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'अंततः हम साथ आ जाएंगे...', भारत के साथ टैरिफ विवाद पर अमेरिका के तेवर ढीले पड़े... ट्रंप सरकार के वित्त मंत्री ने कहा - चिंता की कोई बात नहीं

ट्रंप सरकार में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद को लेकर चल रहे मसले पर बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि 'अंततः अमेरिका और भारत दोनों एक साथ आ जाएंगे.' इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि 'यह टैरिफ की ऊंची दरें, सिर्फ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के कारण नहीं हैं, बल्कि इस बात पर भी निर्भर हैं कि व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत कितनी लंबी खिंच रही है.'

'अंततः हम साथ आ जाएंगे...', भारत के साथ टैरिफ विवाद पर अमेरिका के तेवर ढीले पड़े... ट्रंप सरकार के वित्त मंत्री ने कहा - चिंता की कोई बात नहीं

अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी का टैरिफ दर बुधवार से लागू हो गया है. बीते कई महीनों से दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर रिश्तों में दरार पैदा हो गई है. ट्रंप लगातार भारत को टैरिफ दर बढ़ाने को लेकर धमकियां दे रहे हैं. इस बीच खबर आई है कि भारत के खिलाफ लगाए गए टैरिफ दर को लेकर अमेरिका के सुर बदलने लगे हैं. अमेरिका को इस बात का अंदाजा हो गया है कि भारत से व्यापार में पंगा लेना उसके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है. यहां ट्रंप की जिद अब घुटने टेकने पर मजबूर हो गई है. बता दें कि ट्रंप सरकार के वित्त मंत्री ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने को लेकर एक बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि इन रिश्तों को सुलझाने के लिए दरवाजे अभी भी खुले हैं. अंततः हम दोनों फिर से साथ आ जाएंगे. 

'अमेरिका और भारत दोनों एक साथ आ जाएंगे'

ट्रंप सरकार में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद को लेकर चल रहे मसले पर बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि 'अंततः अमेरिका और भारत दोनों एक साथ आ जाएंगे.' इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह टैरिफ की ऊंची दरें, सिर्फ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के कारण नहीं हैं, बल्कि इस बात पर भी निर्भर हैं कि व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत कितनी लंबी खिंच रही है.'

'मुझे लगा कि मई या जून में हम कोई समझौता कर लेंगे'

रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका द्वारा अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क लागू होने के कुछ ही घंटों बाद एक न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 'मुझे लगा था कि मई या जून में हम कोई समझौता कर लेंगे. भारत शुरुआती समझौतों में से एक हो सकता है. लेकिन उन्होंने हमें किसी तरह से अपने साथ जोड़ लिया.' 

'भारत से बातचीत के लिए दरवाज़े खुले हैं'

अमेरिकी वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 'भारत ने बातचीत के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं, लेकिन उनके लिए कृषि और छोटे निर्माताओं जैसे क्षेत्रों में कुछ सीमा रेखाएं हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. मुझे लगता है कि अंततः हम एक साथ आ जाएंगे.' 

'ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच अच्छे संबंध'

अमेरिकी विदेश मंत्री भारत सरकार द्वारा लगाए गए उन आरोपों का जवाब दे रहे थे, जिसमें यह कहा गया था कि अमेरिका खुद रूप से व्यापार की डील कर रहा है, लेकिन भारत के साथ दोहरा रवैया अपना रहा है. उन्होंने अपने जवाब की शुरुआत में कहा कि "यह एक बहुत ही जटिल रिश्ता है. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. दोनों ही लोगों के बीच फिर से बातचीत का जिक्र हुआ है.; बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने इस हफ़्ते छठे दौर की वार्ता के लिए नई दिल्ली आने की योजना रद्द कर दी. 

जल्द सुलझेगा टैरिफ विवाद 

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अमेरिका के कई सरकारी सूत्रों ने कहा है कि 'जल्द ही भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद मसले को सुलझा लिया जाएगा. दोनों ही देशों की तरफ से रास्ते खुले हैं. निर्यातकों के लिए घबराने जैसी कोई बात नहीं है. यह केवल भारत और अमेरिका के बीच दीर्घकालिक संबंधों में एक अस्थायी चरण है.' 

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