'ये लोग भारत के ही नागरिक हैं, लेकिन बंदूक की नोक पर बांग्लादेश भेजा जा रहा...,' बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को हिरासत में लिए जाने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि 'सरकार केवल कमजोरों पर जोर आजमाइश कर रही है. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि 'मुसलमानों को घुसपैठिया इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि उनके पास पुलिस से निपटने के साधन नहीं हैं.'
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पिछले कई दिनों से असम, हरियाणा, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को गिरफ्तार कर उनसे कड़ी पूछताछ हो रही है. इनमें कई लोगों को बंगाली भाषा की वजह से बांग्लादेश भेजा जा रहा है. इस पर जमकर सियासत भी हो रही है. अब इसी मामले पर हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि यह सभी लोग बंगाली मुस्लिम है, लेकिन इन्हें बंदूक की नोक पर बांग्लादेश भेजा जा रहा है. राज्य और केंद्र की दोनों सरकारें मिलकर उनके साथ पक्षपात का व्यवहार कर रही हैं.
'गरीब मुस्लिमों को बांग्लादेशी बताकर परेशान किया जा रहा'
असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि 'सरकार केवल कमजोरों पर जोर आजमाइश कर रही है. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि मुसलमानों को घुसपैठिया इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि उनके पास पुलिस से निपटने के साधन नहीं हैं. जिन लोगों को बांग्लादेशी बताकर परेशान किया जा रहा है, वे गरीब से गरीब लोग हैं. कोई कूड़ा बीनने वाला है, तो कोई घरों की साफ-सफाई करने वाला है.'
ओवैसी ने गुरुग्राम डीएम ऑफिस के आदेश को X पर शेयर किया
AIMIM प्रमुख ने गुरुग्राम डीएम के एक आदेश को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. डीएम के इस आदेश में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को वापस बांग्लादेश भेजने के लिए SOP जारी की गई है. ओवैसी ने कहा कि पुलिस के पास किसी की भाषा के आधार पर गिरफ्तारी का अधिकार नहीं है. इस तरह की गिरफ्तारियां अवैध हैं.
Police in different parts of India have been illegally detaining Bengali-speaking Muslim citizens and accusing them of being Bangladeshi. There have been disturbing reports of Indian citizens being pushed into Bangladesh at gunpoint. This government acts strong with the weak, and… https://t.co/wtQEKiDAaL pic.twitter.com/9BRSWsf31k
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 26, 2025
पुणे पुलिस ने कुछ बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया
जानकारी के लिए बता दें कुछ दिन पहले ही पुणे पुलिस ने पेठ रेड लाइट इलाके से कुछ बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया था. इनमें अधिकतर महिलाओं की उम्र 20 से 28 साल के बीच थी. जांच पड़ताल में पता चला कि यह सभी बांग्लादेशी महिला हैं, जो अवैध तरीके से भारत में आ गई हैं. इनमें कई ऐसी महिलाएं भी शामिल थीं, जो खुद को पश्चिम बंगाल का बताकर पुणे में वेश्यावृत्ति कर रही थी. इस मामले के सामने आते ही ह्यूमन ट्रैफिकिंग के रैकेट का भी भंडाफोड़ हुआ है.
'असम सरकार ने बांग्लादेशियों को बाहर निकलना शुरू किया'
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बता दें कि पिछले कई दिनों से असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को निकालना शुरू कर दिया है. सरकार का कहना है कि जब तक आदिवासियों की जमीनें खाली नहीं करवा ली जातीं हैं. तब तक यह अभियान ऐसे ही चलता रहेगा.
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