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कैसे हुआ था बारकोड का आविष्कार, एक क्रांतिकारी तकनीक ने कैसे बदल दिया खरीदारी का तरीका?

बारकोड, जो कि आज हर प्रोडक्ट पर देखने को मिलता है, 1974 में पहली बार एक सुपरमार्केट में स्कैन हुआ था। इस आविष्कार ने न केवल खरीदारी के तरीकों में बदलाव लाया, बल्कि सप्लाई चेन और इन्वेंट्री सिस्टम को भी एक नया रूप दिया।

11 Nov, 2024
( Updated: 11 Nov, 2024
12:47 AM )
कैसे हुआ था बारकोड का आविष्कार, एक क्रांतिकारी तकनीक ने कैसे बदल दिया खरीदारी का तरीका?
बारकोड, यह नाम सुनते ही हमारी नजरों के सामने उस सफेद और काले रेखाओं का एक अनोखा कोड आता है जो हमें हर प्रोडक्ट की पैकिंग पर देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस छोटे से कोड का आविष्कार कैसे हुआ? बारकोड ने केवल खरीदारी के तरीके को नहीं बदला, बल्कि जानकारी साझा करने के तरीके को भी पूरी तरह से नया रूप दे दिया।

यह कहानी है 26 जून, 1974 की, जब ओहायो के ट्रॉय में मार्श सुपरमार्केट के एक कैशियर ने पहली बार यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड (UPC) का उपयोग कर एक उत्पाद – रिगले का जूसी फ्रूट च्युइंग गम – को स्कैन किया। इस एक घटना ने बारकोड को जन-जन तक पहुंचाया और दुनिया भर में खुदरा स्टोर्स से लेकर अस्पतालों और अंतरिक्ष यान तक का सफर तय करवा दिया।
बुल्स-आई बारकोड की कहानी
बारकोड के आविष्कार की कहानी 1974 में नहीं, बल्कि उससे कहीं पहले, 1949 में शुरू होती है। नॉर्मन जोसेफ वुडलैंड और बर्नार्ड सिल्वर ने एक ऐसा तरीका खोजा जो उत्पादों की पहचान को आसान बना सके। इस तकनीक को "बुल्स-आई कोड" कहा गया। कहानी तब कि है जब वुडलैंड एक बार समुद्र तट पर बैठे हुए रेत में अपने हाथों को घुमा रहे थे, तभी उन्हें विचार आया कि अलग-अलग चौड़ाई वाली रेखाएं डेटा को मॉर्स कोड की तरह प्रदर्शित कर सकती हैं। हालांकि इस विचार को साकार करने में बहुत सी तकनीकी दिक्कतें आईं, जिसमें 500 वॉट का बल्ब और एक विशेष ट्यूब की जरूरत थी जो रोशनी को कोड में बदल सके। लेकिन इस विचार ने एक क्रांतिकारी तकनीक के लिए नींव रख दी।
IBM की टीम ने कैसे विकसित किया UPC कोड?
IBM कंपनी ने बारकोड को सरल और प्रभावी बनाने के लिए अपनी टीम को एक प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया। 1969 में, IBM के एक प्रमुख इंजीनियर पॉल वी. मैकएनरो और उनकी टीम को इस काम के लिए नियुक्त किया गया। इस प्रोजेक्ट को उन्होंने "कंज्यूमर ट्रांजैक्शन सिस्टम्स" का नाम दिया और इसमें जॉर्ज लॉरेर जैसे इंजीनियर्स शामिल हुए जिन्होंने बारकोड के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जब IBM ने एक नया डिज़ाइन बनाने के लिए सोचा, तब लॉरेर ने बुल्स-आई बारकोड के बजाए रेखाओं का एक नया डिज़ाइन प्रस्तावित किया। लॉरेर ने देखा कि गोल आकृतियाँ प्रिंट करने में ज्यादा जगह घेरती हैं और प्रिंटिंग के दौरान ये अक्सर धुंधली हो जाती हैं। इसलिए उन्होंने सीधी रेखाओं का उपयोग कर एक सरल डिज़ाइन तैयार किया।

1970 में, नेशनल एसोसिएशन ऑफ फूड चेन्स (NAFC) ने एक समिति गठित की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि उत्पादों की पहचान को प्रभावी बनाने के लिए बारकोड का उपयोग कैसे किया जाए। IBM की टीम ने 1971 में अपना डिज़ाइन NAFC को प्रस्तुत किया। कई प्रतियोगियों में से IBM का डिज़ाइन चुना गया क्योंकि यह सबसे प्रभावी था और इसे आसानी से प्रिंट और स्कैन किया जा सकता था। जब IBM ने बारकोड के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तैयार कर लिए, तब इसे वास्तविक बाजार में उतारने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि कई लोगों को लगता था कि स्कैनर से कैशियर की नौकरी पर असर पड़ेगा और सामान की कीमतों में हेरफेर हो सकता है।

कैरोलीन टकर-फोरमैन, कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ अमेरिका की कार्यकारी निदेशक, ने भी बारकोड के खिलाफ आंदोलन शुरू किया, क्योंकि उनका मानना था कि यह उपभोक्ताओं के लिए उचित नहीं है। कई राज्यों ने बारकोड के उपयोग पर कड़ी शर्तें लगाई और कुछ ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया।
बारकोड का ऐतिहासिक प्रभाव
इन चुनौतियों के बावजूद, बारकोड ने धीरे-धीरे अपने लाभों को सिद्ध किया और 1980 के दशक तक अमेरिका में कई सुपरमार्केट्स ने इसे अपनाया। बारकोड ने न केवल खरीदारी को आसान बनाया, बल्कि यह सप्लाई चेन को सुगम बनाने और उत्पादों की ट्रैकिंग में भी सहायक साबित हुआ।

यह बारकोड का ही प्रभाव है कि आज इसे दुनिया भर के खुदरा स्टोर्स, अस्पतालों, गोदामों, और यहां तक कि अंतरिक्ष अनुसंधान में भी उपयोग किया जा रहा है। सुपरस्टोर्स में बिना इस तकनीक के आज के जटिल इन्वेंट्री सिस्टम की कल्पना करना भी मुश्किल है। बारकोड के आविष्कार ने खरीदारी की दुनिया में एक बड़ी क्रांति लाई और आज इसकी जगह QR कोड जैसी आधुनिक तकनीक ने ले ली है। लेकिन बारकोड का उपयोग अभी भी जारी है और इसका महत्व समाप्त नहीं हुआ है। मैकएनरो का मानना है कि बारकोड का आविष्कार एक टीम का सामूहिक प्रयास था और इसे पब्लिक डोमेन में रखने का निर्णय इसकी सबसे बड़ी सफलता थी। यह तकनीक न केवल खुदरा उद्योग के लिए, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण में भी अति महत्वपूर्ण हो चुकी है।

बारकोड का आविष्कार एक साधारण आवश्यकता से शुरू होकर एक वैश्विक क्रांति में बदल गया। यह सिर्फ एक कोड नहीं है; यह मानव रचनात्मकता, टीम वर्क और तकनीकी विकास का प्रतीक है जिसने जीवन को आसान और व्यापार को कुशल बनाया है। आज भी, हर बार जब हम कोई उत्पाद स्कैन करते हैं, तब हम पॉल मैकएनरो और उनकी टीम की मेहनत को अनुभव करते हैं।

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