जगद्गुरु रामभद्राचार्य की PoK पर बड़ी भविष्यवाणी, कहा- बहुत जल्द भारत को मिलेगा
देश में पहली बार किसी संत को ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया है. वो संत हैं जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य. समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान जगद्गुरु ने कहा "हमें पीओके चाहिए और हमें यह बहुत जल्द मिलेगा."

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के पराक्रम की जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने जमकर तारीफ की है. दावा किया कि पाकिस्तान की ऐसी पिटाई हुई है कि उबरने में उसे सैकड़ों साल लगेंगे. इसके साथ ही संस्कृत विद्वान ने विश्वास के साथ कहा, "हमें पीओके चाहिए और हमें यह बहुत जल्द मिलेगा."
भारत को बहुत जल्द मिलेगा PoK
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि "मुझे लगता है कि पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आएगा. पाकिस्तान को यह समझना होगा कि इस बार ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसकी जमकर धुलाई हुई है और आगे फिर से नापाक हरकत की तो अंजाम घातक होंगे."
उन्होंने आगे कहा, " हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तान की जमकर पिटाई की है लेकिन, भारत के हाथों पिटाई खाने के बाद भी पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है. हम कह रहे हैं कि हमें पीओके चाहिए और हमें यह बहुत जल्द मिलेगा." जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को जो चोट पहुंचाई है उससे उबरने में पाकिस्तान को एक शताब्दी का समय लगेगा.
राष्ट्रपति मुर्मु ने किया ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मनित
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मान को रामभद्राचार्य ने लंबे संघर्ष का नतीजा बताया. उन्होंने कहा, जितना बड़ा संघर्ष होता है, उतनी ही बड़ी सफलता भी मिलती है. मैंने लंबे समय तक संघर्ष किया है, इसलिए सफलता भी बड़ी है. पहली बार किसी संत को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह मैंने किसी से उधार में नहीं लिया है. मैंने काम किया, इसीलिए मुझे यह मिला है. मैंने 250 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से 150 संस्कृत में हैं. संस्कृत में मेरी चार महाकाव्य हैं.
President Droupadi Murmu conferred the 58th Jnanpith Award on Sanskrit scholar Jagadguru Rambhadracharya Ji in New Delhi. The President praised Shri Rambhadracharya Ji for his contribution in both the fields of literature and social service. pic.twitter.com/IgGGzsvWP6
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 16, 2025
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार(16मई) को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने (रामभद्राचार्य) उत्कृष्टता का प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है. दिव्यांग होने के बावजूद, जगद्गुरु ने अपने दिव्य दृष्टिकोण से साहित्य और समाज की सेवा में असाधारण योगदान दिया है. रामभद्राचार्य ने साहित्य और सामाजिक सेवा दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय कार्य किया है. उनके गौरवशाली जीवन से प्रेरणा लेकर आने वाली पीढ़ियां साहित्य सृजन, समाज और राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ती रहेंगी.