ट्रंप के 50% टैरिफ दर का मोदी सरकार ने निकाला गजब का तोड़... इन 4 प्लान के जरिए अमेरिका को बड़ा झटका देने की तैयारी! जानिए पूरी रणनीति
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ दर की वजह से लाखों नौकरियों, निर्यातकों और श्रमिकों पर मंडरा रहे संकट को कम करने के लिए खास रणनीति तैयार की है. खबरों के मुताबिक, सरकार कोविड लॉकडाउन के दौरान लागू की गई राहत योजनाओं की तरह ही आम लोगों और लाखों व्यवसायों को राहत पहुंचाएगी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ दर का असर भारतीय निर्यातकों और श्रमिकों पर धीरे-धीरे पड़ना शुरू हो चुका है. भारत में लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है. यह बिल्कुल उसी तरह की स्थिति बन आई है, जैसे भारत में कोविड लॉकडाउन के दौरान हुआ था. उस दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की स्थिति को काफी बेहतर तरीके से संभाला था. पूरी दुनिया में कोरोना संकट से उबरने में भारत की तारीफ हुई थी. अब ऐसे में जब टैरिफ संकट भारत पर मंडरा रहा है, तो इस स्थिति से भी निपटने के लिए मोदी सरकार ने खास रणनीति तैयार की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत इससे निपटने के लिए सबसे पहले नगदी संकट पर जोर दे रहा है.
टैरिफ संकट से निपटने के लिए भारत की खास रणनीति
भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ दर की वजह से लाखों नौकरियों, निर्यातकों और श्रमिकों पर मंडरा रहे संकट को कम करने के लिए खास रणनीति तैयार की है. खबरों के मुताबिक, सरकार कोविड लॉकडाउन के दौरान लागू की गई कई राहत योजनाओं की तरह ही आम लोगों और लाखों व्यवसायों को राहत पहुंचाएगी. इसके अलावा अमेरिका से अलग नए बाजार खोजने और ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूती देने के लिए लंबी अवधि वाली रणनीतियों पर काम जारी है.
'नगदी संकट का समाधान ढूंढ रही मोदी सरकार'
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि 'केंद्र की मोदी सरकार सबसे पहले नगदी संकट पर समाधान ढूंढने पर खास ध्यान दे रही है. दूसरा निर्यात और रोजगार को बचाने के लिए कोविड के समय में अपनाए गए तरीकों और योजनाओं पर काम कर रही है.'
'ट्रंप के टैरिफ दर से कई समस्याएं आ सकती हैं'
अधिकारियों ने यह भी बताया कि 'ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ दर से कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं, इनमें भुगतान में देरी, माल की समय पर आपूर्ति न होना या फिर ऑर्डर का रद्द होना शामिल है. यही वजह है कि सरकार अपने उद्देश्य के मुताबिक नए मार्केट की तलाश में जुटी हुई है. ताकि, निर्यातकों के लिए चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के जरिए उन्हें राहत दी जा सके.
'सरकार राहत पैकेज का भी ऐलान कर सकती है'
केंद्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, सरकार जिस तरीके से कोविड लॉकडाउन के दौरान राहत पैकेज लेकर आई थी, ठीक उसी तरह छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए समस्या को कम करने पर कुछ इसी तरह के राहत पैकेज की घोषणा की जा सकती है.
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी पर ध्यान दे रही सरकार
खबरों के मुताबिक, सरकार इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) जैसी योजनाओं पर ध्यान देने की तैयारी में है, जिसमें 100% गारंटी के साथ बिना जमानत के लोन दिए जाएंगे. इससे लाखों छोटे और मध्यम उद्योग व्यापारी दिवालिया होने से बच जाएंगे. यह योजना लॉकडाउन में भी काम आई थी, जिसके चलते 68 दिनों तक उद्योग बंद होने की वजह से इस योजना ने कई उद्योगों को बचाया था.
मौजूदा स्थिति और जरूरतों के अनुसार हो सकता है बदलाव
अधिकारियों ने यह भी बताया कि मौजूदा स्थिति और उसकी जरूरतों के अनुसार इन योजनाओं में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं. सरकार इन योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से लोगों को राहत देने के लिए लागू करेगी. इसके लिए लंबी अवधि की रणनीति तैयार की जा रही है.
जीएसटी में भी राहत देने की तैयारी
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केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सरकार टैरिफ दर से जुड़ी कई चीजों पर राहत देने पर विचार कर रही है. अगले सप्ताह होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स घटाने और सुधार से जुड़े कई अहम फैसले भी लिए जा सकते हैं. सरकार घरेलू बाजार को इसलिए मजबूती प्रदान करने में लगी हुई है, ताकि अर्थव्यवस्था सुरक्षित रहे और बाहरी कारक टैरिफ की वजह से इसमें किसी भी तरह का कोई प्रभाव न पड़े.
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