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'मुंबई नहीं तो क्या पाकिस्तान में मनेगा छठ...', बिहार में CM फडणवीस की धुंआधार प्रचार, तेजस्वी-उद्धव पर प्रहार

बिहार में चुनाव प्रचार करने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी महागठबंधन पर तगड़ा हमला बोला. उन्होंने महाराष्ट्र में पिछली सरकारों में उत्तर भारतीयों, खासकर बिहारियों के साथ होने वाली दिक्कतों और छठ महापर्व पर खास पार्टियों द्वारा रोक का मुद्दा उठाया. सीएम फडणवीस ने कहा कि इस बार उन्होंने भी छठ पर्व मनाया, अगर छठ मुंबई में नहीं मनेगा तो क्या पाकिस्तान में मनेगा.

बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. इसी बीच बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शुमार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी धुआंधार रैली की. बिहार के अमनौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रदेशसवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि मैं हाल ही में संपन्न हुए छठ पर्व की भी शुभकामनाएं देता हूं. मैं यह बताना चाहता हूं कि सिर्फ आपने ही छठ नहीं मनाया, बल्कि मैंने भी मुंबई में अपने बिहार के भाइयों के साथ यह महापर्व मनाया. 

सीएम फडणवीस ने मनाया छठ महापर्व

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने समुद्र के किनारे चौपाटी पर तीन लाख बिहारी भाइयों के साथ छठ पर्व मनाया. छठी मैया की पूजा की और सूर्य देव को अर्घ्य दिया है. एक जमाना था जब महाराष्ट्र में कुछ लोग कहते थे कि हम मुंबई में छठ पर्व नहीं मनाने देंगे, लेकिन जब से भाजपा और एनडीए की सरकार आई, पूरी शान के साथ मुंबई में छठ महापर्व मनाया जाता है. 

'मुंबई में नहीं तो क्या पाकिस्तान में मनेगा छठ'

उन्होंने कहा कि हमने कहा मुंबई में नहीं तो क्या पाकिस्तान में छठ मनाया जाएगा? मुंबई में जो छठ पर पाबंदी लगाने की बात करते थे, वो बिहार में आज तेजस्वी के साथ कंधे से कंधे मिलाने का काम कर रहे हैं. यह बिहार के लोगों का अपमान है.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिहार के विकास को आज कोई रोक नहीं सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले पांच सालों में बिहार में जिस तरह से सड़कों का जाल बिछाया, स्कूल-कॉलेज बनाए, पुल बनाए और अस्पताल बनाए, उससे बिहार का समग्र विकास हुआ है.

एक तरह विकास, दूसरी तरफ जंगलराज: फडणवीस

बिहार में अब यह विकास की धारा रुकेगी नहीं. एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी का विकास है और दूसरी तरफ जंगलराज है. यह उम्मीदवारों के भविष्य का नहीं, आपके भविष्य का चुनाव है. आपकी एक गलती से बिहार में जंगलराज आ सकता है.

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव किसी एक प्रत्याशी की जीत-हार का चुनाव नहीं है, बल्कि इस चुनाव से यह तय करना है कि बिहार किसके हाथ में रहेगा. यह बिहार 15 सालों तक जंगलराज फैलाने वाले हाथों में रहेगा, या 20 साल तक सुशासन देने वाले एनडीए के हाथ में रहेगा.

उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिहार का भविष्य तय करने का चुनाव है. ये चुनाव सुशासन बनाम जंगलराज का चुनाव है. उन्होंने लोगों पर विश्वास जताते हुए कहा कि गोपालगंज वालों ने साल 2002 के बाद कभी भी यहां राजद को नहीं जिताया है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी ये रिकॉर्ड को आगे बढ़ाएंगे.

अमित शाह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. एनडीए के पांचों दल पांडव की तरह एक साथ मिलकर इस चुनाव के मैदान में उतरे हैं, जबकि दूसरी ओर महाठगबंधन में इतनी लड़ाई है कि वे हमारे खिलाफ चुनाव लड़ने की जगह अंदर-अंदर ही एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं.

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