चाय पर चर्चा: राजनाथ सिंह के बगल में बैठीं प्रियंका गांधी, सामने थे PM मोदी, एक मंच पर आया पक्ष-विपक्ष, देखें Video
संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया है. इसके बाद PM मोदी की ओर से बुलाई गई चाय मीटिंग में दिलचस्प नजारा दिखा. जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद एक साथ दिखे.
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संसद में देर रात VB-G RAM G बिल पर हंगामा मचा लेकिन सुबह तस्वीर कुछ और दिखी. पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एक साथ बैठकर चाय पी और सबसे खास बात ये कि चाय पर हुई चर्चा में PM मोदी भी शामिल हुए.
संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी बुधवार को खत्म हो गया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी. सत्र समाप्ति के बाद संसद परिसर में जो तस्वीर दिखी. वह सदन के भीतरी गंभीर माहौल से बिल्कुल उलट थी. जब एक ही जगह पर PM मोदी के साथ कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसद चाय पीते हुए दिखे.
चाय पर चर्चा में कौन-कौन हुआ शामिल?
सत्र के बाद सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की चाय पर चर्चा हुई. सांसदों का वीडियो सामने आया है जिसमें हाथ में चाय के कप लिए सांसद अनौपचारिक तौर पर सत्र की कार्यवाही को लेकर चर्चा कर रहे हैं. इस बैठक में PM नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, किरेन रिजिजू, विपक्षी सांसद प्रियंका गांधी, NCP सांसद सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी सांसद राजीव राय, धर्मेंद्र यादव, और डीएमके सांसद ए राजा समेत कई सांसद नजर आए.
जब एक मंच पर चाय की चुस्कियां लगाते दिखे सत्ता और विपक्ष के सांसद... संसद सत्र के बाद 'चाय पर चर्चा' #ParliamentWinterSession #PMModi #PriyankaGandhi pic.twitter.com/7m5mqEpdgT
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) December 19, 2025
वीडियो में देख सकते हैं प्रियंका गांधी राजनाथ सिंह के साथ बैठी हैं. वहीं, उनके सामने वाले सोफा पर PM मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मौजूद हैं. पक्ष-विपक्ष के दिग्गज एक जगह एक मंच पर सत्र से इतर हल्की फुल्की चर्चा करते दिखे.
सत्र के बाद है चाय पर चर्चा की परंपरा
दरअसल, संसद सत्र के बाद सांसदों को चाय पर चर्चा के लिए बुलाने की रिवाज रही है. प्रधानमंत्री इस चाय मीटिंग का आयोजन करते हैं. इसमें सत्ता के साथ-साथ विपक्षी सांसदों को भी इन्वाइट किया जाता है. हर साल संसद सत्र की समाप्ति के बाद ‘चाय पर चर्चा’ होती है.
इसे संसदीय लोकतंत्र में संवाद और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है.
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हालांकि पिछले साल विपक्षी दलों ने इस चाय पार्टी का बहिष्कार कर दिया था. उस समय केवल NDA सरकार के घटक दल ही इसका हिस्सा बने थे, लेकिन इस बार तस्वीर अलग दिखी. चाय पार्टी में सभी विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए जिसे पॉलिटिक्स की पॉजिटिव अप्रोच माना जा रहा है.
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