बैन लगने के बाद नाम और पता बदलने की तैयारी में आतंकी संगठन TRF, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' से खौफ में जी रहा पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बर्बाद हुए पाकिस्तान के आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फोर्स का नाम और ठिकाना दोनों बदलने की तैयारी चल रही है. भारतीय एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना चाहती है कि लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंट फोर्स का मुख्यालय एक ही जगह 'बहावलपुर' में हो, ताकि दोनों संगठनों को आसानी से संभाला जा सके और उनके बीच तालमेल बढ़ाया जा सके.

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आतंकी संगठन TRF यानी द रेजिस्टेंट फोर्स पर अमेरिका ने बैन लगा दिया है. ऐसे में यह आतंकी संगठन अब खौफ में जी रहा है. पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन के साथ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे इस संगठन ने अब अपना नाम और स्थाई पता बदलने का प्लान बनाया है. खबर है कि पाकिस्तान की सेना यह चाहती है कि इसके आतंकी मुख्यालय को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट किया जाए. वहीं बैन के बाद इसके नाम बदलने पर भी विचार चल रहा है.
आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फोर्स का ठिकाना बदलेगा पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बर्बाद हुए पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंट फोर्स का नाम और ठिकाना दोनों बदलने की तैयारी चल रही है. एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना चाहती है कि लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंट फोर्स का मुख्यालय एक ही जगह 'बहावलपुर' में हो, ताकि दोनों संगठनों को आसानी से संभाला जा सके और उनके बीच तालमेल बढ़ाया जा सके. ऐसे में यह भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है. इस वजह से भारत के खिलाफ फिर से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है.
अमेरिका ने TRF पर लगाया बैन
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाल ही में अमेरिका ने 'द रेजिस्टेंट फोर्स' को विदेशी आतंकवादी संगठन और वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन में शामिल किया है. इस फैसले का भारत ने स्वागत किया है.
कैसे बना TRF?
TRF यानी द रेजिस्टेंट फोर्स को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा साल 2019 में स्थापित किया गया था, जब जम्मू-कश्मीर का अनुच्छेद 370 खत्म हुआ. इसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने बनाया था और यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का छुपा हुआ रूप माना जाता है. अमेरिका ने इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया है. लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियां चेतावनी दे रही हैं कि पाकिस्तान इस समूह का नाम फिर से बदल सकता है, ताकि वैश्विक निगरानी से बचा जा सके.
कौन करता है इसका नेतृत्व?
इस आतंकी संगठन की शुरुआत मुहम्मद अब्बास शेख ने की थी, जिसकी फिलहाल मौत हो चुकी है, ऐसे में अब इसका नेतृत्व शेख सज्जाद गुल (सुप्रीम कमांडर) कर रहा है. वहीं भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान इसके ऑपरेशनल चीफ बसीत अहमद दर की भी मौत हो चुकी है. यह संगठन कश्मीर में आम लोगों को हथियार सप्लाई करता है और स्थानीय लोगों को भर्ती करता है. इसके अलावा नियंत्रण रेखा (LOC) के जरिए हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी करता है. यह सब LeT की तरह ही काम करता है.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर से गहरे सदमे में TRF
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बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 2 बेहद संवेदनशील आतंकी ठिकानों - मुरीदके और बहावलपुर को निशाना बनाया था. इन दोनों ही ठिकानों पर ड्रोन, रॉकेट या मिसाइल हमले किए गए थे, हालांकि, पाकिस्तान की ओर से इन घटनाओं की कोई भी जानकारी नहीं दी गई, लेकिन यह तय है कि यहां हुए हमलों में कुल 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. इसकी कई फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.