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'हम जिंदा हैं', पहलगाम हमले में वायरल वीडियो की हकीकत आई सामने

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक कपल का वीडियो, जिसे शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी का बताया जा रहा था, असल में एक इंफ्लुएंसर कपल का था. जानिए इस पूरे मामले की सच्चाई, यशिका शर्मा और आशीष सहरावत ने कैसे खोला इसका सच.ो

देश का दिल अभी भी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खबर से दुख में है. भारत के एक बहादुर बेटे, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत की खबर ने हर भारतीय के दिल में पीड़ा और गर्व दोनों जगा दिए. लेकिन इसी बीच,विनय नरवाल के नाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है इस वीडियो में एक कपल बर्फीली पहाड़ियों में हँसी-खुशी डांस करता नजर आ रहा है. दावा किया गया कि ये वीडियो लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी का आखिरी पल था, जो उन्होंने अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किया था,लेकिन सच्चाई कुछ और थी.

"मैं जिंदा हूं..." 

कुछ ही समय बाद, Instagram और X (Twitter) पर एक वीडियो सामने आया जिसमें एक युवती भावुक स्वर में कह रही थी  “मैं जिंदा हूं... कृपया हमारे नाम पर गलत जानकारी न फैलाएं.” ये युवती थीं यशिका शर्मा, और उनके साथ हैं आशीष सहरावत. उन्होंने खुलकर बताया कि वायरल हो रहा वीडियो उन्हीं दोनों का है, जो उन्होंने कुछ समय पहले पहाड़ों की एक यात्रा के दौरान बनाया था.

वीडियो में यशिका साफ-साफ कहती हैं, “हमें नहीं पता कि ये कैसे हुआ... हमें फोन पर संवेदनाएँ मिल रही हैं. हमारे रिश्तेदार परेशान हैं. प्लीज, हमारी जानकारी को बिना पुष्टि के शेयर न करें. सोचिए, उन परिवारों पर क्या बीतती होगी जो सच में इस हमले में अपनों को खो चुके हैं?”

कैसे हुआ फर्जी वीडियो वायरल?

जब सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी के शहीद होने की खबर सामने आई, तभी कुछ सोशल मीडिया पेजों ने एक पुराना इंस्टाग्राम रील निकालकर उसे “अंतिम पल” बता दिया. इस रील में दिख रहे कपल की शक्लें कुछ-कुछ मेल खा रही थीं, और शायद ठंडी वादियों की लोकेशन ने लोगों को भ्रमित कर दिया. कुछ न्यूज चैनलों ने भी इस वीडियो को जांचे बिना चला दिया, जिससे यह और तेजी से वायरल हो गया.

सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन या जानकारी का साधन नहीं रहा. यह भावना, विचार और अफवाहों का सबसे तेज़ माध्यम बन चुका है. लेकिन इसी ताकत के साथ एक ज़िम्मेदारी भी आती है कि हम जो भी शेयर करें, उसे पहले जांचें. यशिका और आशीष की स्थिति इसी असंवेदनशीलता का शिकार बनी. उनके एक पुराने डांस रील को किसी ने इतना तूल दे दिया कि लोग उनके जिंदा होने पर शक करने लगे. खुद को जिंदा साबित करने के लिए उन्हें वीडियो बनाकर सफाई देनी पड़ी.

इंसानियत का दर्द, फेक न्यूज का प्रहार

इस पूरे मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनके परिवार की शहादत की खबर के साथ एक झूठ को जोड़कर लोगों ने असली दर्द को गुम कर दिया. जिस समय देश को शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए था, उस समय लोग एक झूठे वीडियो के पीछे भावनाओं में बहते चले गए. सोचिए, जो लोग सच में इस हमले में शहीद हुए उनके परिवारों को कैसा लगा होगा जब उन्होंने ये फर्जी वीडियो देखा होगा? क्या उन्हें और दर्द नहीं हुआ होगा?

यशिका और आशीष की अपील

इस कपल ने अंत में बहुत ही विनम्र और इंसानियत भरी अपील की “हम जीवित हैं. कृपया हमारे नाम पर झूठी जानकारी न फैलाएं. वीडियो को हटाएं, रिपोर्ट करें. शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी.” उन्होंने बताया कि उन्हें अपने वीडियो को खुद हटाना पड़ा क्योंकि इससे नफरत फैल रही थी और झूठ के आधार पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा था.

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