बिहार चुनाव में गौड़ाबौराम सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष, RJD ने अपने ही 'कैंडिडेट' को पार्टी से निकाला, RJD-VIP-BJP में टक्कर
बिहार चुनाव में RJD को कैडर की ओर से भारी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. आपको बताएं कि पार्टी की ओर से बगावत करने वाले नेताओं पर लगातार कार्रवाई की भी जा रही है. इस बीच पार्टी ने गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी मोहम्मद अफजल अली को नामांकन वापस नहीं लेने पर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. अब ऐसे में इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. गठबंधन के तहत ये सीट मुकश सहनी की VIP के कोटे में गई है.
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Bihar Elections: बिहार में आज शाम पहले चरण का चुनाव प्रचार थम जाएगा. जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, तमाम पार्टियों को आंतरिक और बाह्य नाराजगी, बगावतों का सामना करना पर रहा है. इसी बीच RJD ने अपने एक नेता को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आपको बता दें कि राजद ने गौड़ाबौराम विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस नहीं लेने पर प्रत्याशी अफजल अली को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
अफजल अली को RJD ने पार्टी से किया बाहर
RJD के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने सोमवार को आदेश में अफजल अली को पार्टी से निष्कासित कर दिया. उन्होंने आदेश में कहा कि दरभंगा जिला के 79, गौड़ाबौराम विधानसभा सीट महागठबंधन के द्वारा आपसी समन्वय के आधार पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को देने का निर्णय लिया गया है. गौड़ाबौराम विधानसभा सीट से महागठबंधन के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में संतोष सहनी, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को समर्थन प्राप्त है.
उन्होंने आगे कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार मोहम्मद अफजल अली खां से भी महागठबंधन धर्म का पालन करते हुए पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का सम्मान रखने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय की अवहेलना करते हुए वे एनडीए गठबंधन को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से अपना नामांकन वापस नहीं लिया. इसके बाद पार्टी की ओर से अफजल अली खां को हठधर्मिता एवं नेतृत्व के निर्णय के विरुद्ध आचरण को देखते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है.
गौड़ाबौराम सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
बता दें कि पूर्व में गौड़ाबौराम सीट पर महागठबंधन से राजद और वीआईपी के प्रत्याशियों ने अलग-अलग नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया था. इसके बाद दोस्ताना संघर्ष की उम्मीद की जाने लगी थी, लेकिन तेजस्वी यादव जब चुनावी प्रचार के दौरान गौड़ाबौराम पहुंचे तब उन्होंने संतोष सहनी को महागठबंधन का प्रत्याशी घोषित किया.
VIP के लिए नाक का सवाल बनी ये सीट!
संतोष सहनी वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी के भाई हैं और पार्टी के अध्यक्ष हैं. ऐसे में वीआईपी के लिए गौड़ाबौराम सीट प्रतिष्ठा की सीट बन गई है. इससे पहले भी राजद कई नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले दो दर्जन नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर चुका है.
VIP ने लगाया साजिश का आरोप
इससे पहले विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष संतोष सहनी ने दरभंगा के गौड़ाबौराम सीट के चुनाव अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि राजद सुप्रीमो लालू यादव ने लिखित रूप से अपने उम्मीदवार अफजल अली खान की उम्मीदवारी रद्द करने का अनुरोध किया था, लेकिन चुनाव अधिकारियों ने राजद प्रत्याशी की उम्मीदवारी रद्द नहीं की.
क्या है इस सीट को लेकर खींचतान?
आपको बताएं कि आरजेडी ने सीट शेयरिंग के ऐलान से पहले गौड़ाबौराम में अफजल अली खान को पार्टी का चुनाव चिह्न दिया था, लेकिन बाद में यह सीट वीआईपी के खाते में चली गई. यहां से VIP के संस्थापक मुकेश सहनी के छोटे भाई संतोष सहनी महागठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवार हैं. हालांकि लालू के अनुरोध और कहने के बावजूद अफजल अली ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया.
गौड़ाबौराम सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष
अब चुकि RJD ने अफजल अली को नामाकांन वापस नहीं लेने को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया है, ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. यहां पर VIP के उम्मीदवार संतोष सहनी, निर्दलीय के रूप में अफजल अली और बीजेपी से सुजीत कुमार के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी. वहीं जनसुराज ने इफ्तिखार आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है. कहा जा रहा है कि यहां NDA को फायदा साफ तौर पर मिल सकता है.
अब अफजल अली बतौर निर्दलीय लेकिन लालटेन के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी की स्वर्णा सिंह ने यह सीट जीती थी, जबकि आरजेडी के अफजल अली खान दूसरे स्थान पर रहे थे.
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