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दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट जारी, भारत की रैंक देखकर चौंक जाएंगे आप!

इस ब्लॉग में वर्ल्ड बैंक की हालिया रिपोर्ट के आधार पर दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची पेश की गई है, जो प्रति व्यक्ति GDP यानी per capita GDP के आधार पर बनाई गई है. रिपोर्ट में लक्जमबर्ग, सिंगापुर, मकाऊ जैसे छोटे लेकिन आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों ने टॉप स्थान हासिल किए हैं.
दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट जारी, भारत की रैंक देखकर चौंक जाएंगे आप!
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की रिपोर्ट हर साल दुनिया के देशों की आर्थिक स्थिति का आइना दिखाती है. इन्हीं में से एक है वर्ल्ड बैंक, जो समय-समय पर GDP यानी सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर देशों की समृद्धि का मूल्यांकन करता है. GDP एक ऐसा आंकड़ा है जो यह बताता है कि कोई देश आर्थिक रूप से कितना मजबूत है. हाल ही में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट आई जिसने दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट जारी की. लेकिन ये रैंकिंग उस GDP के आधार पर की गई है जिसे 'per capita GDP' यानी प्रति व्यक्ति आय कहते हैं.

यह रिपोर्ट न केवल यह दिखाती है कि कौन से देश आर्थिक महाशक्ति हैं, बल्कि यह भी उजागर करती है कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश इस लिस्ट में कहां खड़े हैं.

लक्जमबर्ग: एक छोटा देश, पर अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा
यूरोप का छोटा सा देश लक्जमबर्ग इस लिस्ट में पहले स्थान पर है. इसकी प्रति व्यक्ति आय लगभग 1,28,000 अमेरिकी डॉलर है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. सोचने वाली बात यह है कि एक इतना छोटा देश इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था कैसे बना सकता है. दरअसल, यहां का बैंकिंग सेक्टर, तकनीकी सेवाएं और कम जनसंख्या इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं. विदेशी निवेश और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल ने इस देश को दुनिया की आर्थिक दौड़ में अव्वल बना दिया है.

सिंगापुर: एशिया की शान और वैश्विक कारोबारी केंद्र
एशिया में अगर कोई देश इस लिस्ट में चमक रहा है तो वो है सिंगापुर. यह देश केवल एक बंदरगाह या ट्रांजिट हब नहीं, बल्कि आज के समय में टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और ट्रेड का इंटरनेशनल सेंटर बन चुका है. प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो यह करीब 94,000 डॉलर के आसपास है. यहां की सरकार की आर्थिक नीतियां, भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था और शिक्षा में निवेश ने इसे यह मुकाम दिलाया है.

मकाऊ एसएआर: कैसीनो से करोड़ों का कारोबार
मकाऊ को एशिया का 'लास वेगास' भी कहा जाता है. चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला यह देश कैसीनो, टूरिज्म और इंटरनेशनल हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से भारी मात्रा में कमाई करता है. प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में यह दुनिया में तीसरे नंबर पर है.

आयरलैंड: यूरोप का तकनीकी और वित्तीय हब
आयरलैंड की आर्थिक सफलता की कहानी भी दिलचस्प है. एक दौर में यह देश संघर्ष कर रहा था, लेकिन आज यह टेक्नोलॉजी कंपनियों का हॉटस्पॉट बन चुका है. गूगल, फेसबुक, ऐप्पल जैसी कंपनियों का यूरोपीय मुख्यालय यहां स्थित है. यहां की प्रति व्यक्ति आय लगभग 88,000 डॉलर है. इसका मतलब है कि यहां के हर नागरिक की औसतन सालाना कमाई इतनी है, जो किसी विकासशील देश की पूरी अर्थव्यवस्था के बराबर बैठती है.

कतर: तेल और गैस की ताकत से बना धनी देश
मध्य-पूर्व का यह छोटा-सा देश अपने तेल और गैस के भंडारों के लिए जाना जाता है. कतर की आबादी भले ही कम है, लेकिन इसके पास इतनी ऊर्जा संपदा है कि यह देश प्रति व्यक्ति GDP के मामले में दुनिया के टॉप देशों में बना रहता है. इसके नागरिकों को सब्सिडी, स्वास्थ्य सेवाएं और उच्च जीवन स्तर मुफ्त में मिलती हैं.

नॉर्वे: प्रकृति और पॉलिसी का संतुलन
नॉर्वे की सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग किया है. यह देश न केवल तेल और गैस के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली और शिक्षा प्रणाली ने भी इसे आर्थिक रूप से ताकतवर बनाया है. यहां की प्रति व्यक्ति आय 82,000 डॉलर के करीब है. नॉर्वे की खास बात यह है कि यहां की जनसंख्या भले कम हो, लेकिन संसाधनों का समान वितरण इसकी असली ताकत है.

स्विट्जरलैंड: बैंकिंग की राजधानी
स्विट्जरलैंड का नाम लेते ही लोगों को बैंक, घड़ियां और चॉकलेट याद आती है. लेकिन इससे कहीं ज्यादा यह देश वैश्विक बैंकिंग और इन्वेस्टमेंट का केंद्र है. कई देश अपने फंड और ब्लैक मनी को सुरक्षित रखने के लिए स्विट्जरलैंड का रुख करते हैं. इसका असर यहां की जीडीपी पर साफ दिखता है.

भारत: तेज़ी से बढ़ती लेकिन लंबा सफर बाकी
अब बात करते हैं भारत की. जीडीपी के कुल आंकड़ों में भले ही भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत अभी पीछे है. वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट में भारत का स्थान 124वां है.

इसका कारण है भारत की विशाल जनसंख्या और संसाधनों का असमान वितरण. हालांकि, पिछले कुछ सालों में भारत की ग्रोथ रेट तेज हुई है. टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने भारत को वैश्विक निवेशकों का आकर्षण बना दिया है. लेकिन जब तक शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक असमानता की चुनौतियों का हल नहीं निकलेगा, भारत को अमीर देशों की लिस्ट में ऊपर पहुंचने में समय लगेगा.

GDP क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

GDP वह आंकड़ा है जो यह बताता है कि एक देश में कितना उत्पादन हो रहा है, लोगों की क्रयशक्ति क्या है, और उनका जीवन स्तर कैसा है. जब हम GDP को 'प्रति व्यक्ति' यानी प्रति नागरिक के अनुसार मापते हैं, तब हमें असली तस्वीर मिलती है कि आम आदमी को क्या फायदा हो रहा है.

दुनिया के इन अमीर देशों की कहानी एक बात साफ करती है सिर्फ संसाधन नहीं, नीति, पारदर्शिता और दूरदर्शिता भी आर्थिक सफलता की कुंजी हैं. भारत के पास जनसंख्या, बाजार और तकनीक की ताकत है. अगर इन्हें सही दिशा दी जाए, तो भारत भी आने वाले दशक में टॉप 10 देशों में अपनी जगह बना सकता है.
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