इस राज्य में अब 9 नहीं 10 घंटे करना होगा काम...सीएम की अध्यक्षता में नए कानून को मिली मंजूरी, जानें कब से लागू होगा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में बुलाई गई कैबिनेट बैठक में राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. फडणवीस सरकार ने अब अधिकतम दैनिक कार्य अवधि को मौजूदा 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के लिए कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस नए कदम का मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना, रोजगार सृजित करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है.
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महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य में प्राइवेट कर्मचारियों की अधिकतम ड्यूटी में 1 घंटे का इजाफा किया है. अब कर्मचारियों की दैनिक ड्यूटी को 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है. इसके लिए सरकार ने कानून में संशोधन की मंजूरी दे दी है. नए नियम के आधार पर अब किसी भी प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को 10 घंटे काम करना होगा. यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिया गया. इस नियम के बाद महाराष्ट्र भी उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां पर यह नियम पहले से लागू है.
महाराष्ट्र में 9 नहीं अब 10 घंटे काम करना होगा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में बुलाई गई कैबिनेट बैठक में राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. फडणवीस सरकार ने अब अधिकतम दैनिक कार्य अवधि को मौजूदा 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के लिए कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस नए कदम का मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना, रोजगार सृजित करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है.
इन राज्यों में शामिल हुआ महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद अब यह राज्य भी उन राज्यों में शुमार हो गया है, जहां पहले से यह कानून लागू है. बता दें कि कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में यह नियम पहले से लागू है.
यह संशोधन फैक्ट्री अधिनियम के तहत हुआ
बता दें कि यह संशोधन, फैक्टरी अधिनियम, 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत किए जाएंगे. संशोधनों के बाद उद्योगों को अधिक मांग या श्रमिकों की कमी के दौरान बिना व्यवधान काम करने की अनुमति होगी, सरकार ने इस कानून के तहत यह भी सुनिश्चित किया है कि काम करने वाले कर्मचारियों को ओवरटाइम का उचित मुआवजा भी मिले.
विश्राम का समय 5 से 6 घंटे हुआ
वहीं महाराष्ट्र में दैनिक कार्य घंटों की समय सीमा 9 से बढ़ाकर 12 घंटे की जाएगी. इसके अलावा विश्राम 5 घंटे से बढ़ाकर 6 घंटे कर दिया जाएगा. वहीं कानूनी ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर प्रति तिमाही 144 घंटे की जाएगी. हालांकि, इसके लिए श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी. साप्ताहिक कार्य को भी बढ़ाया गया है, जो अब साढ़े 10 घंटे से 12 घंटे कर दिया जाएगा.
इन श्रमिक प्रतिष्ठानों पर लागू होगा यह नियम
सरकार द्वारा लागू यह नया नियम 20 या उससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे. इससे कम वाले श्रमिकों के प्रतिष्ठानों को पंजीयन प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें केवल सूचना प्रक्रिया के तहत विभाग के अधिकारियों को अवगत कराना होगा.
नए निवेश को आकर्षित करेगा यह कानून
सरकार का कहना है कि यह कदम कारोबार में सुगमता लाएगा. प्रदेश में नए निवेश को आकर्षित करेगा, इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और श्रमिकों के वेतन संरक्षण एवं अधिकारों में सुधार सुनिश्चित करेगा.
श्रम विभाग का कानून पर बयान
इस नए कानून को लेकर श्रम विभाग ने पिछले सप्ताह अपना प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश किया था. विभाग का कहना है कि यह प्रस्तावित बदलाव, खासकर महिलाओं के लिए अधिक आरामदायक कार्य व वातावरण उपलब्ध कराएंगे. इससे कर्मचारियों और नियोक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं का भी समाधान होगा.
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