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योगी सरकार की किसान नीति लाई रंग... प्रदेश सरकार ने खरीदा 19 लाख मीट्रिक टन धान, खातों में पहुंचे हजारों करोड़

योगी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एमएसपी पर धान की खरीद और डीबीटी के जरिए समय पर भुगतान को प्राथमिकता दी है. अब तक 3.15 लाख किसानों से 19.14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है, जबकि बाजरा किसानों को 421.39 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

योगी सरकार की किसान नीति लाई रंग... प्रदेश सरकार ने खरीदा 19 लाख मीट्रिक टन धान, खातों में पहुंचे हजारों करोड़
Yogi Adityanath (File Photo)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार हर क्षेत्र में विकास और लोक कल्याण की योजनाओं पर जोर दे रही है. प्रदेश सरकार का विशेष फोकस अन्नदाता किसानों की आर्थिक समृद्धि पर है. योगी सरकार एक ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री के लिए प्रदेशभर में 4,645 क्रय केंद्र स्थापित कर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, वहीं दूसरी ओर डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे भुगतान भी कर रही है.

किसानों से कितना धान खरीद चुकी है सरकार 

आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 3.15 लाख से अधिक किसानों से 19.14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. इसके एवज में किसानों को 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान भी किया गया है. इसके साथ ही बाजरा बिक्री करने वाले 35 हजार से अधिक किसानों को 421.39 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश में ‘श्रीअन्न’ की खरीद एक अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली अक्टूबर से, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली नवंबर से धान की खरीद की जा रही है. प्रदेश सरकार का यह प्रयास किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

पिछले सत्र से अधिक किसानों ने कराया पंजीकरण 

योगी सरकार साल दर साल अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रही है. खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 13 दिसंबर तक धान बिक्री के लिए 6.70 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था, जबकि 2025-26 में अब तक यह संख्या 7.83 लाख से अधिक पहुंच चुकी है. बाजरा बिक्री के लिए पिछले वर्ष इसी अवधि तक 21,630 किसानों का पंजीकरण हुआ था, जो इस वर्ष बढ़कर 80 हजार से अधिक हो गया है. वहीं ज्वार और मक्का की बिक्री के लिए भी किसानों के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. ज्वार बिक्री के लिए जहां पिछले वर्ष 12 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया था, वहीं इस वर्ष 16 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है. प्रदेश में फिलहाल बाजरा की खरीद 33 जनपदों में, जबकि ज्वार की खरीद 11 जनपदों में की जा रही है. यह आंकड़े प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों और प्रभावी खरीद व्यवस्था को दर्शाते हैं.

सरकार ने किसानों को किया 421 करोड़ से अधिक का भुगतान

खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धान की खरीद, किसानों को भुगतान और क्रय केंद्रों की व्यवस्था को लेकर लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शनिवार दोपहर 12 बजे तक प्रदेश में 3.15 लाख किसानों से 19.14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. इसके एवज में उत्तर प्रदेश के किसानों को 4,541.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. प्रदेशभर में अब तक 4,645 क्रय केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं. ‘श्रीअन्न’ की खरीद की बात करें तो बाजरा किसानों को अब तक 421.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक यह आंकड़ा 187.98 करोड़ रुपये था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार मॉनीटरिंग के चलते इस वर्ष किसानों को भुगतान की प्रक्रिया पहले की तुलना में कहीं अधिक तेज हुई है.

31 दिसंबर तक होगी ‘श्रीअन्न’ की खरीद 

‘श्रीअन्न’ की खरीद पहली अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, जो 31 दिसंबर तक चलेगी. श्रीअन्न के अंतर्गत बाजरा की खरीद 33 जनपदों में, मक्का की खरीद 25 जनपदों में और ज्वार की खरीद 11 जनपदों में की जा रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 31 जनवरी तक, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी तक जारी रहेगी. धान (कॉमन) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये प्रति कुंतल और धान (ग्रेड ए) का 2,389 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है. वहीं ज्वार (मालदांडी) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,749 रुपये प्रति कुंतल, ज्वार (हाईब्रिड) का 3,699 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है. इसके अलावा बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,775 रुपये प्रति कुंतल और मक्का का 2,400 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है.

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बताते चलें कि प्रदेश में किसानों की उपज की खरीद और समयबद्ध भुगतान को लेकर योगी सरकार की सक्रियता साफ नजर आ रही है. मजबूत क्रय व्यवस्था, बढ़ते पंजीकरण और तेज डीबीटी भुगतान के जरिए सरकार अन्नदाता किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है.

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