UP में यात्रा अब और सुरक्षित, CM योगी ने रोडवेज यात्रियों के लिए पेश किया बीमा कवर, दुर्घटना में मिलेगा 7.5 लाख तक का लाभ
UP Roadways Bima Cover: अगर किसी कारण से यात्रा के दौरान दुर्घटना हो जाती है, तो इस बीमा योजना का लाभ यात्री या उनके परिवार को मिल जाता है. इसके लिए किसी अतिरिक्त आवेदन या पैसे की जरूरत नहीं होती. बस टिकट ही इसका प्रमाण है. यह सुविधा यात्रियों को सुरक्षित सफर का भरोसा देती है.
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UP Roadways Insurance: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम लगातार कोशिश कर रहा है कि यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और किफायती यात्रा मिले. हालांकि कई सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण आज भी बड़ी संख्या में लोग रोडवेज बसों की जगह प्राइवेट वाहन, ई-रिक्शा या अन्य निजी साधनों से सफर कर रहे हैं. ऐसा करके लोग अनजाने में अपनी जान को खतरे में डालते हैं. निजी वाहनों में न तो सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी तय होती है और न ही किसी तरह का बीमा कवर मिलता है.
टिकट खरीदते ही मिलती है बीमा सुरक्षा
कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि रोडवेज बस का टिकट खरीदते ही यात्री को अपने आप बीमा सुरक्षा मिल जाती है. परिवहन निगम के अनुसार, हर यात्री को साढ़े सात लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है. अगर किसी कारण से यात्रा के दौरान दुर्घटना हो जाती है, तो इस बीमा योजना का लाभ यात्री या उनके परिवार को मिल जाता है. इसके लिए किसी अतिरिक्त आवेदन या पैसे की जरूरत नहीं होती. बस टिकट ही इसका प्रमाण है. यह सुविधा यात्रियों को सुरक्षित सफर का भरोसा देती है.
रायबरेली डिपो से चल रही हैं सैकड़ों बसें
रायबरेली डिपो में कुल 174 रोडवेज बसें उपलब्ध हैं. ये बसें हर दिन दिल्ली, लखनऊ, हरिद्वार, अयोध्या, सुलतानपुर, प्रयागराज और अन्य प्रमुख रूटों पर चलाई जाती हैं. इन बसों के जरिए रोजाना करीब 25 से 28 हजार यात्री सफर करते हैं. इसके बावजूद भी हजारों लोग निजी वाहनों को ही अपनी पहली पसंद बनाते हैं, जबकि उनमें सुरक्षा की कोई ठोस गारंटी नहीं होती.
शिकायत निवारण और इमरजेंसी सुविधा
रोडवेज बसों से यात्रा करने पर यात्रियों को सुरक्षित सफर के अलावा कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं. किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध होते हैं. अगर यात्रा के दौरान कोई समस्या आती है, तो शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और उस पर कार्रवाई होती है. दुर्घटना की स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाने की व्यवस्था भी परिवहन निगम की जिम्मेदारी है, जिससे यात्रियों को समय पर मदद मिल सके.
चालक और परिचालकों की राय
डिपो में तैनात चालक और परिचालकों का कहना है कि अधिकतर यात्री जानकारी के अभाव में प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल करते हैं. निजी वाहनों में न तो बीमा होता है और न ही यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तय होती है. कई बार ओवरलोडिंग और अवैध संचालन के कारण ऐसे वाहन हादसों का कारण बन जाते हैं। रोडवेज बसें इस मामले में सुरक्षित विकल्प हैं.
हादसे में आर्थिक सहायता
क्षेत्रीय प्रबंधक आर.के. त्रिपाठी ने बताया कि अगर रोडवेज बस से यात्रा के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो घायल यात्रियों को 25 हजार से 50 हजार रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है. अगर किसी यात्री को 100 प्रतिशत दिव्यांगता हो जाती है, तो उसे साढ़े सात लाख रुपये मिलते हैं. वहीं, अगर यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को भी साढ़े सात लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. पहले यह राशि पांच लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है.
सुरक्षित सफर के लिए रोडवेज ही बेहतर विकल्प
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इन सभी सुविधाओं को देखते हुए साफ है कि रोडवेज बस से यात्रा करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि सस्ता और भरोसेमंद भी है. जरूरत बस इतनी है कि लोग सही जानकारी हासिल करें और सुरक्षित सफर के लिए रोडवेज बसों को अपनी पहली पसंद बनाएं. इससे न सिर्फ उनकी जान सुरक्षित रहेगी, बल्कि उन्हें सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ भी मिलेगा.
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