फिलीपींस ने पूरी दुनिया को दिखाई भारत के 'ब्रह्मोस मिसाइल' की ताकत, ड्रैगन के स्कारबोरो शोल पर होगी तैनाती, चीन में मचा हड़कंप
बता दें कि फिलीपींस की मरीन कॉर्प्स ने शुक्रवार को अपने 75वीं वर्षगांठ समारोह में 'ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी' का अनावरण किया है. यह जम्बालेस स्थित बेस से ब्रह्मोस स्कारबोरो शोल तक पहुंच सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि स्कारबोरो जो कि शोल साउथ चाइना सी में स्थित द्वीप है, इस पर बीजिंग का नियंत्रण है.
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फिलीपींस ने भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की बैटरी बैच को पूरी दुनिया के सामने पेश किया है. शुक्रवार को मरीन कॉर्प्स ने अपने 75वीं वर्षगांठ समारोह में इसका अनावरण किया है. बता दें कि फिलीपींस ने साल 2022 में भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की डील की थी, जिसके तहत भारत ने 2 बैच फिलीपींस को भेज दिए हैं. फिलीपींस के इस कदम से भारत के दुश्मन देशों के बीच टेंशन है. खासतौर से चीन की चिंता बढ़ सकती है.
फिलीपींस ने 'ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी' का किया अनावरण
बता दें कि फिलीपींस की मरीन कॉर्प्स ने शुक्रवार को अपने 75वीं वर्षगांठ समारोह में 'ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी' का अनावरण किया है. यह जम्बालेस स्थित बेस से ब्रह्मोस स्कारबोरो शोल तक पहुंच सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि स्कारबोरो जो कि शोल साउथ चाइना सी में स्थित द्वीप है, इस पर बीजिंग का नियंत्रण है. ऐसे में देखा जाए, तो फिलीपींस को मिली 'ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी' से प्रतिद्वन्द्वी चीन गहरी चिंता में जा सकता है.
क्या है 'ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी'?
RTVM के मुताबिक, फिलीपींस पीएमसी ने शुक्रवार को जाम्बलेस में स्थित अपनी पहली ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी का खुलासा किया है. इसमें कई बड़ी खासियतें हैं. इस बैटरी में दो मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर है, जिनमें से प्रत्येक में दो मिसाइलें हैं. इसमें तीन सहायक वाहन, मोबाइल कमांड पोस्ट (एमसीपी) और रखरखाव सहायता वाहन और ट्रांसपोर्टर-लोडर भी है.
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत?
बता दें कि भारत और रूस ने संयुक्त साझेदारी के तहत ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित किया है. इस मिसाइल को भूमि आधारित तटीय बैटरियों, नौसैनिक जहाजों और हवाई प्रक्षेपण प्रणालियों में एकीकृत किया गया है. इसकी रेंज वैरिएंट के आधार पर 900 किलोमीटर तक है. निर्यात संस्करण के लिए इसकी रेंज 290 किलोमीटर है. यह मैक 2 और 3 के बीच की रफ्तार से जाने में सक्षम है और अपने साथ 200 से 300 किलोग्राम वजन वाले वारहेड ले जा सकती है.
2022 में भारत के साथ हुई थी डील
बता दें कि फिलीपींस ने भारत के साथ साल 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल की डील की थी. इसके तहत भारत ने फिलीपींस को अब तक 2 बैच भेज दिया है. इनमें एक बैच 2024 और दूसरा 2025 की शुरुआत में भेजा गया था. वहीं बहुत जल्द अब तीसरा बैच भी भेजने की तैयारी चल रही है. यह मिसाइल से फिलीपींस को दक्षिण चीन सागर में नौसेना को मजबूत बनाएगी.
भारत से ब्रह्मोस खरीदने वाला फिलीपींस पहला देश
बता दें कि फिलीपींस भारत से ब्रह्मोस खरीदने वाला पहला देश है. चीन से तनाव के बीच फिलीपींस अपनी सेना के लिए भारत से 9 ब्रह्मोस एंटी-शिप तटीय मिसाइल बैटरियां हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है. इससे एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम (ISBASMS) अधिग्रहण परियोजना का विस्तार होगा.
एंटी-शिप मिसाइल अधिग्रहण परियोजना की शुरुआत 2015 में
भारत और फिलीपींस के बीच तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल अधिग्रहण परियोजना की शुरुआत 2015 में हुई थी, हालांकि, तब इसे मंजूरी नहीं मिल सकी थी. फिलीपींस के उष्णकटिबंधीय वातावरण को देखते हुए प्रति बैटरी दो मिसाइल लॉन्चर कॉन्फिगर किए गए हैं, जो भारत में इस्तेमाल होने वाले तीन लॉन्चर कॉन्फिगरेशन से अलग है.
चीन का मुकाबला करने में सक्षम होगा फिलीपींस
फिलीपींस भारत को 37.5 करोड़ डॉलर की इस डील के तहत भूमि-आधारित ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ इसकी बैटरियां, लॉन्चर और दूसरे उपकरण भी सौंपेगा. इसकी डिलीवरी में ब्रह्मोस मिसाइलें, टाट्रा 6x6 वाहनों पर लगे मोबाइल लॉन्चर और एक एकीकृत लॉजिस्टिक्स सपोर्ट पैकेज शामिल हैं. वहीं फिलीपींस मरीन कॉर्प्स के कर्मियों ने सिस्टम के लिए ऑपरेटर और रखरखाव प्रशिक्षण पूरा कर लिया है.
लॉन्चर कॉन्फिगरेशन से अलग
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फिलीपींस के उष्णकटिबंधीय वातावरण को देखते हुए प्रति बैटरी दो मिसाइल लॉन्चर कॉन्फिगर किए गए हैं, जो भारत में इस्तेमाल होने वाले तीन लॉन्चर कॉन्फिगरेशन से अलग है. कई एक्सपर्ट ने फिलीपींस द्वारा भारत से ब्रह्मोस खरीदने की वजह को सीधे तौर पर चीन से उसके तनाव से जोड़ते हुए देखा है. फिलीपींस इन मिसाइलों के जरिए दक्षिण चीन सागर में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है.
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