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'देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार...', आर्मी कॉलेज से राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को दो टूक, कहा - युद्ध के लिए सभी तैयार रहें

मध्य प्रदेश के महू सैन्य छावनी के आर्मी वॉर कॉलेज में देश की तीनों सेनाओं की संयुक्त संगोष्ठी 'रण संवाद 2025' में 'युद्ध कला पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' की थीम पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित रहे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मध्य प्रदेश के महू सैन्य छावनी के आर्मी वॉर कॉलेज में देश की तीनों सेनाओं की संयुक्त संगोष्ठी 'रण संवाद 2025' कार्यक्रम के अंतिम दिन पूर्ण सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को अगले 5 साल तक के युद्ध के लिए सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा. भारत किसी की जमीन नहीं चाहता, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और सेनाओं की बहादुरी की भी सराहना की. 

'सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा'

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि  'अप्रत्याशित भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए देश के सशस्त्र बलों को अल्पकालिक संघर्षों से लेकर 5 साल तक के युद्ध सहित सभी प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. आज के दौर में युद्ध इतने अचानक और अप्रत्याशित हो गए हैं कि अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है.'

'राष्ट्रीय सुरक्षा अब केवल सेना का मामला नहीं'

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 'कोई भी युद्ध कब समाप्त होगा और कितने समय तक चलेगा. यह किसी को नहीं पता है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई युद्ध 2 महीने, 4 महीने, 1 साल, 2 साल, यहां तक कि 5 साल तक भी चलता है, तो हमें उसके लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा अब केवल सेना का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह 'संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण' का मुद्दा बन गया है.'

'हमें किसी की जमीन नहीं चाहिए'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हमें किसी की जमीन नहीं चाहिए, लेकिन हम अपनी जमीन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.'

'ऑपरेशन सिंदूर' पर तीनों सेनाओं की सराहना की

इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर देश के तीनों सेनाओं की सराहना करते हुए कहा कि 'यह अभियान भारत के स्वदेशी मंचों, उपकरणों और हथियार प्रणालियों की सफलता का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है. इस अभियान की उपलब्धियों ने एक बार फिर रेखांकित किया है कि आने वाले समय में आत्मनिर्भरता एक परम आवश्यकता है. हमने आत्मनिर्भरता के मार्ग पर महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन हमें अब भी एक लंबा रास्ता तय करना है.'

'ऐसे ऑपरेशन की आतंकवादियों ने कल्पना भी नहीं की होगी'

रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर बोलते हुए सेना के जांबाजों की बहादुरी का उदाहरण देते हुए कहा कि 'भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ जो कार्रवाई की, यह ऐसा अभियान था, जिसकी आतंकवादियों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. अगर हम वास्तव में 'ऑपरेशन सिंदूर' की बात करें, तो यह युद्ध तकनीक संचालित एक अद्भुत प्रदर्शन था.'

'युद्ध कला पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन'

बता दें कि मध्य प्रदेश के महू सैन्य छावनी के आर्मी वॉर कॉलेज में देश की तीनों सेनाओं की संयुक्त संगोष्ठी 'रण संवाद 2025' में 'युद्ध कला पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' थीम पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने रक्षा क्षेत्र की मौजूदा व भावी चुनौतियों और इनसे निपटने के उपायों पर विचार मंथन किया. इस दौरान कुछ संयुक्त सिद्धांत भी जारी किए गए. कार्यक्रम पर सेना के सभी अधिकारियों ने कहा कि इस कार्यक्रम की योजना 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किए जाने से काफी पहले बना ली गई थी. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी सहित भारत के कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी उपस्थित रहें. 

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