क्या शहबाज शरीफ ने इजरायली एजेंट से लिखवा लिया अपना भाषण? कौन है ये महिला जिस पर पाकिस्तान में मचा है बवाल, तस्वीरें वायरल
25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में कुछ ऐसा हुआ जिसने पाकिस्तान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. एक चेहरा ऐसा दिखा जिसने पाकिस्तान में सियासी पारा हाई कर दिया है. पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के पीछे एक ऐसी महिला दिखीं जो इजरायल परस्त मानी जाती हैं और यही पाकिस्तान के उस दावे को मटियामेट करता है जिसमें वह खुद को फिलिस्तीन का खैरख्वाह बताता है. बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये महिला कौन है और क्या एक इजरायली महिला ने लिखा पाक पीएम का भाषण.
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पहलगाम हमले के बाद हो रही फजीहत और ऑपरेशन सिंदूर में पड़ी मार के बाद फिर से अपने पैरों पर खड़े होने और अपनी छवि चमकाने के लिए पाकिस्तान इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ की 80वीं बैठक में पूरी भजन मंडली के साथ पहुंचा. इस दौरान अंग्रेजी में बात, विदेशी नेताओं से मुलाकात, एक्सप्रेशन और भाषणों का पूरा ताम-झाम किया था, लेकिन उसकी फूटी किस्मत है जो उसका पीछा नहीं छोड़ रही. शहबाज का भाषण हो या ख्वाजा आसिफ की वाहियात अंग्रेजी, दोनों ने आतंकिस्तान की खूब फजीहत कराई और असल मुद्दे की जगह दूसरी चीजें सुर्खियों में रहे. अब आते हैं असल मुद्दे पर.
बीते दिनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ UNGA के 80वें सत्र में शिरकत करने के लिए अमेरिका के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने खूब झूठ बोला, प्रोपेगेंडा किया और गीदड़भभकी दी. अब इसी भाषण और वहां से आईं तस्वीरों को लेकर बवाल मच गया है. दरअसल शहबाज के भाषण के दौरान पाकिस्तानी डेलिगेशन के साथ मौजूद रही एक महिला ने बवाल मचा दिया है.
इस महिला का नाम है शमा जुनेजो. वो सोशल मीडिया एक्टिविस्ट है. वो पाकिस्तान से बाहर रहती है, शायज उसके पास ब्रिटिश शहरियत है. कहा तो ये भी जा रहा है कि जुनेजो ने ही शरीफ की स्पीच के लिए प्वांइटर्स लिखे थे. यहां विवाद भाषण लिखने को लेकर नहीं बल्कि जुनेजो के कथित प्रो इजरायली स्टैंड को लेकर है. हल्ला ये है कि शमा लगातार यहूदी देश के समर्थन में बयान देती रही हैं, जो कि पाक में आम अवाम के मूड और सरकार की पॉलिसी से इतर है. यानी कि पाक, इजरायल को मान्यता नहीं देता है.
क्या हुआ था UNGA में?
इतना ही नहीं, ये भी कहा जा रहा है कि जुनेजो ने ख्वाजा आसिफ के लिए प्वाइंट्स लिख कर दिए. जहां पाक पीएम खुद शहबाज शरीफ ने खुद UNGA के सत्र को संबोधित किया था. वहीं UN के सेक्रेटरी जनरल गुटेरस की पहल पर हुए UNSC के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डॉयलॉग में पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रधानमंत्री की जगह भाषण दिया. यहीं असल गेम हुआ.
ख्वाजा आसिफ के पीछे बैठी महिला को लेकर बवाल
आसिफ के भाषण के दौरान उनकी दोनों कलाईयों पर मौजूद घड़ी से ज्यादा एक और तस्वीर वायरल हुई. वह है उनके पीछे बैठी महिला शमा जुनेजो की. आपको बताएं कि जुनेजो एक ब्रिटिश-पाकिस्तानी स्तंभकार, कमेंटेटर और सेल्फ क्लेम्ड डिफेंस एक्सपर्ट हैं. वह अपने परिवार के साथ लंदन में रहती हैं और सोशल मीडिया पर विदेश नीति, डिफेंस और खाड़ी के मुद्दों पर पोस्ट करती हैं. अब उनके इन्हीं पुराने पोस्ट और उनकी पाक रक्षा मंत्री के भाषण के दौरान मौजूदगी ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है.
शमा जुनेजो को लेकर विवाद क्यों?
अपने रहन सहन, लेखनी और विचार से सेंट्रिस्ट और फेमिनिस्ट मानी जाने वाली शमा जुनेजो को उनके कॉलम्स की वजह से प्रो-इजरायल माना जाता है. कहा जाता है कि 2020 में हुए अब्राहम एकॉर्ड्स, जिसके बाद यूएई सहति कई देशों ने यहूदी देश इजरायल से अपने रिश्ते सामान्य किए, UAE ने तो अपना दूतावास तक खोल दिया. इसके बाद जुनेजो ने पाक को भी इजरायल को मान्यता देने की वकालत की थी. इसी कड़ी में उनका एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने हमास के हमले के बाद गाजा पर इजरायली कार्रवाई को ‘न्याय’ कहा था, जो पाकिस्तान की प्रो-फिलिस्तीन पॉलिसी के खिलाफ है.
क्या शहबाज की टीम की मेंबर है इजरायली एजेंट?
इस संबंध में जुनेजो ने खुद ही स्वीकार किया कि वो शहबाज शरीफ की टीम के साथ अप्रैल 2025 से काम कर रही हैं. उन्होंने इसको लेकर X पर पोस्ट भी किया था. जब उनके ख्वाजा आसिफ के पीछे बैठने को लेकर बवाल मचा और सरकार ने पल्ला झाड़ा तो जुनेजो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शरीफ सरकार की पोल खोल दी और कहा:
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ही उन्हें UNGA भाषण लिखने का टास्क दिया.
वे शहबाज शरीफ के साथ-साथ लंदन से न्यूयॉर्क के सरकारी प्लेन में गईं.
वे डेलिगेशन का हिस्सा थीं, क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में शरीफ के पीछे बैठीं, AI सेशन में आसिफ के पीछे बैठी थीं. वे साइडलाइन मीटिंग्स में शामिल हुईं, जैसे बिल गेट्स से बातचीत . उन्होंने सरकार को पॉलिसी मैटर्स पर सलाह दी, ब्रिफ्स दिए विशेषकर मई में भारत-पाक तनाव के दौरान.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल UNSC के AI डॉयलॉग में ख्वाजा आसिफ के भाषण के दौरान के एक वीडियो और कुछ तस्वीरों में दिखीं ये महिला एक स्तंभकार-लेखिका हैं और इनका नाम है शमा जुनेजो. अब ये दिखीं तो सोशल मीडिया पर बवाल हो गया. सरकार की नीति और मंशा पर सवाल उठाए जाने लगे. नतीजतन विदेश कार्यालय को सफाई देनी पड़ी और बकायदा एक बयान जारी करना पड़ा. एफओ ने खुद को इस विवाद से दूर कर लिया.
ख्वाजा आसिफ ने 25 सितंबर को कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सत्र को संबोधित किया था. उनके भाषण की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आते ही आग की तरह फैल गईं. सबका ध्यान उनके पीछे बैठी जुनेजो पर गया. फिर क्या था कई साल पहले उनके ट्विटर (अब एक्स) टाइमलाइन के कई स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे जिनमें इजरायल के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया था.
ख्वाजा आसिफ ने फोड़ा विदेश मंत्रालय पर ठीकरा
सोशल मीडिया पर हंगामा मचने के बाद, आसिफ को कहना पड़ा कि उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की जगह भाषण दिया था क्योंकि उनके अन्य कार्यक्रम थे. इसके बाद उन्होंने विदेश विभाग पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा, "यह महिला या मेरे पीछे जो भी बैठा था, वह विदेश कार्यालय के विवेक पर निर्भर था और है."
रक्षा मंत्री ने अपने विचारों की दुहाई देते हुए ये भी कहा कि पिछले 60 वर्षों से, फिलिस्तीन के मुद्दे से उनका भावनात्मक लगाव और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता रही है. उन्होंने आगे कहा कि अबू धाबी में काम करने के दौरान उनके जो फिलिस्तीनी दोस्त और सहकर्मी थे, वो अब भी उनके संपर्क में हैं. बोले, "गाजा पर मेरे विचार स्पष्ट हैं और मैं उन्हें खुलकर व्यक्त करता हूं."
अपना बचाव करते हुए आगे बोले, "यह महिला कौन है? वह प्रतिनिधिमंडल के साथ क्यों है, और वह मेरे पीछे क्यों बैठी थी? इन सवालों का जवाब केवल विदेश कार्यालय ही दे सकता है. मेरे लिए उनकी ओर से जवाब देना उचित नहीं है." उन्होंने कहा कि एक्स पर उनका बयान इस बात का प्रमाण है कि फिलिस्तीन के साथ उनका रिश्ता उनके धर्म का हिस्सा है.
क्या बोला पाकिस्तान का विदेश विभाग?
बस इसके बाद, शुक्रवार देर रात एक्स पोस्ट में, विदेश कार्यालय ने कहा कि उसने "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हालिया बैठक में रक्षा मंत्री के पीछे एक खास व्यक्ति के बैठने" से संबंधित प्रश्नों पर ध्यान दिया है. विदेश कार्यालय ने स्पष्ट रूप से जुनेजो का नाम नहीं लिया.
इसमें कहा गया, "स्पष्टीकरण के लिए, संबंधित व्यक्ति का नाम 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के आधिकारिक परिचय पत्र में सूचीबद्ध नहीं था, जिस पर उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने हस्ताक्षर किए थे. इस प्रकार, रक्षा मंत्री के पीछे उनके बैठने को उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री की मंजूरी नहीं मिली थी."
जुनेजो ने इमरान समर्थकों पर बोला हमला
इस बीच, जुनेजो ने एक्स पर उन पिछली पोस्टों के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए जिनमें उन्होंने गाजा में इजरायल के नरसंहार की निंदा की थी. उन्होंने कहा, "यूथिया ( डॉन के अनुसार, ये एक अपमानजनक शब्द है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पीटीआई समर्थकों के लिए गाली के रूप में किया जाता है) मुझे जोयोनीवादी (यहूदी चरमपंथ समर्थक) कह रहे हैं, जबकि पिछले दो सालों से मैं लगभग रोजाना गाजा के बारे में ट्वीट करती रही हूं, नेतन्याहू को युद्ध अपराधी कहती रही हूं और इजराइली अत्याचारों को दिखाती रही हूं." अपनी बातों को विराम देते हुए उन्होंने कहा, "एक बार फिर, यह पूरा अभियान मेरे खिलाफ इसलिए चलाया गया है क्योंकि वे सिर्फ मुझसे डरते हैं."
सोशल मीडिया पर भी बवाल
सोशल मीडिया यूजर्स ने #ShamaJunejoUN, #BoycottIsrael और #Pakistan Betrayed ट्रेंड कराकर बवाल काट दिया है. लोग पूछ रहे हैं कि "कैसे एक प्रो-इजरायल महिला पाक डेलिगेशन में पहुंची? क्या ये फिलिस्तीन के साथ धोखा नहीं?" पूर्व PTI मंत्री शरीन माजारी ने इसे "पाकिस्तान के लिए शर्मनाक" कहा. एक यूजर ने लिखा: "शरीफ ने UN में इजरायल की निंदा की, लेकिन उनकी स्पीच राइटर इजरायल समर्थक है ये हिपोक्रिसी है!"
सरकार ने पल्ला झाड़ा तो जुनेजो ने किया पलटवार
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जुनेजो ने फॉरन ऑफिस के पल्ला झाड़ने पर पलटवार किया और कहा कि ये एक तरह से "पीएम की अथॉरिटी को चैलेंज" करने के मुकाबिल है. उन्होंने अपनी UN कार्ड, आसिफ के साथ फोटो और स्पीच ड्राफ्ट्स के प्रूफ शेयर किए. जुनेजो ने दावा करते हुए कहा कि "मैंने गाजा पर इजरायल की निंदा के पोस्ट्स किए हैं- ये इंडियन-इजरायली लॉबी की साजिश है."
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