जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू प्रसाद यादव को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने लालू की ओर से निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लालू की तरफ से दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में इस संबंध में याचिका लंबित है.
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लालू प्रसाद यादव को लैंड फॉर जॉब मामले में बड़ा झटका लगा है. बिहार चुनाव से पहले आरजेडी प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया है. जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव द्वारा निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज कर दी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का आरोप है.
लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव को लगा बड़ा झटका
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने लालू की ओर से निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लालू की तरफ से दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में इस संबंध में याचिका लंबित है.
ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रद्द करने की मांग की गई थी
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता मुदित गुप्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी. इसमें ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई को 12 अगस्त तक रद्द करने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर क्या कहा?
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश एवं जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 'निचली अदालत का आरोप तय करना, हाई कोर्ट में लंबित याचिका के फैसले पर निर्भर करेगा. ऐसे में लोअर कोर्ट में आरोप तय होते ही उच्च न्यायालय में लंबित याचिका रद्द हो जाएगी.'
18 जुलाई को भी कोर्ट ने मामले की सुनवाई से किया था इनकार
जानकारी के लिए बता दें कि 18 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद लालू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. इसमें निचली अदालत ने अपने फैसले में मुकदमा चलाने पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दी थी.
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के ऊपर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का आरोप है. यह पूरा मामला उस दौरान का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र की कांग्रेस सरकार में साल 2004 से लेकर 2009 के बीच रेल मंत्री थे. 5 साल के कार्यकाल में उनके और परिवार के ऊपर आरोप लगे थे कि रेलवे में ग्रुप डी के कई पदों पर नियमों की अनदेखी करते हुए नौकरियां दी गई. इसमें नौकरी के बदले जो भी जमीनें ली गईं. वह लालू प्रसाद यादव के परिवार, रिश्तेदारों और अन्य करीबियों के नाम लिखवाई गई थीं. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है. वही दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इसको लेकर चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है.
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