देश का हाईटेक कदम, सीमा पर अब इंसान नहीं, रोबोट संभालेंगे सुरक्षा, जल्द होगी शुरुआत
UBTech Robotics: बॉर्डर पर आने-जाने वाले लोगों को मदद देने और सामान उठाने में ये रोबोट काम करेंगे.चीन धीरे-धीरे अपने पब्लिक सर्विस और बॉर्डर मैनेजमेंट में एडवांस्ड रोबोटिक्स का इस्तेमाल बढ़ा रहा है.
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Walker S2 Features: चीन अपनी सीमाओं पर नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रहा है. अब वह बॉर्डर पर भीड़ नियंत्रण और मदद के लिए ह्यूमनॉयड रोबोट्स को ट्रायल करने जा रहा है. सबसे पहले यह ट्रायल वियतनाम से लगती सीमा पर किया जाएगा. इसका मतलब है कि बॉर्डर पर आने-जाने वाले लोगों को मदद देने और सामान उठाने में ये रोबोट काम करेंगे.चीन धीरे-धीरे अपने पब्लिक सर्विस और बॉर्डर मैनेजमेंट में एडवांस्ड रोबोटिक्स का इस्तेमाल बढ़ा रहा है.
UBTech Robotics
इस प्रोजेक्ट के लिए चीन ने UBTech Robotics को चुन लिया है. कंपनी को इस ट्रायल के लिए लगभग 330 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. इसका मतलब है कि UBTech Robotics सबसे पहले इस तरह के बड़े पैमाने पर रोबोट सप्लाई करेगी. इस ट्रायल में कंपनी का Walker S2 रोबोट इस्तेमाल होगा.
Walker S2 रोबोट की खासियत
Walker S2 रोबोट को इसी साल जुलाई में लॉन्च किया गया था. इसकी ऊंचाई लगभग 1.76 मीटर है और इसमें 52 जॉइंट्स हैं, यानी इसके हाथ-पैर और शरीर में कई जोड़ हैं जो इसे इंसानों की तरह हिलने-डुलने की क्षमता देते हैं. इसके हाथों में भी कई जॉइंट्स हैं, जिससे यह छोटे काम आसानी से कर सकता है और 15 किलो तक वजन उठा सकता है.
यह रोबोट इंसान के बराबर लगभग 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है और भारी सामान उठाते समय खुद को बैलेंस में रख सकता है. इसके अंदर दो कैमरे हैं, जो इंसानों की आंखों की तरह काम करते हैं. साथ ही, इसमें मशीनी दिमाग लगाया गया है, जो खुद निर्णय लेने में सक्षम है.
बैटरी और खुद की देखभाल
Walker S2 का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें खुद का पावर सिस्टम है. यानी यह रोबोट अपने लिए बैटरी खुद बदल सकता है. इसे बैटरी बदलने में केवल तीन मिनट लगते हैं. इससे रोबोट लंबे समय तक लगातार काम कर सकता है, जो बॉर्डर जैसे व्यस्त स्थानों के लिए बहुत जरूरी है.
रोबोट का इस्तेमाल बॉर्डर पर
इस ट्रायल के दौरान Walker S2 रोबोट का काम कई तरह से होगा. यह बॉर्डर पर आने वाले पर्यटकों को गाइड करेगा, भारी सामान उठाने में मदद करेगा और ड्यूटी मैनेजमेंट में भी सहयोग देगा. इसका असली मकसद यह देखना है कि रोबोट असली दुनिया में कितनी प्रैक्टिकल और मददगार साबित होते हैं.
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