कोडीन सिरप तस्करी का बड़ा खुलासा, 30 से ज्यादा FIR के बाद ED की एंट्री, 32 आरोपी गिरफ्तार
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह कोडीन वाली कफ सिरप की बोतलों को अवैध तरीके से स्टोर करता था, एक जगह से दूसरी जगह ले जाता था और बड़े पैमाने पर बेचता था.
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उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले दो महीनों में लखनऊ, वाराणसी, सोनभद्र, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत कई जिलों में दर्ज 30 से ज्यादा एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामला दर्ज कर लिया है. ईडी ने इन सभी एफआईआर को मिलाकर एक बड़ी आर्थिक अपराध शिकायत (ईसीआईआर) दर्ज की है.
कैसे चलता था कफ सिरप तस्करी का नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह कोडीन वाली कफ सिरप की बोतलों को अवैध तरीके से स्टोर करता था, एक जगह से दूसरी जगह ले जाता था और बड़े पैमाने पर बेचता था. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस सिरप को अवैध तरीके से देश से बाहर भी भेजा जा रहा था. खासकर बांग्लादेश और नेपाल की तरफ. पूरे मामले में अब तक 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेन-देन का पता चला है.
मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल फरार
इस रैकेट का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अभी फरार है. पुलिस को शक है कि वह फिलहाल दुबई में छिपा बैठा है. शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अब तक इस मामले में कुल 32 लोगों को पकड़ा है. इनमें कई बड़े सप्लायर, स्टॉकिस्ट और तस्कर शामिल हैं.
विदेशी लेन-देन और संपत्तियों की भी जांच
यूपी सरकार ने मामले की गहराई तक जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी बना दिया है. इस एसआईटी का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और यह टीम सभी एफआईआर, जब्त दवाओं, बैंक खातों और विदेशी लेन-देन की पूरी छानबीन कर रही है.
जांच अधिकारियों का कहना है कि कोडीन वाले कफ सिरप नशे के रूप में बहुत तेजी से इस्तेमाल हो रहे थे, इसलिए इसका अवैध कारोबार इतने बड़े स्तर पर फैल गया. अब ईडी की एंट्री के बाद आरोपियों की विदेशी संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी जांच होगी.
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