जामिया कैंटीन में हंगामा: छात्रों ने की तोड़फोड़, जानें क्या हैं बवाल की वजह?
Ruckus in Jamia Canteen: छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कैंटीन बंद करने के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि प्रशासन ने छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए यह कदम उठाया।
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Ruckus in Jamia Canteen: हाल ही में, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एक विवादास्पद घटना घटी, जिसमें कैंटीन में तोड़फोड़ और प्रदर्शन के आरोप में 14 छात्रों को हिरासत में लिया गया।आइए जानते हैं इस ख़बर को विस्तार से .....
इस वजह से हुई तोड़फोड़
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कैंटीन बंद करने के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि प्रशासन ने छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए यह कदम उठाया। प्रदर्शन के दौरान, कुछ छात्रों पर कैंटीन में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया। इसमें फर्नीचर और अन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 14 छात्रों को हिरासत में लिया। उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया, और बाद में कुछ छात्रों को जमानत पर रिहा कर दिया गया
इन्हीं सब मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे
छात्रों का कहना है कि अनुशासन समिति की बैठक 25 फरवरी को निर्धारित है, लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।वहीं, विश्वविद्यालय का कहना है कि इन छात्रों को कैंपस से बाहर कर दिया गया है। मौजूदा हालात को देखते हुए जामिया विश्वविद्यालय ने पुलिस से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया है। जामिया में इस धरने को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन सहित कई लेफ्ट संबंधित छात्र संगठनों का समर्थन था। ये छात्र जामिया के दो पीएचडी छात्रों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रशासन का कहना है कि इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के अन्य नियमों का उल्लंघन किया
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के अन्य नियमों का उल्लंघन किया है और आपत्तिजनक व प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाते हुए पाए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की संपत्ति को हुए नुकसान और दीवार के विरूपण और कक्षाओं में बाधा पर कड़ा रुख अपनाते हुए निवारक उपाय किए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि विश्वविद्यालय में सामान्य रूप से कक्षाएं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा सकें।
प्रशासन का कहना है कि उन्होंने छात्रों की मांगों पर कमेटी में चर्चा करने का खुला ऑफर दिया था
विवि प्रशासन का कहना है कि उन्होंने छात्रों की मांगों पर कमेटी में चर्चा करने का खुला ऑफर दिया था, इसके बावजूद इन प्रदर्शनकारी छात्रों ने पर्यवेक्षक, विभागाध्यक्ष और डीन समेत प्रशासन की बात मानने और बात करने से इनकार कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि गुरुवार सुबह विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रॉक्टोरियल टीम ने एहतियाती कदम उठाते हुए छात्रों को धरना स्थल से हटा दिया। फिलहाल उन्हें कैंपस से बाहर निकाल दिया गया है।
2024 में पीएचडी छात्रों ने 2019 में दिल्ली पुलिस के रवैये के विरोध में ‘जामिया प्रतिरोध दिवस’ मनाया था, जिसकी इजाजत विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं मिली थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था, लेकिन इन छात्रों ने नोटिस का कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया था।
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