पेंशन योजनाओं की फीस में बदलाव, 1 अक्टूबर से लागू होंगे नए नियम
NPS: इस बार सरकार ने फीस स्ट्रक्चर को ज्यादा पारदर्शी और आसान बनाया है. छोटे निवेशकों के लिए ये बदलाव सकारात्मक हैं, क्योंकि फीस कम रखी गई है और ट्रांजैक्शन पर कोई भी बोझ नहीं डाला गया है.
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National Pension System: अगर आप NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम), अटल पेंशन योजना (APY), NPS-लाइट या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में पैसा निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक जरूरी अपडेट आया है. सरकार ने इन योजनाओं में लगने वाली फीस को बदल दिया है. यह बदलाव 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा. इसका मतलब है कि इस तारीख के बाद अगर आप खाता खोलते हैं या उसमें कोई लेन-देन करते हैं, तो नई फीस लागू होगी. यह नया स्ट्रक्चर जून 2020 से चल रहे पुराने नियमों की जगह लेगा.
सरकारी सेक्टर के खाताधारकों को राहत, कम फीस और बिना ट्रांजैक्शन चार्ज
- अगर आप सरकारी सेक्टर में काम करते हैं और आपके पास NPS या UPS खाता है, तो आपके लिए यह नियम बेहद आसान बनाए गए हैं. अब आपको
- PRAN (Permanent Retirement Account Number) के लिए ज्यादा खर्च नहीं करना होगा.
- ई-PRAN किट लेने पर सिर्फ 18 रुपये लगेंगे.
- अगर आप फिजिकल PRAN कार्ड लेते हैं, तो इसके लिए 40 रुपये देने होंगे.
- खाता खुलने के बाद हर साल 100 रुपये मेंटेनेंस फीस लगेगी.
- अच्छी बात यह है कि अगर आप पैसे जमा करें या निकालें, यानी कोई भी ट्रांजैक्शन करें, तो उस पर कोई भी चार्ज नहीं लगेगा.
NPS-Lite और अटल पेंशन योजना वालों के लिए भी कम खर्च
- अगर आपने अटल पेंशन योजना या NPS-लाइट योजना में खाता खोल रखा है, तो आपके लिए फीस और भी कम है.
- खाता खोलने पर सिर्फ 15 रुपये देने होंगे.
- सालाना मेंटेनेंस चार्ज भी सिर्फ 15 रुपये रखा गया है.
- यहां भी ट्रांजैक्शन पर कोई भी चार्ज नहीं लिया जाएगा.
- इसका मतलब है कि छोटे निवेशकों के लिए ये स्कीमें पहले की तरह सस्ती और आसान बनी हुई हैं.
प्राइवेट सेक्टर के खातों के लिए भी वही नियम
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और NPS या NPS वात्सल्या स्कीम में खाता खोलते हैं, तो आपके लिए भी वही फीस लागू होगी:
ई-PRAN किट के लिए 18 रुपये,
फिजिकल कार्ड के लिए 40 रुपये
और ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं.
सालाना मेंटेनेंस फीस (AMC), कितनी कॉर्पस पर कितनी फीस लगेगी?
अब बात करते हैं उन खातों की जिनमें कुछ राशि जमा हो चुकी है यानी जिनमें कॉर्पस (बचत) है. ऐसे में सालाना फीस इस तरह से लगेगी:
- अगर खाते में बैलेंस शून्य (0) है, तो कोई चार्ज नहीं लगेगा.
- 1 रुपये से 2 लाख रुपये तक के कॉर्पस पर 100 रुपये सालाना फीस लगेगी.
- 2 लाख से 10 लाख रुपये तक, फीस 150 रुपये होगी.
- 10 लाख से 25 लाख रुपये तक, फीस 300 रुपये लगेगी.
- 25 लाख से 50 लाख रुपये तक, फीस 400 रुपये देनी होगी.
- 50 लाख रुपये से अधिक कॉर्पस पर 500 रुपये सालाना फीस ली जाएगी
- यह नियम सभी खातों पर एक जैसे लागू होंगे, चाहे आप किसी भी योजना में निवेश कर रहे हों.
UPS ग्राहकों के लिए अलग नियम
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के जो ग्राहक सरकारी सेक्टर से हैं, उनके लिए ये नए चार्ज फिलहाल Accumulation Phase यानी निवेश जमा करने की अवधि में ही लागू होंगे. जब इन ग्राहकों का पेआउट फेज शुरू होगा, यानी जब वे पैसे निकालना शुरू करेंगे, तो उसके लिए अलग से नए नियम तय किए जाएंगे.
पहले से ज्यादा पारदर्शिता, छोटे निवेशकों के लिए राहत
इस बार सरकार ने फीस स्ट्रक्चर को ज्यादा पारदर्शी और आसान बनाया है. छोटे निवेशकों के लिए ये बदलाव सकारात्मक हैं, क्योंकि फीस कम रखी गई है और ट्रांजैक्शन पर कोई भी बोझ नहीं डाला गया है. अगर आप भविष्य के लिए पेंशन प्लान कर रहे हैं, तो अब आप ज्यादा जानकारी और भरोसे के साथ इन योजनाओं में निवेश कर सकते हैं.
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