जर्मनी के नए चांसलर से पीएम मोदी की फोन पर चर्चा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत-जर्मनी एकजुट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के नव-नियुक्त चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से फोन पर बातचीत की और उन्हें पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी. इस दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए और खास तौर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब बात वैश्विक स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की होती है, तो भारत एक सशक्त नेतृत्वकर्ता बनकर उभरता है. इसी कड़ी में मंगलवार को पीएम मोदी ने जर्मनी के नव-नियुक्त चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से बात की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में अपने विचार साझा किए. इस बातचीत का सबसे अहम पहलू था आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई को और भी ठोस रूप देना, जो आज के वैश्विक परिदृश्य में बेहद जरूरी होता जा रहा है.
वैश्विक स्थिरता की दिशा में भारत-जर्मनी संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की कि उन्होंने चांसलर मर्ज को उनके नए पदभार के लिए बधाई दी और साथ ही क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. उनका यह संवाद ऐसे समय पर हुआ है जब दुनिया आतंकवाद, संघर्ष, ऊर्जा संकट और तकनीकी बदलावों से जूझ रही है. मोदी ने अपने पोस्ट में कहा कि भारत और जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं, और यह स्पष्ट संकेत था कि दोनों देशों की विदेश नीति अब सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि वैश्विक सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर भी केंद्रित हो रही है.
Spoke to Chancellor @_FriedrichMerz and congratulated him on assuming office. Reaffirmed our commitment to further strengthen the Strategic Partnership between India and Germany. Exchanged views on regional and global developments. We stand united in the fight against terrorism.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2025
इस बातचीत में यह बात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि भारत और जर्मनी, दोनों ही लोकतांत्रिक और तकनीकी रूप से प्रगति कर रहे देश हैं. ऐसे में आतंकवाद के विरुद्ध उनकी साझेदारी वैश्विक स्तर पर एक प्रेरक उदाहरण बन सकती है. पीएम मोदी का यह रुख यह भी दर्शाता है कि भारत सिर्फ अपने हितों की ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के हित की बात करता है.
भारत-जर्मनी संबंधों में नई दिशा
फ्रेडरिक मर्ज का चांसलर बनना जर्मनी की राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है. 6 मई 2025 को उन्होंने आधिकारिक रूप से चांसलर पद की शपथ ली.
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर मर्ज की बातचीत की सबसे अहम बात आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई का संकल्प रहा. भारत लंबे समय से आतंकवाद का शिकार रहा है, वहीं जर्मनी ने भी कट्टरपंथ और घरेलू चरमपंथ को चुनौती के रूप में देखा है. ऐसे में यह बयान कि "हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं" सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक गठजोड़ की ओर इशारा करता है.
यह साझा मोर्चा न सिर्फ दो देशों को करीब लाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर यह संकेत देगा कि लोकतांत्रिक देश अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा नहीं करेंगे, बल्कि सामूहिक रणनीति और कार्रवाई को प्राथमिकता देंगे. इस संदर्भ में साइबर आतंकवाद, सीमा-पार उग्रवाद, और आतंकी वित्तपोषण जैसे मुद्दों पर भी भारत-जर्मनी का सहयोग आने वाले समय में और गहरा हो सकता है.
इस बातचीत के बाद यह आशा की जा सकती है कि भारत और जर्मनी आने वाले वर्षों में रक्षा, तकनीक, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाएंगे. चांसलर मर्ज की सोच में उदार आर्थिक नीतियां और भारत के साथ तकनीकी साझेदारी को महत्व देने की झलक पहले से ही दिख रही है. दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की खासियत यही है कि वह व्यक्तिगत जुड़ाव और रणनीतिक हितों को संतुलित करते हैं. भारत-जर्मनी संबंधों की यह नई शुरुआत एक ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया को भरोसेमंद साझेदारों की सबसे ज्यादा जरूरत है. और यह विश्वास अब केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि साझा कूटनीतिक संवाद और व्यावहारिक निर्णयों में झलक रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज की यह बातचीत सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि दो लोकतांत्रिक ताकतों के बीच आपसी समझ, भरोसे और साझा जिम्मेदारी की एक नई शुरुआत थी. आतंकवाद के खिलाफ यह साझा संकल्प न केवल भारत और जर्मनी को करीब लाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सुरक्षा और स्थिरता को नई दिशा देगा.