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अब हरियाणा में मकान बनाना पहले से ज्यादा आसान, सरकार ने बिल्डिंग कोड में किए बड़े बदलाव, जानें नया नियम

Haryana: महीनों तक फाइलें इधर-उधर घुमाने, कई दफ्तरों के चक्कर लगाने और निरीक्षण की धीमी प्रक्रिया का झंझट काफी हद तक खत्म हो गया है. सरकार का कहना है कि नई प्रणाली पूरी तरह सरल, पारदर्शी और समय बचाने वाली है.

10 Dec, 2025
( Updated: 10 Dec, 2025
02:47 PM )
अब हरियाणा में मकान बनाना पहले से ज्यादा आसान, सरकार ने बिल्डिंग कोड में किए बड़े बदलाव, जानें नया नियम
Image Source: Social Media

Haryana Building Code New Rules: हरियाणा सरकार ने आम लोगों, बिल्डरों और उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 में बड़े बदलाव किए हैं. अब घर, दुकान, होटल, मॉल या फैक्टरी जैसी किसी भी इमारत को बनाने के लिए पहले जैसी लंबी और उलझी हुई सरकारी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा.महीनों तक फाइलें इधर-उधर घुमाने, कई दफ्तरों के चक्कर लगाने और निरीक्षण की धीमी प्रक्रिया का झंझट काफी हद तक खत्म हो गया है. सरकार का कहना है कि नई प्रणाली पूरी तरह सरल, पारदर्शी और समय बचाने वाली है.

एफएआर बढ़ा, छोटे घरों के लिए भी तय हुआ न्यूनतम आकार

नई व्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ाने का है. इससे घर या दुकान बनाने वालों को पहले की तुलना में ज्यादा स्पेस मिल सकेगा। यह फैसला खासकर उन लोगों के लिए राहत वाला है जो छोटे प्लॉट पर घर बनाते हैं. इसके अलावा, पहली बार गरीब वर्ग के मकानों में बाथरूम और टॉयलेट का न्यूनतम आकार भी तय कर दिया गया है ताकि हर परिवार को सम्मानजनक और बेहतर रहने की सुविधा मिल सके.
लंबे समय से लोग शिकायत कर रहे थे कि बिल्डिंग परमिशन और ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (OC) लेने में कई-कई महीनों का समय लग जाता है और निरीक्षण प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है. अब इन समस्याओं को गंभीरता से देखते हुए सरकार ने पूरे सिस्टम को नया रूप दे दिया है.

बिल्डिंग्स को दो श्रेणियों में बांटा गया -  कम जोखिम और उच्च जोखिम

नई प्रणाली में सरकार ने इमारतों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा है ताकि हर प्रकार की बिल्डिंग का अनुमोदन सही और तेज़ तरीके से हो सके. 

1. कम जोखिम वाली बिल्डिंग्स
इस श्रेणी में शामिल हैं

आम मकान (छोटे और बड़े प्लॉट), जिनकी ऊंचाई 16.5 मीटर तक हो
दुकानें, एससीओ, एचसीएफ, डीएसएस
वे उद्योग जिनकी बिल्डिंग की ऊंचाई 30 मीटर तक हो
इन बिल्डिंग्स का प्रमाणन अब आर्किटेक्ट स्वयं कर सकेंगे, यानी आर्किटेक्ट सेल्फ-सर्टिफिकेटेशन मोड में ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट जारी कर देंगे. इससे छोटे मकानों और दुकानों के निर्माण में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा.

2. उच्च जोखिम वाली बिल्डिंग्स

इस श्रेणी में वे इमारतें शामिल होंगी जिनमें सुरक्षा, संरचना और उपयोग से जुड़ा जोखिम अधिक होता है. इनमें शामिल हैं - मल्टीप्लेक्स
ऊंची आवासीय इमारतें
बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स
डेटा सेंटर
बड़े होटल और रिसॉर्ट
ऐसी इमारतों का प्रमाणन थर्ड पार्टी तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा, ताकि सुरक्षा और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा सके.

अब जनता और उद्योगपतियों के लिए समय और पैसा दोनों की बचत


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इन बदलावों के बाद घर या दुकान बनाने की प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और आसान हो गई है. अब आम लोगों, डेवलपर्स और उद्योगपतियों को न निरीक्षण के नाम पर परेशान किया जाएगा और न ही महीनों तक O.C. और परमिशन का इंतजार करना पड़ेगा. इससे छोटे उद्योगों और आम नागरिकों का समय व पैसा दोनों बचेंगे और निर्माण कार्य बिना देरी के आगे बढ़ सकेगा.

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