'गैर मराठी भाषा पर दादागिरी दिखाने वाले को सबक सिखाएंगे...', केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की बवाल करने वालों को खुली चेतावनी
अक्सर अपनी बातों से चर्चा में रहने वाले केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को मराठी भाषा विवाद पर खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषियों पर 'दादागिरी' करना गलत है. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार कभी भी इस तरह की घटनाओं को कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी, जो लोग इस तरह की दादागिरी करते हैं, उन्हें सबक सिखाया जाएगा.'

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केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर बवाल काटने वालों को खुली चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि वह गैर मराठी भाषा वालों पर दादागिरी दिखाने वालों को सबक सिखाएंगे. सरकार इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं करेगी. इस दौरान उन्होंने मराठी भाषा विवाद पर खुल कर अपनी बात कही. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की भी प्रशंसा की.
'मराठी भाषा पर दादागिरी दिखाने वालों को सबक सिखाएंगे'
अक्सर अपनी बातों से चर्चा में रहने वाले केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को मराठी भाषा विवाद पर खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषियों पर 'दादागिरी' करना गलत है. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार कभी भी इस तरह की घटनाओं को कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी, जो लोग इस तरह की दादागिरी करते हैं, उन्हें सबक सिखाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस मामले पर उद्धव और राज ठाकरे का रुख बालासाहेब ठाकरे से काफी अलग है.
'यह गलत हो रहा है'
केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मैंने बोला कि यह गलत काम हो रहा है, मराठी आना चाहिए. यहां तक ठीक है. मराठी सीखो यह उनका बताना ठीक है, लेकिन दादागिरी करना, उनको थप्पड़ लगाना ये ठीक नहीं है. मुंबई में रहने वाले लोगों के साथ दादागिरी करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.'
'दादागिरी हमारी सरकार में नहीं चलेगी'
महाराष्ट्र के नेता ने आगे कहा कि 'जिन्होंने भी दादागिरी की है या करना चाह रहे हैं. उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है और यह दादागिरी हमारी सरकार नहीं चलने देगी. यहां मराठी के नाम पर गलत राजनीति की जा रही है. मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है और राजस्थान, गुजरात के अलावाकई दक्षिण भारतीय राज्यों के लोग वहां रहते हैं.'
'उद्धव और राज ठाकरे जो कर रहे वह गलत है'
अठावले ने आगे कहा कि 'हिंदी का विरोध नहीं है, यह भावना थी कि पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाना ठीक नहीं है. 5-6 साल के बच्चे के लिए अनिवार्य करना ठीक नहीं है. बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना इसलिए की थी, ताकि मराठी लोगों को न्याय मिले, लेकिन उद्धव और राज ठाकरे जो काम कर रहे हैं, वह बालासाहेब ठाकरे जी की भूमिका के खिलाफ है. हमें भी मराठी से प्रेम है. दादागिरी का जवाब दादागिरी से दिया जा सकता है. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार है और दादागिरी करने वालों को सबक सिखाया जाएगा.
'हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है'
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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस राज्य को विकसित बनाने में गैर-मराठी लोगों ने भी काफी योगदान दिया है. यहां के लिए टाटा, बिड़ला, अंबानी और अदाणी जैसे बड़े उद्योगपतियों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. इस तरह की घटनाएं मुंबई की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं.' आठवले ने यह भी कहा कि 'मुंबई में लगभग 60 प्रतिशत लोग गैर-मराठी हैं. इनमें से 80 प्रतिशत मराठी बोलते हैं, लेकिन 20 प्रतिशत नहीं बोलते. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. हमारी सरकार इस तरह की दादागिरी बर्दाश्त नहीं करेगी.'