Advertisement

क्या परिवार को भरना पड़ता है मृत व्यक्ति का लोन? यहां जानें क्या कहता है कानून

निधन के बाद लोन की ज़िम्मेदारी परिस्थिति पर निर्भर करती है. बीमा, गारंटी, सह-आवेदक, और संपत्ति की प्रकृति – ये सभीचीज़ें तय करती हैं कि बकाया कौन चुकाएगा. सतर्कता और जागरूकता ही सबसे अच्छा उपाय है.

24 May, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
02:17 AM )
क्या परिवार को भरना पड़ता है मृत व्यक्ति का लोन? यहां जानें क्या कहता है कानून
Google

Loan Insurance: जब किसी व्यक्ति का निधन हो जाता है और उस पर बैंक या किसी वित्तीय संस्था का बकाया लोन होता है, तो यह एक सामान्य सवाल उठता है कि उस लोन को चुकाएगा कौन? क्या परिवार को पूरा लोन चुकाना पड़ता है या फिर कुछ नियमों के तहत छूट मिलती है? इस विषय में स्पष्ट जानकारी होना बहुत ज़रूरी है ताकि मृत्यु के बाद परिजनों को अनचाहे आर्थिक बोझ से बचाया जा सके.

निधन के बाद लोन का क्या होता है?

किसी भी लोन के साथ एक संविदा (contract) जुड़ी होती है, जो लोन लेने वाले व्यक्ति और बैंक के बीच होती है. जब उधारकर्ता (borrower) की मृत्यु हो जाती है, तो वह संविदा समाप्त नहीं होती. बल्कि, बकाया लोन की राशि अभी भी वैध रहती है और बैंक को उसका भुगतान चाहिए होता है। लेकिन यह भुगतान किससे लिया जाएगा, यह कई बातों पर निर्भर करता है.

1. बीमा कवर (Loan Insurance) है या नहीं?

यदि लोन के साथ टर्म इंश्योरेंस या लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस लिया गया है, तो:

1. बीमा कंपनी उस बकाया लोन की राशि का भुगतान बैंक को कर देती है.

2. परिजनों या कानूनी उत्तराधिकारियों को लोन चुकाने की आवश्यकता नहीं होती (यदि बीमा की राशि पर्याप्त है)।

 होम लोन और पर्सनल लोन के लिए आमतौर पर ऐसा बीमा लिया जाता है.

2. जमानतदार (Guarantor) या को-एप्प्लिकेंट है तो?

1. अगर लोन के लिए कोई गंभीरता से सह-आवेदक (Co-Applicant) या जमानतदार (Guarantor) है, तो कानूनी रूप से उस पर लोन चुकाने की जिम्मेदारी आती है.

2. बैंक उस व्यक्ति से राशि वसूल सकती है.

3. लोन के बदले गिरवी रखी संपत्ति (Secured Loan)

1. यदि लोन किसी संपत्ति (जैसे घर या कार) के बदले लिया गया है, तो बैंक उस संपत्ति को जब्त कर सकता है और उसकी बिक्री से बकाया राशि वसूल सकता है.

2. परिजनों को अगर वह संपत्ति चाहिए, तो उन्हें लोन चुकाना होगा.

4. बिना बीमा और बिना को-एप्प्लिकेंट लोन की स्थिति

1. ऐसे मामलों में, उत्तराधिकारियों को लोन चुकाने की सीधी जिम्मेदारी नहीं होती, लेकिन अगर वे मृतक की संपत्ति के उत्तराधिकारी बनना चाहते हैं, तो पहले लोन चुकाना पड़ेगा.

2. यानी, संपत्ति पर पहला हक बैंक का रहेगा, जब तक लोन चुकाया न जाए.

5. क्रेडिट स्कोर और लीगल प्रक्रिया

1. यदि लोन नहीं चुकाया गया तो, मृतक का क्रेडिट स्कोर तो खराब होगा ही, साथ ही जमानतदारों या सह-आवेदकों के स्कोर पर भी असर पड़ सकता है.

2. बैंक कानूनी तरीके से वसूली के लिए कदम उठा सकता है, खासकर जब बड़ी राशि शामिल हो.

क्या करें?

1. लोन लेते समय बीमा जरूर करवाएं, खासकर होम या पर्सनल लोन पर.

2. परिवार के सदस्यों को लोन की जानकारी दें, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके.

3. सह-आवेदक बनने से पहले जोखिमों को समझें

4. मृतक की संपत्ति पर दावा करने से पहले उसके बकायों की जानकारी जरूर लें.

यह भी पढ़ें

निधन के बाद लोन की ज़िम्मेदारी परिस्थिति पर निर्भर करती है.  बीमा, गारंटी, सह-आवेदक, और संपत्ति की प्रकृति – ये सभीचीज़ें तय करती हैं कि बकाया कौन चुकाएगा. सतर्कता और जागरूकता ही सबसे अच्छा उपाय है.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें