्र प्रसाद के रूप में.
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