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Uttarakhand में कब लागू होगा UCC, CM Dhami ने बता दी तारीख !

देवभूमि उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा, खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लागू करने की नई तारीख का ऐलान कर दिया है ।

20 Dec, 2024
( Updated: 04 Dec, 2025
03:17 PM )
Uttarakhand में कब लागू होगा UCC, CM Dhami ने बता दी तारीख !

पहले अवैध मजारों पर हुआ एक्शन, फिर लैंड जिहादियों पर कसा गया शिकंजा, और अब देवभूमि उत्तराखंड में अवैध घुसपैठियों पर भी लगाम लगाने की बड़ी तैयारी कर ली गई है। क्योंकि कुछ ही दिनों बाद उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि यूसीसी लागू होने जा रहा है, जिसकी तारीख का ऐलान खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कर दिया है।दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के वक्त ही सीएम धामी ने ये ऐलान किया था कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो हमारी सरकार उत्तराखंड में डंके की चोट पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेगी, और धामी के वादे पर भरोसा करते हुए देवभूमि की जनता ने भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत दे दिया। जिसके बाद सत्ता में लौटते ही सीएम धामी की सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की तैयारी तेज कर दी, और अब वो वक्त भी आ गया जब खुद सीएम धामी ने ये ऐलान कर दिया कि नए साल की शुरुआत में ही, यानि जनवरी में उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर दिया जाएगा।

सीएम धामी का बयान

सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर किए गए एक ट्वीट में ये भी बताया कि अगले साल जनवरी में यूसीसी लागू करने के लिए जहां पूरी तैयारी कर ली गई है, वहीं आम लोगों को सुविधाओं के लिए एक विशेष पोर्टल और मोबाइल एप भी बनाया गया है जिससे लोगों को मदद मिल सके।

यूसीसी की प्रक्रिया और घटनाक्रम

  • 2022 चुनाव में बीजेपी ने UCC लागू करने का ऐलान किया।
  • 27 मई 2022 में UCC के प्रारूप के लिए समिति गठित हुई।
  • समिति की 80 से ज्यादा बैठकें हुईं, 2.30 लाख सुझाव मिले।
  • 2 फरवरी 2024 को समिति ने धामी सरकार को रिपोर्ट सौंपी।
  • 7 फरवरी 2024 को विधानसभा विधेयक पारित कर दिया।
  • 12 मार्च 2024 को समान नागरिक संहिता की अधिसूचना जारी।
  • 14 मार्च को नियमावली बनाने के लिए समिति गठित की गई।

आपको बता दें, सीएम धामी ने देवभूमि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा विरोध मुस्लिम समुदाय कर रहा है। क्योंकि यूसीसी में बहु विवाह, बाल विवाह, तलाक, इद्दत, हलाला जैसी प्रथाओं पर रोक लगाई गई है, और विवाह का रजिस्ट्रेशन भी जरूरी कर दिया गया है। ऐसा ना करने वालों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, यूसीसी में ये भी प्रावधान दिया गया है कि पति-पत्नी के जीवित रहने पर दूसरा विवाह पूरी तरह से बैन किया गया है। ऐसे कई प्रावधान दिए गए हैं, जिसका मुस्लिम समुदाय विरोध करता रहा है। लेकिन इसके बावजूद धामी सरकार ने महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखते हुए यूसीसी लागू करने का ऐलान कर दिया है।

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