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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐलान: रेलवे नेटवर्क को मिलेगा 150 नई ट्रेनों का तोहफा

भारतीय रेलवे का यह व्यापक परिवर्तन न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि रेलवे सेवा को पारदर्शी और आधुनिक बनाएगा. छोटे और मध्यम दूरी की यात्रा अब ज्यादा आरामदायक, सुगम और भरोसेमंद होगी. 'नमो भारत' जैसी हाईटेक ट्रेनें और डिजिटल टिकटिंग व्यवस्था भारतीय रेलवे को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप ढालने में मदद करेगी. यह पहल वास्तव में "आम आदमी की रेलवे" को एक नया आयाम देने जा रही है.भारतीय रेलवे का यह व्यापक परिवर्तन न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि रेलवे सेवा को पारदर्शी और आधुनिक बनाएगा. छोटे और मध्यम दूरी की यात्रा अब ज्यादा आरामदायक, सुगम और भरोसेमंद होगी. 'नमो भारत' जैसी हाईटेक ट्रेनें और डिजिटल टिकटिंग व्यवस्था भारतीय रेलवे को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप ढालने में मदद करेगी. यह पहल वास्तव में "आम आदमी की रेलवे" को एक नया आयाम देने जा रही है.

18 Jun, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
11:15 AM )
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐलान: रेलवे नेटवर्क को मिलेगा 150 नई ट्रेनों का तोहफा

Indian Railway: भारतीय रेलवे देश की जीवनरेखा है और इसमें लगातार सुधार की दिशा में कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. खासकर आम लोगों और छोटे शहरों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने व्यापक योजनाएं बनाई हैं. कम दूरी की ट्रेन यात्राओं को सुविधाजनक बनाने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं.

नई पैसेंजर ट्रेनों की सौगात और पुराने ढांचे का आधुनिकीकरण

रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि देश भर में 150 नई पैसेंजर ट्रेनों को शुरू किया जाएगा, जिससे आम यात्रियों को आसानी से यात्रा करने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही पहले से चल रही पैसेंजर ट्रेनों को भी अपग्रेड किया जाएगा, ताकि उनकी सुविधा और क्षमता दोनों में वृद्धि हो. इस योजना के तहत कुल 1200 नए जनरल कोच जोड़े जाएंगे, जिससे सामान्य श्रेणी के यात्रियों को विशेष राहत मिलेगी.

मेन लाइन ईएमयू (मेमू) गाड़ियों में भी होगा विस्तार

मेमू गाड़ियाँ, जो अब तक 8 या 12 डिब्बों की होती थीं, उन्हें अब 16 और 20 डिब्बों तक बढ़ाया जाएगा. इससे उन रूटों पर यात्रा कर रहे यात्रियों को ज्यादा सीटें मिल सकेंगी, जहाँ ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ होती है. इन आधुनिक मेमू गाड़ियों का निर्माण तेलंगाना के काजीपेट में शुरू कर दिया गया है और जल्द ही इन्हें विभिन्न रूटों पर उतारा जाएगा.

‘नमो भारत’ एसी पैसेंजर ट्रेनों की शुरुआत

रेलवे द्वारा ‘नमो भारत’ नाम से 50 नई एसी पैसेंजर ट्रेनों को शुरू करने का फैसला किया गया है। यह पहल छोटे और मध्यम दूरी की यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. फिलहाल दो ट्रेनों को ट्रायल के रूप में चलाया गया है - एक पटना और जयनगर (बिहार) के बीच तथा दूसरी अहमदाबाद और भुज (गुजरात) के बीच. इन दोनों ट्रेनों की सफलता के बाद ही इन्हें पूरे देश में विस्तार देने का निर्णय लिया गया है.

टिकटिंग प्रणाली में पारदर्शिता और डिजिटल सुधार

टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने और फर्जी बुकिंग पर रोक लगाने के लिए रेलवे ने नई टिकटिंग व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है. 1 जुलाई से प्रभावी होने जा रही इस व्यवस्था के अनुसार, विंडो बुकिंग के लिए पहचान पत्र अनिवार्य होगा। वहीं, ऑनलाइन बुकिंग केवल उन्हीं यात्रियों को मिलेगी जिनका केवाईसी पूरा होगा. इससे न केवल टिकटों की कालाबाजारी रुकेगी, बल्कि सही यात्री को सही टिकट मिल सकेगा.

सीट कन्फर्मेशन की प्रक्रिया होगी अधिक व्यावहारिक

अब तक ट्रेन खुलने के लगभग चार घंटे पहले तक रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाता था, जिससे अंतिम समय तक यात्रियों को सीट की स्थिति को लेकर असमंजस बना रहता था. लेकिन अब रेलवे ने यह प्रक्रिया बदलने का निर्णय लिया है. अब ट्रेन खुलने के कम से कम 24 घंटे पहले चार्ट तैयार कर लिया जाएगा, ताकि यात्रियों को पहले ही यह जानकारी मिल जाए कि उन्हें सीट मिली है या नहीं. यह व्यवस्था पहले बीकानेर मंडल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई थी, जिसे अब पूरे देश में लागू किया जा रहा है.

त्योहारों और छुट्टियों में भीड़ पर नियंत्रण

हर साल गर्मियों की छुट्टियों और त्योहारी सीज़न में ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एक साल में 1200 अतिरिक्त जनरल कोच जोड़कर भीड़ को नियंत्रित किया है. यह प्रक्रिया आने वाले समय में भी जारी रहेगी ताकि किसी भी सीजन में यात्रियों को असुविधा न हो.

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भारतीय रेलवे का यह व्यापक परिवर्तन न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि रेलवे सेवा को पारदर्शी और आधुनिक बनाएगा. छोटे और मध्यम दूरी की यात्रा अब ज्यादा आरामदायक, सुगम और भरोसेमंद होगी. 'नमो भारत' जैसी हाईटेक ट्रेनें और डिजिटल टिकटिंग व्यवस्था भारतीय रेलवे को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप ढालने में मदद करेगी. यह पहल वास्तव में "आम आदमी की रेलवे" को एक नया आयाम देने जा रही है.

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