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दिल्ली में बिजनेस करने वालों को बड़ी राहत, 7 प्रकार के कारोबार के लिए खत्म हुई लाइसेंस की बाध्यता,रेखा गुप्ता का बड़ा फैसला

दिल्ली में सरकार के इस फैसले से यह साफ हो गया है किअब व्यापार करना और भी आसान हो गया है. खासकर उन व्यवसायों के लिए जो पहले पुलिस लाइसेंस के कारण लंबे समय तक अटके रहते थे. अब एक साफ, सरल और तेज़ प्रक्रिया के ज़रिए आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, बिना किसी गैरजरूरी सरकारी बाधा के.

29 Jun, 2025
( Updated: 29 Jun, 2025
02:31 PM )
दिल्ली में बिजनेस करने वालों को बड़ी राहत, 7 प्रकार के कारोबार के लिए खत्म हुई लाइसेंस की बाध्यता,रेखा गुप्ता का बड़ा फैसला

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और खुद का कोई बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी राहत से कम नहीं है. अब दिल्ली में कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक बड़ा बदलाव किया गया है. खासकर होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क, ऑडिटोरियम, स्विमिंग पूल, वीडियो गेम पार्लर और डिस्कोथेक जैसे व्यवसायों को लेकर सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब इन व्यापारों को शुरू करने के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस या परमिशन लेना जरूरी नहीं रहेगा.

उपराज्यपाल ने दी बड़ी राहत, लाइसेंस प्रक्रिया को किया सरल

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक अहम आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अब दिल्ली पुलिस अधिनियम, 1978 की धारा 28(2) के अंतर्गत आने वाले सात प्रकार के व्यवसायों से लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि अब इन व्यापारों को शुरू करने के लिए पुलिस की परमिशन लेना जरूरी नहीं होगा, जिससे उद्यमियों और कारोबारियों को लाइसेंस के झंझट से राहत मिलेगी.

इस फैसले के तहत जिन बिजनेस को राहत दी गई है, उनमें शामिल हैं:

होटल / मोटल / गेस्ट हाउस
ईटिंग हाउस (रेस्टोरेंट आदि)
डिस्कोथेक
वीडियो गेम पार्लर
स्विमिंग पूल
ऑडिटोरियम
एम्यूजमेंट पार्क (मनोरंजन पार्क)

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पहल से आया बदलाव

इस बदलाव का श्रेय दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी जाता है, जिन्होंने व्यापारियों की परेशानियों को समझते हुए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उपराज्यपाल से अपील की थी कि दिल्ली में लाइसेंसिंग सिस्टम को आसान बनाया जाए. उन्होंने इस बात को उठाया कि दिल्ली में बिजनेस करने की राह में लाइसेंस लेना एक बड़ी बाधा बन चुका है, जिससे उद्यमियों को समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है.

रेखा गुप्ता सरकार की इस पहल को व्यापारिक समुदाय में काफी सराहा जा रहा है, क्योंकि यह बदलाव न केवल छोटे कारोबारियों को राहत देगा, बल्कि नए स्टार्टअप्स और रोजगार के नए अवसरों को भी बढ़ावा देगा.

क्या है इसका असर और फायदा?

इस निर्णय से दिल्ली में व्यापार का माहौल और ज्यादा उदार व व्यवसाय अनुकूल बन गया है. अब जो लोग अपने दम पर कोई छोटा या बड़ा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, उन्हें पहले की तरह लंबी लाइसेंस प्रक्रिया, पुलिस परमिशन और फाइलों की दौड़ नहीं झेलनी पड़ेगी. इससे समय की बचत होगी, भ्रष्टाचार में कमी आएगी और निवेशकों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.दिल्ली जैसे बड़े महानगर में जहां हर दिन हजारों लोग नया व्यवसाय शुरू करने की सोचते हैं, वहां इस तरह की रियायतें व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बेहद जरूरी थीं.

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दिल्ली में सरकार के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि अब व्यापार करना और भी आसान हो गया है. खासकर उन व्यवसायों के लिए जो पहले पुलिस लाइसेंस के कारण लंबे समय तक अटके रहते थे. अब एक साफ, सरल और तेज़ प्रक्रिया के ज़रिए आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, बिना किसी गैरजरूरी सरकारी बाधा के.

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