AC यूज़ करने वालों के लिए बड़ी खबर! सरकार ने तय की टेंपरेचर की सीमा
सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से लंबे समय में बिजली की बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से एक अहम पहल है. जहां एक ओर इससे लोगों को अपने बिजली बिल पर राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर देश की ऊर्जा व्यवस्था भी संतुलित होगी.

AC Temperature Rules: गर्मियों के मौसम में एसी और कूलर लोगों की सबसे बड़ी जरूरत बन जाते हैं. जब तापमान तेजी से बढ़ता है, तो लोग राहत पाने के लिए AC का उपयोग करते हैं. कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग AC का टेंपरेचर बार-बार अपनी सहूलियत के अनुसार घटाते-बढ़ाते रहते हैं. लेकिन अब ऐसा करने की आज़ादी खत्म होने जा रही है. सरकार की ओर से एक नया नियम लाया जा रहा है, जिसके तहत एयर कंडीशनर का तापमान अब एक तय सीमा के बाहर नहीं जा सकेगा। यह नियम खासतौर पर बिजली की खपत को नियंत्रित करने और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है.
20°C से कम और 28°C से ज्यादा नहीं होगा टेंपरेचर
केंद्रीय ऊर्जा, आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस नई पहल की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि AC का तापमान अब 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा. यानी, अगर आप AC का तापमान इससे नीचे या ऊपर करना चाहेंगे, तो वो तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा. यह नियम आने वाले समय में सभी घरेलू और कॉर्पोरेट यूज़र्स पर लागू किया जाएगा.
खट्टर ने इसे ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम बताया है. उनका कहना है कि बिजली की अत्यधिक खपत को रोकने और देश के ऊर्जा संसाधनों को संतुलित रखने के लिए यह जरूरी हो गया है कि एसी के इस्तेमाल को नियंत्रित किया जाए. इस नियम को लागू करने के बाद इसके प्रभाव की निगरानी की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव भी किया जा सकता है.
क्यों जरूरी है एसी टेंपरेचर पर नियंत्रण?
आज के समय में बहुत से लोग AC का तापमान 18°C या 19°C जैसे निचले स्तर तक सेट करते हैं, जो कि जरूरत से कहीं ज्यादा ठंडा होता है. इससे शरीर पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही इससे बिजली की खपत भी काफी बढ़ जाती है. नतीजतन, राष्ट्रीय पावर ग्रिड पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है.
सरकारी आंकड़ों और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) की रिपोर्ट के अनुसार, यदि AC का तापमान 20°C की बजाय 24°C तक रखा जाए, तो लगभग 24% बिजली की बचत की जा सकती है. और सिर्फ हर 1°C की बढ़ोतरी पर लगभग 6% बिजली की खपत में कमी आती है. यानी थोड़ी-सी समझदारी न केवल आपके बिजली बिल को कम कर सकती है, बल्कि देश के लिए भी फायदेमंद हो सकती है.
सभी नए AC में होगा लिमिट सेटिंग सिस्टम
इस नियम को लागू करने के लिए सरकार AC कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी. आगे से जो भी नए एयर कंडीशनर बाजार में बिकेंगे, उनमें डिफ़ॉल्ट टेंपरेचर लिमिट सिस्टम पहले से ही सेट होगा। पुराने मॉडल्स में भी तकनीकी अपडेट के ज़रिए यह सुविधा दी जा सकती है. इसके अलावा, कार्यालयों और सरकारी भवनों में AC टेंपरेचर पर निगरानी रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
ऊर्जा संरक्षण की ओर एक जरूरी कदम
सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से लंबे समय में बिजली की बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से एक अहम पहल है. जहां एक ओर इससे लोगों को अपने बिजली बिल पर राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर देश की ऊर्जा व्यवस्था भी संतुलित होगी. अगर हम अपने घरों और दफ्तरों में थोड़ी सी सावधानी बरतें और AC का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, तो यह न केवल हमारी जेब के लिए अच्छा है, बल्कि पर्यावरण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक साबित होगा.