महाराष्ट्र सहकारी चुनाव में अजित पवार ने किया चाचा शरद का सूपड़ा साफ, जीत ली 21 में से 20 सीटें
महाराष्ट्र की सियासत में भतीजे अजित पवार लगातार चाचा शरद पवार पर भारी पड़ रहे हैं. विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार को एक और बड़ा झटका लगा है. यह झटका खुद उन्हें भतीजे अजित पवार ने दिया है.

अजित पवार ने मालेगांव चीनी मिल चुनाव में शरद पवार को तगड़ा झटका दिया है. मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव के फाइनल नतीजे आ चुके हैं. अजित पवार के चाचा शरद पवार को पारिवारिक गढ़ बारामती में चल रहे पवार बनाम पवार जंग में बड़ा झटका लगा है. सियासत के असल खेल में अजित पवार ने चाचा शरद पवार को एक बार फिर पटखनी दे दी है.
मालेगांव चीनी मिल चुनाव में भतीजे ने किया चाचा का सूपड़ा साफ
अजित पवार ने मालेगांव चीनी मिल चुनाव में शरद पवार को तगड़ा झटका दिया है. मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव के फाइनल नतीजे आ चुके हैं. पहले तो अजित पवार ने चीनी मिल के चुनाव में अपनी सीट जीती. अब उनकी पार्टी ने शरद पवार की एनसीपी का सूपड़ा साफ कर दिया है. अजित पवार के पैनल ने 21 में से 20 सीटें जीती हैं, जबकि शरद पवार का खाता तक नहीं खुला.
दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के कैंडिडेट्स ने बुधवार को मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनावों में लगभग क्लीन स्वीप करते हुए 21 में से 20 सीटें जीत लीं. इससे अजित पवार के चाचा शरद पवार को पारिवारिक गढ़ बारामती में चल रहे पवार बनाम पवार जंग में एक और झटका लगा. विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार के लिए एक और बड़ा झटका है. इस तरह सियासत के असल खेल में अजित पवार ने चाचा शरद पवार को पटखनी दे दी है.
अगर चेयरमैन बना तो लाऊंगा 500 करोड़ का फंड
मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी चंद्रराव तावरे के सहकार बचाओ पैनल के 21 उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में अजित पवार गुट के नीलकंठेश्वर पैनल ने 21 में से 20 सीटें जीती हैं. वहीं चाचा शरद पवार के बलिराजा सहकार बचाओ पैनल का सूपड़ा साफ हो गया है. बलिराजा सहकार बचाओ पैनल के 21 उम्मीदवारों में से कोई भी नहीं जीता है. मेहनतकश किसान पैनल का भी सूपड़ा साफ हो गया है और 21 उम्मीदवारों में से कोई भी नहीं जीता है.
दिलचस्प बात यह है कि डिप्टी सीएम अजित पवार खुद मालेगांव चुनाव के लिए बारामती में डेरा डाले हुए थे और कह रहे थे कि ‘मैं ही चेयरमैन बनूंगा’. उन्हें शरद पवार और टावरे के पैनल से चुनौती मिल रही थी. इसलिए मालेगांव चीनी मिल का चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया था. अजित पवार का यह बयान कि अगर वे चेयरमैन बनते हैं तो मालेगांव फैक्ट्री के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड लाएंगे, चुनाव के दौरान खूब चर्चा में रहा था.
दरअसल, मालेगांव सहकारी चुनाव के लिए 22 जून को वोट डाले गए थे. मंगलवार सुबह 9 बजे शुरू हुई मतगणना में 36 घंटे लगे. यही वजह है कि रिजल्ट आने में देरी हुई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अब सहकारी चुनाव में भी जीत हासिल कर अजित पवार ने बता दिया है कि एनसीपी के असली बॉस वही हैं.