Advertisement

नेपाल सरकार का बड़ा फैसला, WhatsApp, YouTube समेत कई प्लेटफॉर्म बैन, जानिए क्यों

अब अगर बैन किए गए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स सरकार के नियमों को मानते हैं और जल्दी से रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो संभव है कि उन पर से बैन हटा लिया जाए. लेकिन जब तक वे रजिस्टर नहीं होते, तब तक नेपाल में उन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल होगा.

Source: Social Media

Social Media Ban: नेपाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने सरकार के कहने पर खुद को रजिस्टर नहीं कराया था, उन सभी को अब नेपाल में बैन कर दिया गया है. यह फैसला गुरुवार को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में लिया गया. सरकार ने पहले ही सोशल मीडिया कंपनियों को 7 दिन का समय दिया था कि वे नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराएं. लेकिन जिन कंपनियों ने इस तय समय में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, उन पर अब कार्रवाई की गई है.

कौन-कौन से प्लेटफॉर्म्स होंगे बैन?

सरकार के इस फैसले का असर बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा, जैसे फेसबुक, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और गूगल. इन सभी पर अब नेपाल में बैन लगाया जा रहा है, क्योंकि इन्होंने सरकार के नियम का पालन नहीं किया और खुद को नेपाल में रजिस्टर नहीं कराया. सरकार ने नेपाल टेलीकॉम को एक पत्र भेजकर कहा है कि वो इन सोशल मीडिया साइट्स को देश में बंद कर दे. यानी, नेपाल में अब ये प्लेटफॉर्म्स सही तरीके से काम नहीं करेंगे और लोगों को इन तक पहुंच नहीं मिलेगी.

कौन-कौन से प्लेटफॉर्म्स अब भी चलेंगे?

अब तक केवल कुछ ही सोशल मीडिया कंपनियों ने नेपाल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इन प्लेटफॉर्म्स के नाम हैं - 

  • टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव.
  • इन सभी ने सरकार के नियमों का पालन करते हुए, कंपनी रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है. इसलिए अब केवल यही प्लेटफॉर्म्स नेपाल में कानूनी तौर पर काम कर सकेंगे और लोग इन्हें इस्तेमाल कर पाएंगे.

सरकार का मकसद क्या है?

नेपाल सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज, अफवाहें, आपत्तिजनक कंटेंट और कानून तोड़ने वाली चीजें तेजी से फैल रही थीं. इन पर कोई कंट्रोल नहीं था क्योंकि कंपनियां नेपाल में रजिस्टर्ड नहीं थीं. सरकार चाहती है कि अगर कोई गलत कंटेंट पोस्ट हो, तो उस पर तुरंत कार्रवाई हो सके.
रजिस्ट्रेशन से ये होगा कि सोशल मीडिया कंपनियों की ज़िम्मेदारी तय होगी और सरकार उनसे सीधे संपर्क कर पाएगी. इससे देश की साइबर सुरक्षा, सोशल मीडिया नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा मजबूत होगी.

आगे क्या हो सकता है?

अब अगर बैन किए गए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स सरकार के नियमों को मानते हैं और जल्दी से रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो संभव है कि उन पर से बैन हटा लिया जाए. लेकिन जब तक वे रजिस्टर नहीं होते, तब तक नेपाल में उन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल होगा. सरकार का ये कदम कुछ लोगों को सख्त लग सकता है, लेकिन सरकार इसे नागरिकों की सुरक्षा और जिम्मेदार इंटरनेट उपयोग के लिए ज़रूरी मानती है.

Advertisement

Advertisement

LIVE
अधिक →