काशी में चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी, जानें किराया और रूट की पूरी जानकारी
Kashi Hydrogen Water Taxi: यह टैक्सी काशी के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव लेकर आई है, क्योंकि अब लोग गंगा नदी के रास्ते बेहद आरामदायक तरीके से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकेंगे.
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First Hydrogen Water Taxi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक और बड़ी सौगात मिली है. काशी के प्रसिद्ध नमो घाट से देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी को हरी झंडी दिखा कर शुरू किया गया. इस ऐतिहासिक लॉन्चिंग को केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया. यह टैक्सी काशी के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव लेकर आई है, क्योंकि अब लोग गंगा नदी के रास्ते बेहद आरामदायक तरीके से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकेंगे.
अपने देश में बनी, आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री ने गर्व के साथ बताया कि यह वाटर टैक्सी इसलिए भी खास है, क्योंकि इसे पहली बार पूरी तरह भारत में ही बनाया गया है. यह हमारे आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ाती है. टैक्सी में इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रोजन फ्यूल तकनीक इसे और भी खास बनाती है. इसमें शोर नहीं होता, प्रदूषण नहीं होता और गंगा को साफ रखने में भी मदद मिलती है. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काशी को देश और दुनिया के लिए पर्यटन का खास केंद्र बनाया जा रहा है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए गंगा में इस आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल वाटर टैक्सी को उतारा गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग और गंगा पर्यटन को नया आयाम
यह परियोजना केवल केंद्र सरकार की नहीं, बल्कि इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का भी मजबूत सहयोग है. अधिकारी बताते हैं कि आने वाले समय में गंगा में ऐसे और कई कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे काशी विश्वनाथ धाम और इस पूरे इलाके में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी .गंगा की धारा को साफ और सुंदर बनाए रखने के साथ-साथ यहां से देश के विकास की नई यात्राएँ शुरू की जाएंगी.
प्रदूषण-मुक्त और Eco -फ्रेंडली यात्रा
इस हाइड्रोजन वाटर टैक्सी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है. इसमें न तो धुआं निकलता है और न ही कोई शोर होता है, इसलिए यात्री गंगा पर शांति और स्वच्छ हवा के साथ सफर कर सकते हैं. टैक्सी का संचालन करने वाली कंपनी जलसा क्रूज लाइन के डायरेक्टर आशीष चावला के अनुसार, यह टैक्सी सुबह से शाम तक हर डेढ़ से दो घंटे के अंतराल पर चलेगी. यह नमो घाट से रविदास घाट और फिर रविदास घाट से नमो घाट के बीच आती-जाती रहेगी. पूरे दिन में यह लगभग 7 से 8 चक्कर आसानी से पूरा कर लेगी, जिससे यात्रियों को लगातार और बिना रुकावट के सफर की सुविधा मिल पाएगी.
50 यात्रियों की क्षमता और आधुनिक सुविधाओं से लैस
इंडलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) के अधिकारियों ने बताया कि यह देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी है, जिसमें एक साथ 50 लोग बैठ सकते हैं. इसमें पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगे हैं, जो इसे ऊर्जा देते हैं. इसकी रफ्तार लगभग 12 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी, जिससे यात्री आराम से, बिना किसी हिचकोले के सफर कर सकेंगे. टिकेट दर भी यात्रियों के लिए उचित रखी गई है, जो 500 रूपये प्रति व्यक्ति है.
इसके साथ ही विकल्प के तौर पर 3 किलोवाट के सोलर पैनल भी लगाए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ऊर्जा मिल सके. ईंधन भरने के लिए गंगा किनारे चार रीफिलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसमें बायो टॉयलेट, साफ-सुथरी बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
गंगा के सफर का नया, स्वच्छ और सुंदर अनुभव
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इस नई टैक्सी के शुरू होने से न केवल स्थानीय लोगों का सफर आसान होगा, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटक भी गंगा का सौंदर्य पहले से कहीं बेहतर तरीके से देख सकेंगे. प्रदूषण रहित, शांत और सुरक्षित यात्रा की वजह से लोगों को गंगा की गोद में एक बिल्कुल नया अनुभव मिलेगा. हाइड्रोजन वाटर टैक्सी काशी के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो पर्यटन, पर्यावरण और तकनीक तीनों क्षेत्रों में नई मिसाल पेश करती है. यह पहल आने वाले समय में वाराणसी को और खास, आधुनिक और दुनिया के सामने अनोखे रूप में पेश करने में बड़ी भूमिका निभाएग
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