पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ तगड़े एक्शन की तैयारी? पहलगाम टेरर अटैक को लेकर सर्वदलीय बैठक शुरु
पहलगाम टेरर अटैक को लेकर सर्वदलीय बैठक हो रही है. इस बैठक में पक्ष-विपक्ष के बडे़ नेताओं ने हिस्सा लिया है। बैठक में केंद्र की तरफ से राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के राम गोपाल यादव, आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता, आप के संजय सिंह, टीडीपी के कृष्ण देव रायुलु शामिल होंगे.

पहलगाम टेरर अटैक को लेकर देश भर में खलबली मची हुई है. टेरर अटैक को लेकर सर्वदलीय बैठक हो रही है. इस बैठक में पक्ष-विपक्ष के बडे़ नेता मौजूद है. शाम 6 बजे से बैठक की शुरूआत हो गई है. केंद्र की तरफ से राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के राम गोपाल यादव, आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता, आप के संजय सिंह, टीडीपी के कृष्ण देव रायुलु शामिल हुए है. बैठक की शुरूआत होने से पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की स्मृति में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान 2 मिनट का मौन रखा गया.
#WATCH दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की स्मृति में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान 2 मिनट का मौन रखा गया। pic.twitter.com/iD9nW18XOF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2025
राष्ट्रपति के साथ शाह-जयशंकर की मुलाक़ात
बता दें कि सर्वदलीय बैठक से पहले अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर मीटिंग किया है. ये तीनों केंद्र की तरफ से बैठक का प्रतिनिधित्व और विपक्षी नेताओं को सरकार की रणनीति की ब्रीफिंग करेंगे. वहीं इस बैठक से पहले पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार के 5 कड़े फैसले लेने के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. यह उच्चस्तरीय बैठक सुरक्षा स्थिति की गंभीरता और आगामी रणनीतियों पर चर्चा के लिहाज से काफ़ी अहम मानी जा रही है.
विदेशी राजदूतों के साथ मीटिंग
इसी के साथ-साथ विदेश मंत्रालय में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई देशों के राजदूतों उपस्थित थे. इसके मद्देनजर जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस समेत तमाम देशों के राजदूत विदेश मंत्रालय के कार्यालय पहुंचे. इन राजनयिकों को पहलगाम आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई और भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया गया.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सभी देशों के राजदूतों को करीब 30 मिनट तक ब्रीफिंग दी. चीनी राजदूत जू फेइहोंग को विदेश मंत्रालय मुख्यालय बुलाया गया था. MEA के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें हमले के पीछे संभावित आतंकी संगठनों, पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.