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योगी ने यूपी के लोगों के लिए खोला सरकार का खजाना, राज्यपाल के भाषण में मिली झलकी !

यूपी बजट सत्र : 'कानून व्यवस्था से लेकर एक्सप्रेसवे तक', राज्यपाल आनंदी बेन के अभिभाषण की बड़ी बातें

Created By: NMF News
18 Feb, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
03:24 AM )
योगी ने यूपी के लोगों के लिए खोला सरकार का खजाना, राज्यपाल के भाषण में मिली झलकी !
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कानून व्यवस्था और आमजन की सुरक्षा के पहलू को प्रमुखता से रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी सभ्य समाज के लिए सुरक्षा उसकी मूलभूत आवश्यकता है।  

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी और आमजन का शासन-प्रशासन से विश्वास उठ चुका था, लेकिन योगी सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण और सुधार करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को नजीर के रूप में प्रस्तुत किया। अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और कानून व्यवस्था एवं पुलिसिंग के स्तर व गुणवत्ता में नियमित एवं समयबद्ध रूप से सुधार किए। इसकी मदद से प्रदेशवासियों को अपराधमुक्त एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार किया जा रहा है।

सदन के पटल पर रखे गए अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा, ''मेरी सरकार में अब तक कोई सांप्रदायिक दंगा या जातिगत संघर्ष की घटना नहीं हुई है। विभिन्न महत्वपूर्ण त्योहारों, मेलों, जुलूसों, शोभा यात्राओं और धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ विभिन्न निर्वाचनों को शांतिपूर्ण ढंग से सकुशल संपन्न कराए जाने में सफलता प्राप्त हुई है।''

राज्यपाल ने कहा, ''ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत जुलाई, 2023 से दिसंबर, 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्युदंड, 6,287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1,091 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक की सजा, 3,868 अभियुक्तों को 10 से 19 वर्ष तक की सजा, 5,788 अभियुक्तों को 5 से 9 वर्ष की सजा एवं 51,748 अभियुक्तों को 5 वर्ष से कम की सजा से दंडित कराया गया है।

उन्होंने कहा कि नवंबर, 2019 से अब तक चिन्हित माफिया या गैंग के सदस्यों के विरुद्ध विचाराधीन मुकदमों की न्यायालयों में प्रभावी पैरवी करते हुए 31 माफिया और 74 सह-अपराधियों को अलग-अलग अभियोगों में आजीवन कारावास, कारावास और अर्थदंड से दंडित कराया गया, जिसमें से दो को मृत्युदंड की सजा हुई। इसके अतिरिक्त, अवैध रूप से अर्जित बेनामी संपत्तियों को चिन्हित कर माफिया अपराधियों से मुक्त कराकर 4 हजार 74 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण एवं अवैध कब्जे से मुक्त कराते हुए 141 अरब से अधिक मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को राज्य सरकार में निहित किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को 1 जुलाई, 2024 से सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है, जिसमें अब तक लगभग 2 लाख 50 हजार से अधिक मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही, महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तीकरण के लिए विभिन्न अभियान जैसे मिशन शक्ति-5.0, ऑपरेशन गरुड़, ऑपरेशन शील्ड, ऑपरेशन डिस्ट्रॉय, ऑपरेशन बचपन, ऑपरेशन खोज, ऑपरेशन ईगल, ऑपरेशन रक्षा इत्यादि सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं। ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत सभी थानों में अब तक 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 में अभूतपूर्व सुधार करते हुए यूपी-112 का रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकंड से घटाकर 7 मिनट 24 सेकंड कर दिया गया है।

साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि साइबर क्राइम की विवेचना के लिए वर्ष 2017 से पूर्व दो थाने थे। वर्तमान सरकार द्वारा समस्त 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित करते हुए साइबर अपराध पर नियंत्रण किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर प्राप्त शिकायतों को संज्ञान में लेकर वर्ष 2017 से अब तक 21,655 एफआईआर पंजीकृत किए गए हैं। अपराधों को रोकने के लिए एसटीएफ द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 653 जघन्य अपराध घटित होने से पूर्व ही रोक लिए गए हैं। एटीएस द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 130 आतंकवादी एवं 171 रोहिंग्या/बांग्लादेशी व सहयोगियों की गिरफ्तारी की गई है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 के बाद विभिन्न पदों पर 1 लाख 56 हजार से अधिक भर्ती की गई तथा 1 लाख 49 हजार से अधिक कर्मियों को प्रोन्नति प्रदान की गई है। वर्तमान में अराजपत्रित श्रेणी के 92,919 पदों पर भर्ती के लिए कार्यवाही प्रचलित है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश में एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित चार बड़े एक्सप्रेसवे (यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे) संचालित हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं। देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क में उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक हिस्सेदारी है।

राज्यपाल ने बताया कि चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को वाया फर्रुखाबाद, गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे तथा जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कार्य गतिमान है।

उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश के अंदर कनेक्टिविटी को बढ़ाने तथा लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने के लिए नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कार्रवाई कर रही है, इसमें 320 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे (प्रयागराज-मीरजापुर-वाराणसी-चंदौली-सोनभद्र), चंदौली से गाजीपुर होते हुए पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए स्पर का निर्माण, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए रीवा मार्ग से जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण और गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से हरिद्वार को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण शामिल है।

राज्यपाल ने बताया कि यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी, अलीगढ़ में एंकर रिसर्च लैब्स, लखनऊ में डीआरडीओ ब्रह्मोस एयरोस्पेस शामिल हैं, जिनमें लगभग साढ़े 9 हजार करोड़ का निवेश संभावित है। इसके साथ ही सरकार यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में सेमीकंडक्टर पार्क, डेटा सेंटर पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित कर रही है।

उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा निवेश क्षेत्र में एविएशन हब, एमआरओ-कार्गो कॉम्प्लेक्स, आगरा और प्रयागराज में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में केमिकल और फार्मा पार्क जैसे सेक्टर विशिष्ट पार्क भी शामिल हैं।

उन्होंने एविएशन सेक्टर का भी उल्लेख किया, जिसमें जहां वर्ष 2017 से पहले मात्र 4 आपरेशनल एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर एवं आगरा थे, जो वर्तमान में बढ़कर 16 हो गए हैं। 2017 से अब तक कुशीनगर एवं अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का निर्माण कार्य पूर्ण कर इन्हें संचालित किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जेवर में विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शीघ्र ही संचालन हो जाने से प्रदेश में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएंगे।

Input: IANS

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