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उत्तर प्रदेश का डबल इंजन मॉडल, बीमारू से बना बिजनेस स्टेट

पिछले आठ सालों में योगी सरकार के ठोस और दूरदर्शी फैसलों ने उत्तर प्रदेश की छवि को पूरी तरह बदल दिया है.  जहां एक समय यह राज्य पिछड़ेपन और अपराध के लिए जाना जाता था, आज वह मेक इन इंडिया, निर्यात, तकनीक और निवेश का हब बनता जा रहा है.

Source: Cm Yogi

UP Yojana: हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ यूनिट में बनी सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस की पहली खेप भारतीय सेना को सौंपी. यह ना सिर्फ यूपी की बढ़ती तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ कृषि या जनसंख्या का ही नहीं, बल्कि रक्षा निर्माण में भी बड़ा नाम बन चुका है. एक समय था जब उत्तर प्रदेश दिल्ली के विश्व व्यापार मेले में एक छोटा सा स्टॉल लगाता था, लेकिन आज योगी सरकार के नेतृत्व में अपना खुद का अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित कर रहा है.

यूपी को वैश्विक मंच पर ले गई योगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का उद्घाटन करते हुए योगी सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखा रहा है. इस मेले में रक्षा, सेमीकंडक्टर, मोबाइल, लॉजिस्टिक जैसे कई क्षेत्रों में ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता देखने को मिली. सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली बात रही  'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना, जिसकी वजह से स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली और सबसे ज्यादा निर्यात ऑर्डर इसी योजना से जुड़े उत्पादों को मिले.

निर्यात में बंपर बढ़ोतरी, बीमारू राज्य से विकसित प्रदेश की ओर

योगी सरकार की मेहनत का असर साफ दिखता है. एक जनपद-एक उत्पाद योजना की बदौलत यूपी का निर्यात ₹88,967 करोड़ से बढ़कर ₹2 लाख करोड़ से भी ऊपर पहुंच गया है। एक समय था जब यूपी को ‘बीमारू राज्य’ कहा जाता था,  खराब कानून-व्यवस्था, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेशकों की बेरुखी जैसी समस्याएं थीं. लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. कानून-व्यवस्था में सुधार, सड़कों और बिजली जैसी सुविधाओं का विस्तार, और उद्योगों को बेहतर माहौल देने से यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

योगी सरकार ने एक बड़ा सपना देखा है, यूपी को विकसित और समर्थ राज्य बनाना. इसके लिए 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. सभी 75 जिलों को जिला निर्यात केंद्र बनाया जाएगा. हर जिले में 100 एकड़ जमीन चिह्नित की जा रही है, ताकि उद्योगों को जमीन के साथ-साथ सभी जरूरी सुविधाएं एक ही जगह मिल सकें.

नई तकनीकों और हरित ऊर्जा पर फोकस

राज्य सरकार ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 12 उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जैव प्रौद्योगिकी (Biotech), हरित ऊर्जा (Green Energy), और स्मार्ट कृषि तकनीक. इससे जहां युवाओं को नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे, वहीं यूपी की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.

लैंड बैंक और बीडा जैसी योजनाओं से औद्योगिक विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार 2027 तक 1,50,000 एकड़ लैंड बैंक बनाने की योजना पर काम कर रही है. अभी तक 54,000 एकड़ जमीन उपलब्ध है और 96,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण चल रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे और गोरखपुर के बाद अब बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में भी बीडा (BIDA) के तहत औद्योगिक विकास हो रहा है. बुंदेलखंड में पहले चरण में ही 35,000 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली गई है.

युवाओं और उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं

मुख्यमंत्री युवा उद्यम योजना के तहत युवाओं को शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है, ताकि वे अपना कारोबार शुरू कर सकें. इसका असर दिख रहा है, आज देश का 55% मोबाइल उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो रहा है. ये दिखाता है कि योगी सरकार सिर्फ बड़े उद्योगों पर ही नहीं, बल्कि छोटे उद्यमियों को भी बराबरी से बढ़ावा दे रही है.

निवेश को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो पोर्टल

निवेशकों को परेशानियों से बचाने के लिए ‘निवेश मित्र’ पोर्टल बनाया गया है. यह पोर्टल 45 विभागों की 525 से ज्यादा सेवाओं को एक ही जगह लाता है. अब लाइसेंस, मंजूरी, NOC जैसी चीजों के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. इसके अलावा सरकार एक ऐसा कानून ला रही है जिसमें 13 राज्य अधिनियमों के 99% आपराधिक प्रावधान खत्म कर दिए जाएंगे. इससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा.

रोजगार के नए अवसर: गांव से शहर तक बदलाव

राज्य सरकार ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और आईटी हब बनाने पर काम कर रही है. नोएडा और लखनऊ में बड़ी-बड़ी कंपनियों को सुविधाएं दी जा रही हैं. ग्रामीण इलाकों में भी कृषि तकनीक और कोल्ड चेन प्रोजेक्ट्स के जरिए रोजगार मिल रहा है. इससे गांवों से शहरों की ओर पलायन में भी कमी आई है.

 उत्तर प्रदेश की बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय

योगी सरकार के प्रयासों से 2017 में राज्य की अर्थव्यवस्था ₹12.89 लाख करोड़ की थी, जो अब 2025 में बढ़कर ₹27.51 लाख करोड़ हो चुकी है. इसी तरह प्रति व्यक्ति आय भी 2017 में जहां ₹45,000 थी, अब वह ₹1.20 लाख तक पहुंचने वाली है. यह दिखाता है कि यूपी अब सिर्फ जनसंख्या में ही नहीं, बल्कि कमाई और विकास में भी आगे निकल रहा है.

पिछले आठ सालों में योगी सरकार के ठोस और दूरदर्शी फैसलों ने उत्तर प्रदेश की छवि को पूरी तरह बदल दिया है.  जहां एक समय यह राज्य पिछड़ेपन और अपराध के लिए जाना जाता था, आज वह मेक इन इंडिया, निर्यात, तकनीक और निवेश का हब बनता जा रहा है. आने वाले वर्षों में यह परिवर्तन और भी तेज़ होगा, और उत्तर प्रदेश न केवल देश का, बल्कि दुनिया का भी ध्यान अपनी ओर खींचेगा.

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