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WhatsApp पर खतरा! सरकार ने दी कड़ी चेतावनी, कभी भी हो सकता है बैन

WhatsApp: सोशल मीडिया, मैसेजिंग और क्लाउड सर्विसेज पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं. सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह डिजिटल सेंसरशिप बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है.

01 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
12:20 PM )
WhatsApp पर खतरा! सरकार ने दी कड़ी चेतावनी, कभी भी हो सकता है बैन
Image Source: Socia Media

WhatsApp Ban: दुनिया भर में अरबों लोग इस्तेमाल करने वाला WhatsApp रूस में फिर से मुश्किल में है. रूस की सरकारी एजेंसी Roskomnadzor ने ऐप को चेतावनी दी है. एजेंसी का कहना है कि WhatsApp का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, अपराधियों की भर्ती करने और राज्य-विरोधी काम करने के लिए किया जा रहा है. चेतावनी के बाद साइबेरिया और यूराल जैसे बड़े शहरों में व्हाट्सऐप की सर्विस में रुकावटें भी देखने को मिली हैं.

Meta पर पहले ही प्रतिबंध

व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी Meta को रूस पहले ही एक्सट्रीमिस्ट संगठन घोषित कर चुका है. यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. अधिकारियों का आरोप है कि Meta के प्लेटफॉर्म रूस-विरोधी कंटेंट और गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं. इस साल अगस्त में रूस ने Telegram और कई अन्य ऐप्स पर भी कार्रवाई की थी. इसके तहत विदेशी सोशल मीडिया कंपनियों की सख्त निगरानी शुरू की गई.

स्थानीय ऐप्स की तरफ शिफ्ट करने का दबाव

रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस सरकार नागरिकों को स्थानीय मैसेजिंग ऐप्स इस्तेमाल करने के लिए मजबूर कर सकती है. ये ऐप्स WhatsApp की तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं देते। इसका मतलब है कि सरकार यूजर्स की चैट, कॉल डिटेल और डेटा आसानी से देख सकती है.

Roskomnadzor ने चेतावनी दी है कि अगर WhatsApp ने रूस के नियमों का पालन नहीं किया, तो पूरे देश में ऐप को ब्लॉक किया जा सकता है. ऐसा होने पर करोड़ों रूसी नागरिक प्रभावित होंगे, क्योंकि रोजमर्रा की बातचीत के लिए वे WhatsApp पर निर्भर हैं.

यूजर्स की सुरक्षा और आज़ादी पर खतरा

स्थानीय ऐप्स में गोपनीयता सुरक्षा बहुत कम होती है. अगर लोग वहां शिफ्ट होते हैं, तो उनकी सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर भी खतरा बढ़ सकता है.

अमेरिकी टेक कंपनियों पर रूस की बढ़ती सख्ती

रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से रूस ने अमेरिकी टेक कंपनियों पर दबाव तेज कर दिया है. सोशल मीडिया, मैसेजिंग और क्लाउड सर्विसेज पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं. सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह डिजिटल सेंसरशिप बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है. भू-राजनीतिक तनाव के बीच रूस ने WhatsApp को संभावित खतरे के रूप में देखना शुरू कर दिया है. अगर कंपनी शर्तें नहीं मानेगी, तो रूस में WhatsApp पर बैन लगना सिर्फ समय की बात हो सकता है.

 

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