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‘पुरुष ट्रेनर्स बिना सुरक्षा उपायों के महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं…’, इलाहबाद हाईकोर्ट ने आखिर क्यों जताई चिंता, जानिए

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिम में महिलाओं को ट्रेनिंग देने वाले पुरुष ट्रेनर्स को लेकर कहा कि पुरुष ट्रेनर्स बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिससे उनके सम्मान का सवाल जुड़ा है.

Allahabad High Court/Meta AI

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिम में महिलाओं को ट्रेनिंग देने वाले पुरुष ट्रेनर्स के तौर-तरीकों पर चिंता जताई है. अदालत ने कहा कि पुरुष ट्रेनर्स बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिससे उनके सम्मान का सवाल जुड़ा है. कोर्ट यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान कर रहा था, जिसमें एक महिला ने जिम ट्रेनर पर अपनी सहेली के अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया था.

जस्टिस शेखर यादव मामले की सुनवाई कर रहे थे. बार एंड बेंच के अनुसार, उन्होंने कहा, 'यह बहुत चिंता की बात है कि मौजूदा समय में पुरुष जिम ट्रेनर महिलाओं को बगैर किसी ऐसी पर्याप्त सुरक्षा के ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित किया जा सके.' मौजूदा मामले में ट्रेनर पर जिम में आने वाली महिला से जाति सूचक शब्द कहे थे.

पिछले साल जिम ट्रेनर नितिन सैनी के खिलाफ IPC की धाराओं और SC/ST एक्ट 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया था. उस पर महिला को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने, धक्का देने और कसरत के दौरान जिम से बाहर फेंकने के आरोप लगे थे. पीड़िता ने यह भी कहा कि आरोपी ने उसकी सहेली का अश्लील वीडियो बनाया था.

27 अगस्त को अदालत ने आदेश दिया था कि यह जांच की जाए कि आरोपी का जिम संबंधित कानूनों के तहत पंजीकृत है या नहीं. कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया था कि जिम में महिला ट्रेनर्स नियुक्त हैं या नहीं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

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