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झारखंड: शहरी निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट सख्त, कहा - 'रूल ऑफ लॉ' का गला घोंट रही है सरकार'

झारखंड हाईकोर्ट के जज आनंदा सेन ने 4 जनवरी 2024 को एक याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया था कि राज्य के सभी नगर निकायों (जैसे नगर पालिका, नगर निगम) के चुनाव तीन हफ्तों के अंदर कराए जाएं.

झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव न कराने के लिए राज्य सरकार पर नाराजगी जताई और मुख्य सचिव को अदालत में तलब किया है. यह आदेश रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया.

कोर्ट ने कहा सरकार 'रूल ऑफ लॉ' की धज्जियां उड़ा रही

कोर्ट ने कहा कि सरकार अदालत के आदेशों को दरकिनार कर 'रूल ऑफ लॉ' की धज्जियां उड़ा रही है. ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है.

स्थानीय निकाय चुनाव मामले में मुख्य सचिव तलब

झारखंड हाईकोर्ट के जज आनंदा सेन ने 4 जनवरी 2024 को एक याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया था कि राज्य के सभी नगर निकायों (जैसे नगर पालिका, नगर निगम) के चुनाव तीन हफ्तों के अंदर कराए जाएं. लेकिन, इस आदेश का अभी तक पालन नहीं हुआ. इस वजह से अब कोर्ट में एक अवमानना याचिका (आदेश न मानने की शिकायत) दायर की गई है. प्रार्थी की ओर से पेश अधिवक्ता विनोद सिंह ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश करते हुए कार्रवाई की मांग की. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है और मुख्य सचिव को खुद कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है.

निकाय चुनाव न कराने पर हाईकोर्ट नाराज

उल्लेखनीय है कि झारखंड के सभी नगर निकायों (नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत) का कार्यकाल अप्रैल 2023 में खत्म हो चुका है. नियम के मुताबिक, 27 अप्रैल 2023 तक चुनाव कराने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का फैसला किया. इसके लिए सरकार ने करीब एक साल पहले ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है. अप्रैल 2023 के बाद से इन नगर निकायों का प्रबंधन सरकारी प्रशासकों के हाथों में है और पिछले ढाई साल से इनमें कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है.

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