7 हजार से 4 हजार करोड़ तक का सफर, एक कंपनी ने चंद्रबाबू नायडू को बना दिया देश का सबसे अमीर मुख्यमंत्री
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 931 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ ADR की सूची में देश के सबसे अमीर सीएम बने हैं. उनकी सबसे बड़ी ताकत 33 साल पहले किसानों के लिए शुरू की गई डेयरी कंपनी हेरिटेज फूड्स है.
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर ADR (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की लिस्ट में भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्री घोषित हुए हैं. उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 931 करोड़ रुपये बताई है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा उनके परिवार की कंपनी हेरिटेज फूड्स लिमिटेड से आता है. दिलचस्प बात यह है कि नायडू ने खुद कंपनी में कोई शेयर नहीं रखा है. उनकी पत्नी नारा भुवनेश्वरी के पास 24.37% हिस्सेदारी है, जो उनकी घोषित संपत्ति में शामिल है. नारा परिवार के पास कुल 41.3% हिस्सेदारी है.
7 हजार रूपए की पूंजी से रखी नींव
साल 1992 में जब नायडू महज एक विधायक थे, तब उन्होंने सिर्फ 7,000 रुपये की पूंजी से हेरिटेज फूड्स की नींव रखी. उस समय उनके गृह जिले चित्तूर में दूध की अधिकता थी और किसानों को मार्केटिंग संकट का सामना करना पड़ रहा था. नायडू ने इसे अवसर में बदलते हुए कंपनी बनाई. 1993 में ऑपरेशन शुरू हुआ और 1994 में कंपनी का आईपीओ आया, जो 54 गुना सब्सक्राइब हुआ. पहले ही साल कंपनी ने 19,000 लीटर दूध प्रतिदिन प्रोसेस किया और 4.36 करोड़ रुपये की आय अर्जित की. इसके बाद कंपनी ने लगातार प्रगति की और 2025 तक इसका टर्नओवर 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
किसानों से जुड़ा भरोसा
कंपनी का दावा है कि इसे कभी भी सरकारी सब्सिडी या विशेष लाभ नहीं मिला. इसकी सफलता का आधार केवल गुणवत्ता, उपभोक्ताओं का भरोसा और किसानों की भागीदारी रही. आज करीब 3 लाख डेयरी किसान नौ राज्यों से जुड़े हैं और हेरिटेज उत्पाद 17 राज्यों में उपलब्ध हैं.
परिवार की भूमिका
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1994 में नायडू ने राजनीति पर ध्यान देने के लिए कंपनी से इस्तीफा दे दिया और इसकी जिम्मेदारी उनकी पत्नी भुवनेश्वरी ने संभाली. आज वे कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जबकि उनकी बहू नारा ब्रह्माणी लंबे समय से एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. 33 साल पुरानी यह यात्रा न केवल नायडू की उद्यमिता सोच को दर्शाती है, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं को जोड़ने वाला एक सफल मॉडल भी पेश करती है. यही कारण है कि आज वे राजनीति के साथ-साथ देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों में भी शुमार हैं.
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