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Dwarka Expressway: देश का पहला Human Free टोल प्लाज़ा, जानिए कैसे काम करता है और बैलेंस न होने पर क्या होता है

द्वारका एक्सप्रेसवे पर लागू हुआ यह ह्यूमन फ्री टोल सिस्टम भारत में डिजिटल इंडिया और स्मार्ट ट्रैवलिंग की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ सफर में रुकावटें कम होंगी, बल्कि टोल प्लाज़ा पर लगने वाला समय भी बचेगा. अगर यह सिस्टम सफल होता है तो आने वाले वक्त में यह पूरे देश में लागू हो सकता है और यात्रा पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और आसान हो जाएगी.

28 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:45 AM )
Dwarka Expressway: देश का पहला Human Free टोल प्लाज़ा, जानिए कैसे काम करता है और बैलेंस न होने पर क्या होता है
Image Credit: Dwarka Expressway

Dwarka Expressway Toll System: दिल्ली और एनसीआर के लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया है. ये एक्सप्रेसवे कुल 29 किलोमीटर लंबा है और इसमें 8 लेन हैं. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से ट्रैफिक में काफी राहत मिलेगी और सफर भी पहले से आसान और तेज़ हो जाएगा. लेकिन सिर्फ सड़क ही नहीं, इस पर मौजूद टोल सिस्टम भी चर्चा में है, क्योंकि ये देश का पहला ऐसा टोल है जो ह्यूमन फ्री है यानी यहां कोई इंसान टोल काटने के लिए मौजूद नहीं होगा.

क्या है ह्यूमन फ्री टोल प्लाजा और कैसे काम करता है?

द्वारका एक्सप्रेसवे पर देश का पहला ह्यूमन फ्री टोल प्लाजा बनाया गया है .इसका मतलब है कि आपको टोल देने के लिए रुकने की जरूरत नहीं है, ना ही कोई कर्मचारी आपके पैसे लेने के लिए मौजूद होगा. इसके बजाय, यह पूरा सिस्टम कैमरों और तकनीक की मदद से काम करता है. जैसे ही आप टोल प्लाज़ा के पास पहुंचते हैं, गाड़ी में लगे FASTag के RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) को हाई-रेज़ोल्यूशन कैमरे स्कैन कर लेते हैं और अगर आपके FASTag में बैलेंस है, तो बैरियर अपने-आप ऊपर हो जाता है और आप बिना रुके आगे बढ़ सकते हैं.

सैटेलाइट से जुड़ेगा ये सिस्टम, बनेगा स्मार्ट हाईवे मॉडल

फिलहाल यह टोल सिस्टम एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है, लेकिन भविष्य में इसे और भी आधुनिक बनाने की तैयारी है। इस टोल सिस्टम को सैटेलाइट टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा, जिससे पूरे देश में एक मल्टी हाइब्रिड टोल मॉडल बनाया जा सकेगा. इसका मतलब है कि आने वाले समय में आपको देशभर के एक्सप्रेसवे पर ऐसा ही स्मार्ट और ह्यूमन फ्री टोल सिस्टम देखने को मिलेगा.

अगर FASTag में बैलेंस नहीं हुआ तो क्या होगा?

अब सवाल उठता है कि अगर किसी गाड़ी के FASTag में बैलेंस नहीं होगा तो फिर क्या होगा? क्या गाड़ी रुक जाएगी या फिर बिना टोल दिए निकल जाएगी? तो इसका जवाब है बिना बैलेंस के गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया जाएगा. टोल प्लाज़ा पर बैरियर लगे होंगे, जो तब तक नहीं खुलेंगे जब तक FASTag में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता. अगर कोई जबरदस्ती बैरियर को हटाने या तोड़ने की कोशिश करता है, तो कैमरे में सारी हरकतें रिकॉर्ड हो जाएंगी और उस गाड़ी के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा.

फिलहाल सहायता के लिए मौजूद हैं कुछ लोग

हालांकि यह टोल सिस्टम पूरी तरह ह्यूमन फ्री बनाया गया है, लेकिन अभी शुरुआती चरण में यहां कुछ कर्मचारियों को टोल प्लाज़ा के पास तैनात किया गया है ताकि अगर किसी वाहन चालक को परेशानी हो या सिस्टम में कोई दिक्कत आए, तो वह तुरंत मदद कर सकें. कैमरे और स्कैनिंग सिस्टम अभी हर बार RFID को तेजी से नहीं पढ़ पा रहे हैं, इसलिए कुछ दिक्कतें सामने आई हैं जिन्हें समय के साथ सुधारा जाएगा.

 नया टोल सिस्टम, सफर को बनाएगा आसान और तेज़

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द्वारका एक्सप्रेसवे पर लागू हुआ यह ह्यूमन फ्री टोल सिस्टम भारत में डिजिटल इंडिया और स्मार्ट ट्रैवलिंग की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ सफर में रुकावटें कम होंगी, बल्कि टोल प्लाज़ा पर लगने वाला समय भी बचेगा. अगर यह सिस्टम सफल होता है तो आने वाले वक्त में यह पूरे देश में लागू हो सकता है और यात्रा पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और आसान हो जाएगी.

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