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"वारदात के समय आरोपी नाबालिग था..." SC ने कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी जावेद की जमानत के फैसले को रखा बरकरार, जानें क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उदयपुर में 2022 में दर्जी कन्हैया लाल टेलर की नृशंस हत्या के मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया. यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और मृतक कन्हैया लाल के बेटे की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया.

Image: Supreme Court (File Photo)

सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर के कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दिए जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया और कन्हैया लाल के बेटे तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका को खारिज कर दिया है.

NIA ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख

कन्हैयालाल के बेटे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दिए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उनकी याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माना कि वारदात के समय आरोपी मोहम्मद जावेद नाबालिग था. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मामले में अब तक 166 गवाहों में से केवल 8 की गवाही हुई है, जिसके चलते ट्रायल पूरा होने में अभी काफी समय लगेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राजस्थान हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले में दखल नहीं देगा. उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा जमानत देते समय की गई टिप्पणियों का ट्रायल की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

SC ने क्या कहा?

इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में अन्य आरोपियों, जिनकी जमानत याचिकाएं लंबित हैं, वे जावेद के मामले में समानता की मांग का दावा नहीं कर सकते. बता दें कि कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में सहआरोपी जावेद 7 सितंबर, 2024 को जेल से बाहर आया था. वह अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था.

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर पीठ ने 5 सितंबर, 2024 को उसे 2 लाख रुपए के जमानत मुचलके और 1 लाख रुपए की राशि पर जमानत दी थी. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने जावेद को रिहा करने का आदेश दिया था.

जावेद को किस आधार पर मिली थी राजस्थान हाई कोर्ट से जमानत?

जावेद पर आरोप था कि उसने मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रची थी, लेकिन हाई कोर्ट ने साक्ष्यों और सुनवाई के आधार पर उसकी जमानत याचिका मंजूर कर ली. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जावेद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है, इसलिए उसे हिरासत में रखना जरूरी नहीं है.

गौरतलब है कि जून 2022 में उदयपुर में कन्हैया लाल टेलर की उनकी दुकान पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. हत्या का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था और यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था. घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह हत्या एक साजिश के तहत की गई थी और इसके तार कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े हैं.

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